जसवंत सिंह सरहौल भारत की सेना से कर्नल रिटायर होने के बाद कैबिनेट मिनिस्टर रहे जसवंत सिंह जी का आज सुबह ६ बज केर ५५ मिनट पर निधन हो गया वो २५ जून से अपने इलाज के लिए सेना के रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल मैं एडमिट थे अगस्त २०१४ मैं घर मैं गिर जाने के वजह से तभी से वो बीमार चल रहे थे। इस बीच वो कई दफा हॉस्पिटल मैं एडमिट हुए और ठीक होकर वापस भी चले जाते थे पैर इस बार ८२ इयर्स की उम्र मैं डॉक्टर उन्हे नहीं बचा पाए. अटल बिहारी जी के कार्य काल मैं उन्होंने फाइनेंस , विदेश और रक्षा विभाग जैसे महत्व पूर्ण विभाग संभाले। भारत के प्रधान मंत्री नरेदर मोदी जी ने उनकी मोत पर गहरा दुःख जताया है " जसवंत सिंह जी ने पूरी लगन के साथ हमारे देश के सेवा की पहले एक सैनिक के रूप मैं फिर उसकी बाद एक कुशल राजनीतिक के रूप मैं. उनकी निधन से मैं बहुत दुखी हूँभारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने जसवंत सिंह जी की अकस्मात मृत्यु पर गहरा शोक वयक्त किया है उन्होंने रक्षा मंत्रालय जैसे विभाग के प्रभारी सहित कई क्षमताओं से देश की सेवा की है , वो एक प्रभावी मंत्री के साथ साथ बहुत ही लोकप्रिय सांसद भी थे. राजनाथ सिंह जी का कहना ही की जसवंत सिंह जी ने राजस्थान मैं भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने मैं बहुत बड़ा योगदान दिया है देश उनकी इस निष्ठां को कभी भुला नहीं पायेगा। सन १९८० मैं पहली बार जसवंत सिंह जी राज्य सभा मैं सांसद बनकर आये थे १९९६ मैं भारतीय जनता पार्टी की १३ दिन की सरकार मैं श्री अटल बिहारी वाजपई जी ने उन्हे विदेश मंत्री बनया था। उसके बाद दोबारा जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार दुबारा सत्ता मैं आयी तो वाजपेयी जी दुबारा विदेश मंत्री बनाना चाहत्ते थे पर आर एस एस नहीं चाहती थी। फिर कुछ समय बाद उन्हे दोबारा मंत्री बनाया गया. साल २०१४ मैं उनकी रिश्ते भारतीय जनता पार्टी से ख़राब हो गए थे और २०१४ मैं अपने बल पैर चुनाव लड़ा पर हार गए थे। जसवंत सिंह जी का अंतिम संस्कार उनके जन्म स्थान जोधपुर मैं किया जायेगा। एक कुशल राजनीतिक के जाने का डिजायर न्यूज़ को बहुत दुःख है और परिवार के साथ सवेदना है भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे