एलजी अनिल बैजल ने दिया इस्तीफा, निजी कारणों का दिया हवाला
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली- 18 मई 2022 , उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दिया। हालांकि अभी राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। उनका कार्यकाल इसी साल 30 दिसंबर को पूरा होने वाला था। पूर्व आईएएस अधिकारी बैजल को 31 दिसंबर 2016 को उप-राज्यपाल नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल इसी साल 30 दिसंबर को पूरा हो रहा था। उप-राज्यपाल बैजल और दिल्ली में शासित आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच विभिन्न मुद्दों पर हमेशा से ही तनातनी रही है। इस साल भी कोरोना की चौथी लहर के दौरान ऑड-ईवन नियम पर दिल्ली सरकार और एलजी में एकराय नहीं बनी थी। इस दौरान एलजी अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया था।
अनिल बैजल का हाल के दिनों में दिल्ली सरकार के साथ काफी विवाद सामने आया था। अरविंद केजरीवाल सरकार ने इन पर काम नहीं करने देने सहित केंद्र का एजेंट होने का भी आरोप लगाया था। नजीब जंग के बाद वह दिल्ली के एलजी बने थे। जिसके बाद राज्य सरकार कई बार इस तरह के आरोप लगा चुकी। दिल्ली में कोरोना के समय अनिल बैजल काफी एक्टिव होकर अधिकारियों की बैठक कर लोगों की सुरक्षा के लिए कई अहम निर्णय लिए थे। जब पूरे देश सहित दिल्ली में आक्सीजन की दिक्कत हुई थी तब उन्होंने अस्पतालों में हालात को बेहतर बनाने के लिए काफी निर्णय लिए जिससे लोगों को काफी सहूलियत हुई थी। बत दें कि दिल्ली में कोरोना के दूसरी लहर के दौरान लोगों को बेड और आक्सीजन के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
वह दिल्ली के 21वें उपराज्यपाल बनाए गए थे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह केंद्रीय गृह सचिव के रूप में काम कर चुके हैं। गृह सचिव रहने के दौरान ही उन्होंने किरण बेदी पर कार्रवाई की थी और उन्हें हेड ऑफ जेल्स के पद से हटा दिया था। उनपर जेल के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप था।
अनिल बैजल ने कई मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पद संभाले। वह दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपसचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साल 2006 में वह शहरी विकास मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन से जुड़े रहे।
डिजायर न्यूज़ के सूत्रों के हवाले से अभी भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविद ने अभी इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। कई मामलों को लेकर आए दिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच टकराव की बातें सामने आती रही हैं. एक साल पहले बैजल ने दिल्ली सरकार की 1000 बसों की खरीद प्रक्रिया की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी बना दी थी. इसके बाद बहुत बवाल हुआ था. वहीं बीजेपी ने लगातार इस मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी.
अपने समय में अगर उपराज्यपाल अनिल बेजल ने काम पर भी अपना पूरा फोकस रखा तो दिल्ली सरकार भी बीच बीच में उनसे टकराव करती रही लेकिन अपनी कार्य प्रणाली से टकराव को कम भी किया। एक लम्बा समय उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में बिताया है। अब नया कौन सा नाम सामने आता है हम जल्दी ही आप को अवगत कराएंगे।