बिजवासन की एक अमिटी कॉलेज की गली है जिसमें पिछले २ महीने से मैन हॉल के कवर ही नहीं है , कोई भी दिन या रात में उसमें गिर कर मर सकता है , लेकिन अब दिल्ली नगर निगम भंग हो चुकी है , विधायक अपने और कामो में बिजी हैं , और सांसद तो बहुत बड़े आदमी होते है उनका गलियों की तरफ ध्यान क्यों जाएगा। और जनसंख्या इतनी है की अगर कोई बड़ा या बच्चा गटर में गिर कर मर भी जाता है तो उस परिवार को सरकार मुआवजा दे देगी, बस फिर परिवार चाहे उस मेंबर के जाने के बाद खत्म ही क्यों ना हो जाये। दिल्ली नगर निगम अगर भंग भी हो गई है तो क्या सरकारी लोग भी काम नहीं करेंगे। अब बिजवासन के हालात देख कर लगता है कि विकास किसी दिन गटर में गिर कर शहीद हो जायेगा और फिर सिलसिला शुरू होगा जांच पड़ताल का और फिर अगर आप किसी ख़ास जाति के हैं तो हो सकता है आप को गटर में डूब कर मरने का मुआवज़ा भी मिल जाये। गली में नालियों का ये हॉल की पानी नाली से नहीं पूरी गली में से गुजरता है , इस गंदिगी से अगर आप बीमार होते है तो मोहल्ला क्लिनिक है , आप वहाँ जाकर मर जाएगे। मरना तो आप को है ही। दोस्तों हम सब के जहन में एक ही बात आती है , वो है भ्रष्टाचार की। एक पार्षद , विधायक या सरकारी अफसर कोई घूस लेता है तो लगता है बहुत बड़ा भ्रष्टाचार कर रहा है। लेकिन अगर हम देखे तो भ्रष्टाचार से भी ज्यादा खतरनाक है "भ्रष्ट आचरण" । उसका एक सीधा सा उधारण बताता हूँ बिजवासन गांव में एमिटी कॉलेज के पास , अभी बड़ी मुश्किल से एक गली का निर्माण यहाँ के पार्षद ने कराया , सालो की मेहनत के बाद गली को सीमेंटेड बनाया गया , पिछले 5 साल से ये गंदगी से भरी हुई थी। लेकिन अभी 6 महीने भी नहीं हुए थे की अब जल बोर्ड ने आकर फिर से खुदाई कर दी और उसे फिर से ख़तम कर दिया , ये है भ्रष्ट आचरण। हमारा पैसा लग कर बनी सड़क को अब जल बोर्ड ने खोद दिया , अब जैसे ही ये काम ख़तम होगा ओर फिर से ये सड़क बनाने के लिये लाखो रुपये सरकार खर्च करेगी। क्या सड़क बनाने से पहले सभी डिपार्टमेंट की मीटिंग नहीं होनी चाहिये ? क्या बार बार तोड़ कर बनाना एक भ्रष्ट आचरण नहीं है ? आज कोई भी नई सड़क या नाला बनता है उसके तुरंत बाद दूसरा विभाग आकर उसे तोड़ कर अपना काम शुरू कर देता है। क्या ये भ्रष्ट आचरण , भ्रष्टाचार से अधिक नहीं हैं ?अगर हम आकड़ो की बात करे तो देश में भ्रष्टाचार 5 परसेंट है तो 95 परसेंट भ्रष्ट आचरण है। नये काम से ज्यादा आज सरकारें मरम्त के कामो से करोड़ो रुपये कमा रही हैं क्यों की उसका कोई हिसाब नहीं होता और ना ही हमारा ध्यान जाता है। भ्रष्ट आचरण ने आज देश को कहाँ से कहाँ पंहुचा दिया है ये सोच कर भी डर लगता है। जैसे ही एक विभाग अपना काम ख़तम करता है दूसरा विभाग आकर उसमें अपना काम शुरू कर देता हैं। क्या कभी सरकार ने ये कोशिश की अगर एक नई चीज़ बनाने से पहले सब विभागों से पूछा जाये की उनकी कोई प्लानिंग तो नहीं है अभी। अगर दूरदर्शिता की बात करे तो आज सरकार 10 साल की भी प्लानिंग लेकर नहीं चल रही। उसकी एक और मिसाल है बिजवासन गांव का फ्लाईओवर जो अभी करोड़ों रुपये लगा कर बनाया था २ साल भी नहीं हुऐ हैं की अब फिर से उसे चौड़ा करने की बात चल रही है , क्या ये प्लानिंग है , क्या सरकार को नहीं पता की आने वाले 10 साल में कितना ट्रैफिक बढ़ेगा। फ्लाईओवर बनाने के समय हो सकता है लाखो रुपये भ्रष्टाचार में गये हो लेकिन अब दोबरा फ्लाईओवर बनाने में जो करोडो रूपये लगेंगे वो है , भ्रष्ट आचरण। भ्रष्टाचार से ज्यादा अगर कोई गुनाहगार है तो वो है भ्रष्ट आचरण वाले अधिकारी या राजनेता। डिजायर न्यूज़ हमेशा सामाजिक मुद्दों को लेकर आता है भ्रष्ट आचरण कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है भ्रष्टाचार से। भ्रष्टाचार को ख़तम करना है तो सब से पहले भ्रष्ट आचरण को ख़तम करना होगा , भ्रष्टाचार खुद ख़तम हो जायेगा , आज अगर हम 5 साल या 10 साल की प्लानिंग भी नहीं कर सकते तो विकास कहाँ से होगा। आज एक विभाग अपना काम पूरा कर के जाता है उसके तुरंत बाद दूसरा विभाग आकर फिर से अपना काम शुरू कर देता है , क्या ये जनता की खून पसीने की कमाई का दुरुपयोग नहीं है। बिजवासन गांव एक ऐसा गांव हैं , दिल्ली में जहाँ अभी तक मेट्रो भी नहीं पहुंच पायी है। अगर पीने के पानी की बात करे तो दिल्ली में सब से अधिक प्रॉब्लम इसी गांव में हैं , अब दिल्ली नगर निगम के इलेक्शन का अभी कोई पता नहीं कब होंगे , तब तक कोई विधायक या कौंसिलर आप की सुनेगा भी नहीं , सालो से सुनने में आ रहा है कि बिजवासन गांव में वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनेगा , लेकिन सिर्फ पेपर्स में ही हैं , जाम का ये हॉल है कि 2 किलोमीटर का सफ़र अगर 1 घंटे में भी पूरा हो जाये तो आप की क़िस्मत अच्छी है। डिजायर न्यूज़ उन सभी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों को आगा कर रहा है कि अगर इन मैनहोल को जल्दी बंद नहीं किया गया और इसके कारण अगर कोई हादसा होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम और राजनीतिक लोगो की होगी। समय समय पर हम हमेशा आप की प्रॉब्लम्स को सरकार के सामने लाते रहे है।