अश्वनी कुमार पूर्व सीबीआई डायरेक्टर एंड 1973 बैच के आईपीएस ने फ़ासी लगा कर अपने जान दी। अश्वनी कुमार २००८ से २०१० तक सीबीआई मैं डायरेक्टर के पद पर रहे। शिमला के एसएसपी मोहित चावला ने बताया के ६९ साल के अश्वनी कुमार का शव उनके शिमला के घर मैं मिला और एक सुसडे नोट भी मिला है। जिसे मैं दूसरी दुनिआ मैं जाने के बात लिखी है। खबर मिलते ही हिमाचल पुलिस चीफ संजय कुंडू भी मोके पर पहुंचे गए। फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। उनकी सीबीआई मैं रहे साथी ऐ पी सिंह ने बताया की वो बहुत ही अचे इंसान थे कभी भी उन्हे गुस्से मैं नहीं देखा , उनकी मोत से बहुत दुखी हुअश्वनी कुमार १९७३ बैच के आईपीएस थे २०१३ मैं मनमोहन सिंह गोवेर्मेंट ने उन्हे नागालैंड का गवर्नर बना दिया था। बीजेपी ने उस टाइम बहुत विरोध किया था क्यों के पहले बार किसी सीबीआई चीफ को गवर्नर बनाया गया था कुछ समय बाद उन्हे मणिपुर का भी गवर्नर बनाया था। २०१४ मैं बीजेपी के सरकार आते ही उन्हे नागालैंड के गवर्नर का पद छोड़ना पड़ा था। २०१० मैं जब वो सीबीआई चीफ थे तब शोरबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस मैं अमित शाह जब जनरल सेक्रेटरी थे और पी चिदंबरम होम मिनिस्टर थे तब सीबीआई ने अमित शाह को अरेस्ट किया था।1985 मैं अश्वनी कुमार फेर हिमाचल प्रेदश के शिमला के एसएसपी बन कर आये और 1985 से 1990 तक वो एसपीजी मैं कई पोस्टो पर रहे उसी समय एसपीजी को राजीव गाँधी की सुरक्षा की जिमेदारी दी गयी थी। दे डिप्रेशन कभी भी किसी को भी हो सकता है पर इतनी जिम्मेदरी निभाने वाले अश्वनी कुमार ऐसा कदम उठाएंगे ऐसा शायद किसी ने भी नहीं सोचा होगा। इतने महत्व पूर्ण पदों पर रहने के बाद आखरी कौन से ऐसी वजह रही होगी की उन्होने इतना बड़ा कदम उठाया।डिजायर न्यूज़ हमेशा से आत्म हत्या का विरोद करता आया है जिंदगी को खुद ख़तम करने का अधिकार किसी को नहीं है आत्महत्या कोई हल नहीं है। अश्वनी कुमार जी के इस तरह चले जाने का दुःख है और परिवार के प्रति सवेदना है। संजीव शर्मा चीफ़ रिपोर्टर ,डिजायर न्यूज़