भारतीय सेना में अग्निपथ भर्ती योजना
डिजायर न्यूज नई दिल्ली - सेना किसी भी विकासशील देश की जान होती है, जब हम अपने घर में सकून से सो रहे होते हैं तब भी हमारे सैनिक बाॅर्डर पर हमारी रक्षा के लिए दिन रात एक कर रहे होते है, उन्हे अपने घर से ज्यादा देश प्यारा होता है, तिरंगा उनकी शान है। अभी हाल ही में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की शुरुआत की है। अभी भर्ती प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई, इस से पहले ही बिहार से लेकर हरियाणा तक लोग सड़कों पर उत्तर आये और आगजनी करने लगे। विपक्षी दलों का कहना है कि 4 साल अग्निपथ वीरों का क्या होगा। डिजायर न्यूज आज आप को ’’अग्निपथ भर्ती योजना‘’ के बारे में कुछ पहलुओं पर नजर डाल रहा है।
क्या बी टेक, एम बी ए के बाद मिलती है पक्की नौकरी ?
अगर दोस्तों हम बात करें सनातक या किसी भी जॉब के कोर्स की, तो क्या आप लाखों रूपये देकर वो पढ़ाई नहीं करते ? क्या 6 साल कॉलेज के धक्के खाकर आप को एक दम नौकरी मिल जाती है ? नहीं। अगर सरकार 4 साल में आप पर लाखों रूपये खर्च करके, आप को एक अच्छी नौकरी के काबिल बना रही है तो इस में गलत क्या है ? आप को अपनी जिंदगी बदलने का एक मौका मिल रहा है और साथ ही साथ उस मेहनत का पैसा भी मिल रहा है। 4 साल बाद अग्निपथ वीर इस काबिल बन जाता है कि वो अपने लिए एक बेहतरीन जॉब पर काम कर सकता है। ये एक तरह से आप की डेवलपमेंट की पेड ट्रेनिंग है सुरक्षा के साथ। जिंदगी के 4 साल आप एक ऐसी जगह पर होते है जहाँ देश का हर नागरिक आप को सलाम करता है, और जिंदगी भर करेगा भी। जो मान सम्मान एक वर्दी देती है उतना सम्मान किसी इंसान को पूरी जिंदगी नहीं मिल पाता है।
अग्निपथ भर्ती योजना‘ क्या है ?
रक्षा मंत्रालय ने सेना भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। सेना भर्ती के लिए सरकार की ओर से ‘अग्निपथ भर्ती योजना‘ को लॉन्च किया गया है। इस मौके पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया, इसके तहत सेना में चार साल के लिए अग्निवीरों यानी युवाओं की भर्ती की जाएगी। सरकार की ओर से यह कदम सेना की औसत उम्र कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। उन्होंने बताया कि इस समय सेना की औसत उम्र 32 साल है, जिसे अगले कुछ सालों में 26 साल करने का प्रयास किया जाएगा। यह योजना रक्षा बलों के खर्च और आयु प्रोफाइल को कम करने की दिशा में सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा मानी जा रही है।
बिंदुवार समझते हैं, क्या है यह अग्निपथ भर्ती योजना‘ ? युवाओं को किस तरह से मिलेगा मौका ?
