देश की सम्पति को जलाना - कहाँ का इन्साफ ?
डिजायर न्यूज, नई दिल्ली - लगता है देश से गांधीवाद खत्म और गोडसेवाद शुरू हो गया है। भारत हमेशा से अहिंसावादी देश रहा है, बाकी मुल्कों को भी हम अहिंसा का पाठ सिखाते आये हैं, फिर देश में ये लाखों लोग कहाँ चुप रहते हैं जो एक दम विरोध करने सड़कों पर आ जाते है, और देश का अरबों रुपये का नुकसान करके वापस अपने बंकरो में जाकर छिप जाते हैं। अपने घर से अगर नहाने की पुरानी बाल्टी भी चोरी हो जाये तो इन्हें पूरी पुलिस फाॅर्स चाहिए उसे तलाश करने के लिए, मगर जब बात आये देश की या किसी और नागरिक की तो ये रेल, बस क्या क्या नहीं जला देते है।
आज अग्निवीर स्कीम अगर सरकार लेकर आई है तो वो सही भी हो सकती है गलत भी हो सकती है आप अपनी मर्जी और अपने हित की सुरक्षा के मालिक है विरोध कर सकते हैं, सरकार खुद सामने आकर हल निकालने के लिए तैयार रहती है। क्या एक सैनिक बोर्डेर पर सालों अपनी ड्यूटी नहीं देता, कई दफा उसकी पूरी जिंदगी में उसे दुश्मनों पर एक भी गोली चलाने का मौका नहीं मिलता, फिर भी वो सालो इंतजार करता है कि एक दिन क्या पता उसे देश को दुश्मनो से बचाने का मौका मिल जाए। आज एक स्कीम अगर सरकार ने लागू की और अगले ही दिन लाखों आदमी जिनका इस स्कीम से कोई लेना देना नहीं सड़कों पर आते हैं और सब कुछ तबाह कर देते हैं, ऐसा तो कोई आतंकवादी संगठन भी नहीं करता।क्या कभी किसी ने सोचा था कि कोरोना हमें अपने घर से भी नहीं निकलने देगा, क्या कभी सोचा था कि हम अपनों का दाह संस्कार भी नहीं कर पाएंगे। एक पल की जिंदगी का हमे पता नहीं लेकिन हम लड़ाई सालों की लड़ रहे हैं। क्या अगर किसी बच्चे पर कोई पुलिस केस हो जाता है तो वो कभी किसी सरकारी नौकरी मैं लग सकता है क्या ? हाँ एक चीज का ख्याल सरकार को जरूर रखना चाहिए था कि जिन बच्चों ने फिजिकल या राइटिंग टेस्ट पास कर लिया था तो उन्हे जॉब मिलनी चाहिए थी वरना बच्चों का मोरल डाउन हो जाता है।आज हमें अपने साथियों को समझाने की जरुरत है कि अगर देश जिन्दा रहेगा तो ही हम जिन्दा रहकर कुछ कर पाएंगे वरना कुछ नहीं। एक सैनिक पूरी जिंदगी हमारे लिए लगा देता है ताकि हम सुरक्षित रहें। उसकी एक ही तमन्ना रहती है कि अगर दुश्मन के हाथों मारा भी जाऊं तो मुझे तिरंगा नसीब हो और परिवार भी अपनी पूरी जिंदगी यह सोच कर गुजार देता है कि हमारा बेटा सरहद पर देश के लिए खड़ा है। क्या कोई राजनेता अपने बच्चे को बोर्डेर पर भेजता है ? क्या वो चाहेगा की उसका बेटा लेह और लद्दाख में सीमा पर रहे। ये जो लोग देश की सम्पति को आज जला रहे हैं एक दिन इस आग में सारा देश जल जायेगा। आग और पानी कभी किसी की परवाह नहीं करते, इनके सामने जो आ गया जीवन से हार ही जाता है।
500 करोड़ से ज्यादा की रेलवे की संपत्ति का नुकसानडिजायर न्यूज के सूत्रों से अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में चल रहे प्रदर्शनों में रेल संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है. रेलवे सूत्रों के मुताबिक, तकरीबन 500 करोड़ से ज्यादा की रेलवे की संपत्ति का नुकसान हुआ है और बाकी का भी अंदाजा लगाया जा रहा है. देशभर में ट्रेनों में आग के चलते तकरीबन 100 कोच का नुकसान हुआ है. एक कोच की कोस्ट दो करोड़ होती है यानी करीब 200 करोड़ से ज्यादा के रेल कोच जले हैं. इसके अलावा 7 इंजन जले हैं, एक इंजन 15 करोड़ रुपये का होता है.इस हिसाब से तकरीबन 105 करोड़ के इंजन जले हैं. इसके अलावा रेल ट्रैक और स्टेशन पर नुकसान जो हुआ उसका अंदाजा लगाया जा रहा है. साथ साथ जितनी ट्रैन रद्द हुई है या यात्रिओ को नुकशान हुआ है उसका अंदाजा लगाना बड़ा मुश्किल है।
रक्षा मत्रांलय ने कहा वापस नहीं ली जाएगी अग्निपथ स्कीम
अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में चल रहे प्रदर्शनों के बीच केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज फिर से एक जरूरी बैठक बुलाई है। इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख हिस्सा लिया। देश के कई राज्यों में अग्निपथ सेना भर्ती योजना के खिलाफ प्रदर्शनों के चलते, सेना मंत्रालय ने रविवार को तीन सेनाओं के साझें प्रेस कॉन्फरेंस में स्पष्ट किया कि यह योजना वापस नहीं ली जाएगी। इस योजना को एक प्रगतिशील कदम बताते हुए, सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने यह भी कहा कि युवकों को प्रमाण पत्र देना होगा कि वह हिंसक विरोध प्रदर्शनों में शामिल नहीं थे।भारतीय वायुसेना ने अग्निपथ योजना के तहत भर्ती प्रक्रिया की पूरी डिटेल्स जारी कर दी है। इस डिटेल्स में भर्ती प्रक्रिया से लेकर सैलरी और अन्य जानकारियां बताई गई हैं।