डिजायर न्यूज़ , नई दिल्ली - नया साल शुरू होते ही दुखभरी खबरें मिलने का सिलसिला भी शुरू हुआ। हाल ही स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया था। लता जी के बाद मशहूर बंगाली बॉलीवुड सिंगर बप्पी लाहिड़ी के निधन की खबर आई। और अब बप्पी लाहिड़ी भी इस दुनिया में नहीं रहे। बप्पी लाहिड़ी मुंबई के सिटी हॉस्पिटल में भर्ती थे। जैसे ही बप्पी दा के निधन की खबर मिली, किसी को भी यकीन नहीं हुआ। हर कोई यही सोचने लगा कि काश यह खबर गलत हो। लेकिन बप्पी दा के निधन की पुष्टि होते ही फिल्म इंडस्ट्री से लेकर फैंस के बीच सन्नाटा पसर गया।80 और 90 के दशक में भारत में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी का मंगलवार को मुंबई के सिटी केयर अस्पताल में निधन हो गया। वह 69 वर्ष के थे। अस्पताल के निदेशक डॉ दीपक नामजोशी ने पीटीआई को बताया कि बप्पी लाहिड़ी को एक महीने के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था , और सोमवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनके परिवार ने एक डॉक्टर को उनके घर बुलाया। उन्हें फिर अस्पताल लाया गया। उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं, जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई। बप्पी लाहिड़ी, जिन्हें व्यापक रूप से भारत में डिस्को किंग के रूप में जाना जाता है, का जन्म 1952 में पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में शास्त्रीय संगीत में एक समृद्ध परंपरा वाले परिवार में हुआ था। उन्होंने 19 साल की छोटी उम्र में एक संगीत निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया। उनके पिता अपरेश लाहिड़ी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे , और उनकी मां बंसारी लाहिड़ी एक संगीतकार और एक गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में पारंगत थीं। 1970-80 के दशक के अंत में डिस्को डांसर, नमक हलाल और डांस डांस जैसे साउंडट्रैक के लिए लोकप्रिय हुए बप्पी लाहिड़ी , उन्होंने भारतीय सिनेमा के साथ संश्लेषित डिस्को संगीत को बेहतर ढंग से एकीकृत करने में मदद। डॉक्टर के मुताबिक उनके निधन की वजह ओएसए (ऑब्सट्रिक्टिव स्लीप एपनिया) है। बप्पी दा ने म्यूजिक इंडस्ट्री में अपने गानों से चार चांद ही लगा दिए थे। उनके गानों को जेहन से निकाल पाना किसी के लिए भी नामुमकिन सा है। 'यार बिना चैन कहां रे', 'दे दे प्यार दे' और 'तम्मा तम्मा लोगे' की बप्पी लहरी के सुपरहिट गानों मे से एक हैं।बप्पी लाहिड़ी जहां भी जाते वह सोना से लदे हुए दिखाई देते थे. साल 2014 में उन्होंने जो इलेक्शन एफिडेविट दाखिल की थी, उसमें जिक्र किया गया था कि बप्पी दा करीब 754 ग्राम यानी डेढ़ किलो सोना पहनते थे. इसके अलावा वे 4.62 किलोग्राम चांदी भी पहना करते थे. डिजायर न्यूज़ डिजायर परिवार की तरफ़ से उन्हे श्रदांजलि अर्पित करता है , ऐसे संगीतकार का जाना संगीत की दुनिया के लिये एक बहुत ही दुखद है। प्रधानमंत्री श्री नरेंदर मोदी और अनेको फिल्म और राजनीतिक जगत के लोगो ने बप्पी लाहिड़ी को श्रद्धांजलि अर्पित की है।