‘अग्निपथ भर्ती योजना‘ के तहत युवा चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होंगे और देश की सेवा करेंगे। चार साल के अंत में लगभग 75 फीसदी सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें आगे के रोजगार के अवसरों के लिए सशस्त्र बलों से सहायता मिलेगी। अग्निपथ योजना को लेकर उठने वाले तमाम सवालों का जवाब देते हुए तीनों रक्षा प्रमुख और रक्षा मंत्री ने कहा कि यह एक नई योजना है। जिसके लिए पिछले 2 सालों से काफी तैयारी की गई है और यह देश के लिए कारगर साबित होगी, इसमें पैसे बचाने की बात को मद्देनजर नहीं रखा गया है। बल्कि देश को यंग टैलेंट देने के नजरिए से इसे तैयार किया गया है। पहले बैच में 46000 अग्निवीरों को तीनों सेना में भर्ती किया जाएगा और अगले 90 दिनों के भीतर भर्ती योजना शुरू हो जाएगी।
क्या क्या मिलेगा ’अग्निपथ भर्ती योजना‘ में
केवल 25 फीसदी जवानों को चार साल बाद भी मौका मिलेगा। हालांकि यह तभी संभव होगा जब उस समय सेना की भर्तियां निकली हों। कई निगम ऐसे प्रशिक्षित और अनुशासित युवाओं के लिए नौकरी आरक्षित करने में भी रुचि लेंगे, जिन्होंने देश की सेवा की है। योजना के तहत सशस्त्र बलों का युवा प्रोफाइल तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। युवाओं को नई तकनीकों से प्रशिक्षित किया जाएगा। चार साल की नौकरी छोड़ने के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। जो 11.71 लाख रुपए होगा। योजना के तहत इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। चार साल बाद मिलेगा सेवा निधि पैकेज वेतन से कटने वाला पैसा अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होगा। जितना पैसा अग्निवीर के वेतन से कटेगा, उतनी ही राशि सरकार भी अग्निवीर कॉर्प्स फंड में डालेगी, जो चार साल की सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीर को ब्याज सहित वापस मिलेगा। यह राशि करीब 11.71 लाख रुपये होगी, जो सेवा निधि पैकेज के रूप में मिलेगी। पूरी राशि कर मुक्त होगी। एक करोड़ का बीमा, 10वीं पास जवानों को 12वीं भी कराई जाएगी। नए नियम के मुताबिक भर्ती होने वाले युवाओं को छह महीने की ट्रनिंग दी जाएगी। इसके लिए 10वीं या 12वीं पास छात्र आवेदन कर सकेंगे। 10वीं पास जवानों को सेवाकाल के दौरान 12वीं भी कराई जाएगी। इन नौजवानों को अग्निवीर कहा जाएगा। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी। इसके अलावा बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। अगर कोई जवान ड्यूटी के दौरान डिसेबिल यानी दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी और बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा।
इसके साथ साथ अनुएल पैकेज के साथ कुछ भत्ते भी मिलेंगे जिसमें रिस्क एंड हार्डशिप, राशन, ड्रेस और ट्रैवल एलाउंस शामिल होंगे। सेवा के दौरान डिसेबल होने पर नॉन-सर्विस पीरियड का फुल पे और इंट्रेस्ट भी मिलेगा। सेवा निधि को आयकर से छूट दी जाएगी। अग्निवीर ग्रेच्युटी और पेंशन संबंधी लाभों के हकदार नहीं होंगे। अग्निवीर को भारतीय सशस्त्र बलों में उनकी अवधि के लिए 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा.
कई पहलुओं को ध्यान में रख कर अग्निपथ भर्ती योजना‘ को लागू किया जा रहा है, ये ठीक है कि सेना पर खर्च का भी दबाव है, लेकिन देश की सुरक्षा अहम् है। इस स्कीम से जो जवानो को पैशन दी जाती है उसमें बचत जरूर होगी, पर उसे कहीं ज्यादा 4 साल किसी जवान पर करोडों रुपये खर्च करके उसको काबिल बनाना भी एक बहुत बड़ा काम है। कई देशों में तो हर नागरिक को जॉब करने से पहले सेना में कुछ वर्ष देना जरुरी है। यहाँ तो सरकार आप को आप के आने वाले भविष्य के लिए तैयार कर रही है और उसके बदले में आप को मेहताना भी दे रही है। साथ ही देश भक्ति की भावना हमारे अग्निपथ जवानों को एक नई दिशा भी देगी। अब सवाल ये उठता है कि इस योजना को लेकर देश भर में इसका इतना विरोध क्यों ? आगजनी और प्रदर्शन करके देश की संपति को नुकसान क्यों पहुंचाया जा रहा है ? कमाल की बात ये है कि आगजनी और लूटपाट करने वाले सभी 25 से 50 साल वाले लोग हैं जिनकी खुद की उम्र नहीं है सेना में जाने की ? क्या इन उपद्रवियों को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए ? क्या युवाओं को भड़काया जा रहा है? क्यों विपक्ष सामने नहीं आ रहा युवाओं को समझाने के लिए ? जहां देश की बात आती है क्या वहां विपक्ष का ये रुख सही है ? आखिर युवा क्यों बहक रहा है ?