बलात्कार पर बलात्कार - ललित पुर उत्तर प्रदेश
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली , उत्तर प्रदेश के ललितपुर में एक पुलिस थाने के प्रभारी ने 13 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के साथ कथित तौर पर फिर से बलात्कार किया, जब वह शिकायत दर्ज करने के लिए वहां गई थी।किशोरी ने आरोप लगाया कि उसके साथ चार लोगों ने बलात्कार किया, जिसके बाद वह एक रिश्तेदार के साथ शिकायत दर्ज कराने थाने गई।
एडीजी ने पूरे पाली थाने को किया लाइन हाजिर - कानपुर जोन के एडीजी भानु भास्कर ने दुष्कर्म मामले में एसओ की संलिप्तता के बाद पूरे पाली थाने को लाइन हाजिर कर दिया। बुधवार सुबह एडीजी ने यह आदेश जारी किया। उन्होंने डीआईजी जोगेंद्र कुमार को पूरे मामले की जांच सौंपते हुए 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। थाने के जो स्टाफ लाइन हाजिर किए गए हैं उनमें 6 एसआई, 6 हेड कांस्टेबल, 10 आरक्षी, 5 महिला आरक्षी, 1 चालक और 1 फालोवर शामिल हैं। डीआईजी का कहना है आरोपी दरोगा की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। उधर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए डीआईजी जोगेंद्र कुमार ललितपुर में कैंप कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आने की सूचना पर पुलिस सुरक्षा भी वहां बढ़ा दी गई है। अखिलेश यादव को पीड़िता से मिलने देने की इजाजत को लेकर संशय बना हुआ है।
आरोपी अधिकारी, थाना प्रभारी तिलकधारी सरोज को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। ललितपुर के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी के अनुसार, वह फरार है और पुलिस की तीन टीमें उसकी तलाश कर रही हैं। तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपी थानाध्यक्ष पाली तिलकधारी सिंह सरोज, चंदन, राजभान, हरिशंकर, महेन्द्र चौरसिया और एक महिला के खिलाफ धारा 363, 376, 376B, 120B और पॉक्सो एक्ट के साथ साथ SC एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
लड़की के पिता द्वारा मंगलवार को दर्ज की गई प्राथमिकी में कहा गया है कि उसे चार लोगों ने बहकाया और 22 अप्रैल को भोपाल ले गए , जहां उन्होंने उसके साथ चार दिनों तक बलात्कार किया। इसके बाद आरोपी उसे वापस उसके गांव ले आये और कथित तौर पर भागने से पहले उसे संबंधित पुलिस थाने में छोड़ दिया।
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प्राथमिकी में कहा गया है कि आरोपी थाना प्रभारी ने लड़की को उसकी मौसी को सौंप दिया, और कहा कि उसे बयान दर्ज करने के लिए अगले दिन पुलिस स्टेशन बुलाया गया था। अगले दिन, आरोपी अधिकारी लड़की को उसकी चाची की उपस्थिति में थाने के एक कमरे के अंदर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। प्राथमिकी में किशोरी की मौसी को भी आरोपी बनाया गया है।
डिजायर न्यूज़ के सूत्रों के हवाले से आरोपियों को पकड़ने के लिए कई टीम बनाई गई है , पर एक दफ़ा फिर खाकी पर दाग लगा है , यह कोई नई बात नहीं है , रक्षक ही कई दफा भक्षक बन जाते है। 13 साल की बच्ची पर क्या गुजर रही होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है , अभी उसकी पूरी जिंदगी उसके सामने है , क्या कभी वो इस हादसे के बाद जीवन को जी पाएगी , क्या कभी उसको इन्साफ मिल पाएगा ? मिलेगा तो कब? क्या कानून में अब बदलाव करके 3 महीने में आरोपी को सजा नहीं मिलनी चाहिए। एक नॉर्मल इंसान सिर्फ इन्साफ का इंतज़ार ही कर सकता है