जहाँ सरकार कोई फैसला लेने में डर रही होती हैं, या जहाँ राज्य में उसकी अपनी सरकार नहीं होती, तो नया कोई भी क़ानून बनाने में प्रॉब्लम आती हैं वहां हमारा सुप्रीम कोर्ट सामने आ जाता हैं। कोरोना काल में पिछले साल मई में जब सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों को भूख से मरते देखा तो उन्होंने खुद संज्ञान लेकर इस पर आदेश देने की ठान ली। आखिर में आकर सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई 2021 तक एक देश एक राशन कार्ड को लागु करने का आदेश सरकार को दिया हैं। असम , छतीस गढ़ वेस्ट बंगाल ओर दिल्ली इन चार राज्यों ने अपने सहमित्ति नहीं दी थी , दिल्ली ने बाद मैं कहा की वो इसे लागू करेगी धीरे धीरे। आखिर क्या हैं एक देश एक राशन कार्डअगर ये स्कीम लागु हो जाती है तो करीब 69 करोड़ लोग वो जहाँ भी जिस भी स्टेट में होंगे उन्हे सस्ती दरों पर दुकान से राशन मिल जायेगा। अभी अगर किसी का राशन कार्ड जिस एड्रेस पर बना हैं वो वही से राशन ले सकता हैं। सुप्रीम कोर्ट ने देखा लाखो प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने गांव जा रहे हैं ओर सरकारे कुछ नहीं कर रही हैं तब कही जाकर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। इस एक देश एक राशन कार्ड से राशन माफ़ियों पर अंकुश लगेगा। जब आधार कार्ड एक बन सकता है ओर पूरे देश में चल सकता हैं तो राशन के लिये एक कार्ड क्यों नहीं। अगर एक मजदूर अपने राज्य को छोड़ कर दूसरे राज्य में काम करने जाता हैं तो मजबूरी में उसे झूठा राशन कार्ड वहां बनवाना पड़ता हैं या फिर उसे बाज़ार से महँगा राशन ख़रीदना पड़ता हैं जो की बहुत महंगा हैं। अगर एक देश एक राशन कार्ड लागू हो जाता है तो फिर प्रवासी किसी को भी राशन माफ़िया के चक्कर काटने नहीं पड़गे। सुप्रीम कोर्ट की बैंच में जस्टिस अशोक भूषण ओर जस्टिस एम आर शाह ने सरकार को आदेश दिये की वो 31st जुलाई तक एक देश एक राशन कार्ड को लागू करे. अपने 80 पेज के जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को आदेश दिये की कोरोना महामारी में कम्यूनिटी किचन ओर सूखे राशन का सभी प्रवासियो के लिये प्र्बन्द हो। वेस्ट बंगाल ने कहा सूखे राशन का प्रवासियो के लिये कोई प्रावधान नहीं हैं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे अपने आदेश में लागु करने को बोला हैं। अभी तक आप अपने एड्रेस पर जो राशन की दुकान हैं उससे ही राशन ले सकते थे अगर उसपर राशन ख़तम हो गया या किसी कारण दुकान बंद हैं तो आप को सिर्फ और सिर्फ इंतज़ार ही करना हैं। अगर एक देश एक राशन कार्ड आ जाता है तो आप कही से कभी भी अपना राशन ले सकते हैं एक राशन माफ़िया का राज ख़तम हो जायेगा। सुप्रीम कोर्ट का फैसला गरीबो के हक़ में। जस्टिस अशोक भूषण जो हमेशा से एक मृदु भाषी जज रहे ओर कितने ही महत्व पूर्ण जजमेंट उन्होंने दिये , अपने सेवानृवित होने से पहले ये ऐतिहासिक फैसला सुना कर गये। सुप्रीम कोर्ट की इस पहल की डिजायर न्यूज़ सरहाना करता है ओर जल्द ही एक देश एक राशनकार्ड लागू हो जायेगा ऐसी कामना करता हैं। संजीव शर्माएडिटर इन चीफ