लोक जनशक्ति पार्टी के समस्ती पुर से सांसद प्रिंस राज पर कई धाराओं में एक महिला कार्यकर्त्ता के योन शोषण के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को फटकार लगाते हुए मामला दर्ज करने का आदेश पारित किया हैं , अदालत के आदेश के बाद कनॉट प्लेस पुलिस ने मामला दर्ज़ कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी हैं। मामला दर्ज करने के साथ प्रिंस पासवान के भाई सांसद चिराग पासवान को भी इस मामले में रखा गया हैं , हालांकि अभी तक किसी की भी गिरफ़्तारी नहीं हुई हैं , मामला दो सांसदो से जुड़ा हैं तो पुलिस भी क़दम फूक फूक कर रखेगी।अपने पिता रामचंदर पासवान कि चले जाने के बाद ख़ाली हुई समस्तीपुर बिहार से प्रिंस राज पासवान ने चुनाव लड़ा और जीत कर आये , प्रिंस राज चिराग़ पासवान के चचेरे भाई हैं , जब की अब अलग अलग गुट में हैं। राम बिलास पासवान के जाने के बाद सारा परिवार एक साल में ही दो गुटों में बट गया ओर प्रिंस पासवान के साथ बाकी लोग एक हो गये तो चिराग़ पासवान अकेले पड़ गये। इतना बड़ा परिवार एक राम बिलास पासवान के चले जाने के बाद ऐसे टूट जायेगा किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। अपनी कार्य करता के शोषण का ये कोई पहला मामला नहीं हैं , राजनीतिक पार्टीओ में ये अब चलन सा हो गया है महिलाये सुरक्षित नहीं हैं ऐसा देखने को मिलता है। ऐसी ही गाज़ियाबाद में रहने वाली पीड़ता के साथ हुआ , पीड़ता का कहना हैं की दिल्ली के वेस्टर्न कोर्ट में प्रिंस राज पासवान ने उनका शोषण किया ओर जब पीड़ता ने अपनी आप बीती प्रिंस राज पासवान के चचेरे भाई सांसद चिराग़ पासवान से इस बारे में शिकायत की तो उन्होंने मदद करने के बजाये उल्टा पीड़िता को ही उल्टा धमकाना शुरू कर दिया ओर झूठे कैसेज़ में फ़साने की धमकियाँ देनी शुरू कर दी। पीड़िता को लोक जनशक्ति पार्टी छोड़नी पड़ी जब की वो एक कर्मठ कार्यकर्त्ता थी।बड़ा ही मुशिकल होता है किसी ऐसे ताक़तवर इंसान के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ना वो भी जिस परिवार में सांसदों का झुण्ड हो। पर पीड़िता ने हार नहीं मानी , प्रिंस राज पासवान ने भी पीड़िता पर केस दर्ज करवा रखा हैं। प्रिंस राज पासवान के एडवोकेट का कहना हैं की पीड़िता ओर उसका साथी एक मोटी रक़म लेना चाहते थे ओर धमकी दे रहे थे की उनकी इमेज ख़राब कर देंगे अगर मोटी रक़म नहीं मिली तो। पर ये बहस का मुद्दा कोर्ट में हैं अभी कुछ भी कहना बड़ी जल्दबाजी होगी। इन्साफ कब ओर कितने समय में होगा ये कहना बड़ा मुश्किल हैं।एक बात तो साफ़ हैं की पीड़िता ने हिम्मत दिखाई ओर ये लड़ाई लड़ी हैं बड़ा मुश्किल होता हैं एक छोटे कार्य करता का इतना बड़ा इलज़ाम लगाना , और एक महिला की इज़्ज़त का सवाल हैं। लेकिन इन्साफ मिलना इतना आसान नहीं हैं , सालों लग जाते हैं किसी नेता को सज़ा दिलाने में। सुप्रीम कोर्ट ने बहुत कोशिश की ताकि नेताओ के केस जल्दी से जल्दी निपटाये जाये पर कुछ नहीं हुआ। डिजायर न्यूज़ महिलाओ पर रेप , अत्याचार ओर शोषण के खिलाफ शुरु से ही उजागर करने में अग्रसर रहा हैं। हमे पूरी उम्मीद हैं कि पीड़िता को इन्साफ जल्दी ही मिलेगा। अब पीड़ता जनता दल यूनाइटेड में हैं ओर अपनी मेहनत से वहाँ पार्टी का काम कर रही हैं। डिजायर न्यूज़ शोषण पर आवाज़ उठाने वाली हर महिला का सम्मान करता हैं। सरकार को चाहिये ऐसे सवेंदन शील मामलों का जल्द से जल्द निपटारा हो।