महाशय दी हट्टी नाम से मशहूर MDH के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 98 साल के थे। बताया जा रहा है कि धर्मपाल गुलाटी ने दिल्ली के माता चेनन देवी हॉस्पिटल दिल्ली मैं 3 दिसंबर को सुबह 6 बजे आखिरी सांस ली। महाशय धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। और यहीं से उनके मसाले के कारोबार की नींव पड़ी थी। कंपनी की शुरुआत शहर में एक छोटे से दुकान से हुई, जिसे उनके पिता ने विभाजन से पहले शुरू किया था। हालांकि, 1947 में देश के विभाजन के समय उनका परिवार दिल्ली आ गया था। और यहाँ आकर शुरू शुरू मैं धर्मपाल गुलाटी जी ने तांगा चलाया और एक समय ऐसा आया की भारत सरकार ने कारोबार और फूड प्रोसेसिंग में योगदान के लिए, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले साल ही महाशय धर्मपाल को पद्मविभूषण से सम्मानित किया था।
महाशय धर्मपाल गुलाटी के निधन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया ने भी ट्ववीट किया।धरमपाल गुलाटी कक्षा पांचवीं तक पढ़े हैं. आगे की पढ़ाई के लिए वह स्कूल नहीं गए. उन्होंने भले ही किताबी शिक्षा अधिक ना ली हो, लेकिन कारोबार में बड़े-बड़े दिग्गज उनका लोहा मानते हैं। धर्मपाल गुलाटी के सामने पाकिस्तान से दिल्ली आकर पैसा कमाना सबसे बड़ी चुनौती थी. उन दिनों धर्मपाल की जेब में 1500 रुपये ही बचे थे. पिता से मिले इन 1500 रुपये में से 650 रुपये का धर्मपाल ने घोड़ा और तांगा खरीद लिया और रेलवे स्टेशन पर तांगा चलाने लगे. कुछ दिनों बाद उन्होंने तांगा भाई को दे दिया और करोलबाग की अजमल खां रोड पर ही एक छोटा सा खोखा लगाकर मसाले बेचना शुरू किया।गुलाटी अपनी सैलरी का करीब 90 फीसदी हिस्सा दान कर देते थे. वह 20 स्कूल और 1 हॉस्पिटल भी चला रहे थे. इसके अलावा वह समय-समय पर जरूरतमंद लोगों की भी मदद करते रहते थे.धरमपाल गुलाटी ने बुढ़ापे में भी अपने सभी मसालों का ऐड खुद ही करते थे. अक्सर आपने उन्हें टीवी पर अपने मसालों के बारे में बताते देखा होगा. उन्हें दुनिया का सबसे उम्रदराज ऐड स्टार माना जाता है. इसके अलावा वह अपने मसालों को स्वादिष्ट बनाने के लिए कई खास तकनीक का भी इस्तेमाल करते थे.डिजायर न्यूज़ श्री धर्मपाल गुलाटी जी को श्रदांजलि अर्पित करता है। संजीव शर्माएडिटर इन चीफडिजायर न्यूज़