दूसरी बार आमिर खान लेने चले हैं तलाक ? जैसा की आमिर खान और उनकी पत्नी किरण ने साझा बयान दिया की 15 साल साथ रहने के बाद अब उन्होंने अलग रहने का फैसला किया हैं। इतना कैज़ुअल बयान है मानो जैसे कुछ हुआ ही नहीं क्या ये भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं। जहाँ दोनों बच्चे जवान हैं ओर माँ बाप तलाक़ की बात कर रहे हैं। रीना और किरण दोनों ही हिन्दू लड़कियों से आमिर खान ने शादी की जबकि रीना से शादी के लिये तो आमिर का परिवार राज़ी ही नहीं था। मिस्टर पर्फेक्शनिस्ट अब ये नाम आमिर खान को रियल में सूट नहीं करता रील में ही ठीक हैं , जो इंसान परिवार को नहीं संभाल सकता उसे कैसे परफैक्टिनिस्ट कह सकते हैं। 15 साल के रिश्ते को कैसे कोई ख़तम कर सकता हैं। क्या प्यार ऐसा ही होता है?बॉलिवुड के 'मिस्टर पर्फेक्शनिस्ट' कहे जाने वाले सुपरस्टार आमिर खान एक बार फिर अपने तलाक के कारण खबरों में बने हुए हैं। आमिर ने अपनी पहली पत्नी रीना दत्ता को तलाक देकर किरण राव से शादी की थी। अब 15 साल बाद उन्होंने किरण को भी तलाक दे दिया है। एक समय था जब आमिर अपनी पहली पत्नी रीना के प्यार में पागल हुआ करते थे। आइए, जानते हैं उनकी प्रेम कहानी।आमिर खान अपनी जवानी के दिनों में रीना को देखकर पागल हो गए थे। रीना दत्ता और आमिर खान के घर आमने-सामने थे। आमिर रीना को एकतरफा प्यार करने लगे थे। तब तक रीना की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं था लेकिन बाद में रीना भी आमिर को चाहने लगी थीं।रीना दत्ता हिंदू थीं जबकि आमिर मुस्लिम हैं। ऐसे में दोनों के धर्म उनके प्यार के आड़े आने लगे। रीना और आमिर के परिवार इस शादी के लिए मंजूर नहीं थे। ऐसे में आमिर और रीना ने 18 अप्रैल 1986 को चुपचाप शादी कर ली। बाद में जब यह बात दोनों परिवारों के सामने आई तो उन्होंने इस शादी को स्वीकार कर लिया। आमिर खान के बेटे का नाम जुनैद खान है और बेटी का नाम आइरा। जुनैद ऐक्टिंग करते हैं और आइरा डायरेक्शन के फील्ड में काम कर रही हैं।किरण और आमिर खान का साझा बयान सामने आया हैं - डिजायर न्यूज़'15 साल साथ बिताने के दौरान हमने हंसी-खुशी से हर पल को जिया और हमारा रिश्ता विश्वास, सम्मान और प्यार के साथ आगे बढ़ता रहा। अब हम अपनी जिंदगी का नया अध्याय शुरू करेंगे-जो कि पति-पत्नी की तरह नहीं, बल्कि को-पेरेंट और एक-दूसरे के लिए परिवार की तरह होगा। हमने कुछ समय पहले ही अपना सेपरेशन प्लान किया था और अब हम इस अलग-अलग रहने की व्यवस्था में सहज हैं। हम बेटे आज़ाद के लिए को-पेरेंट्स बने रहेंगे और उसकी परवरिश साथ ही करेंगे।हम फिल्मों और अपने पानी फाउंडेशन के अलावा उन सभी प्रोजेक्ट्स पर साथ काम करते रहेंगे जिनमें हमारी रूचि होगी। हमारे दोस्तों और परिवारों को शुक्रिया जिन्होंने हमें इस दौरान अपना लगातार सपोर्ट किया, उनके समर्थन के बिना हम ये फैसला लेने में सक्षम नहीं हो पाते। हम अपने शुभचिंतकों से ये आशा करते हैं कि वो हमारी तरह इस तलाक को एक अंत नहीं, बल्कि एक नए सफर की शुरुआत की तरह देखें।दोनों के बयान से तो लगता हैं वो साथ भी है और अलग भी हैं। कुछ भी हो तलाक एक सभ्य समाज के लिये अच्छा नहीं। संजीव शर्माएडिटर इन चीफडिजायर न्यूज़