डिजायर न्यूज़ -नई दिल्ली , संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में केवल 35 फीसदी महिलाओं ने ही अपने खिलाफ हुए साइबर अपराध की शिकायत की। वहीं साइबर अपराध से पीड़ित लगभग 46.7 फीसदी महिलाओं ने किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की। 18.3 फीसदी महिलाओं को तो इसका अंदाजा ही नहीं था कि वे साइबर अपराध का शिकार हो रही हैं।महिलाओं को निशाना बनाकर सबसे ज्यादा जिस अपराध को अंजाम दिया जाता है, वह साइबर वर्ल्ड में पीछा करना। पीछे से हमला करना। बार-बार टेक्स्ट मैसेज भेजना। मिस्ड कॉल करना। फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना। स्टेटस अपडेट पर नजर रखना और इंटरनेट मॉनिटरिंग करना। आईपीसी की धारा 354डी के तहत यह दंडनीय अपराध है। हालांकि, आमतौर पर ऐसे मामलों को सामने लाने से महिलाएं हिचकती हैं। जिसके कारण साइबर क्राइम करने वालों का हौसला बढ़ जाता है।साइबर जगत और इसमें अंजाम दिए जाने वाले अपराध साइबर सेल के लिए रोज नई चुनौती पेश कर रहे हैं।समय रहते कदम उठाने के फायदे महिलाओं के फोटो लगाकर सोशल साइट्स में अकाउंट बनाने के मामले लगातार हो रहे हैं। ऐसे में इसकी जानकारी मिलते ही सही कदम उठाना जरूरी है। पुलिस को खबर कर अकाउंट ब्लॉक कराएं। अपनी पर्सनल फोटो को हमेशा लॉक लगा कर रखे। किसी भी अनजान इंसान की फ्रेंड रिक्वेस्ट को बिना जाँच करे स्वीकार ना करे। सोशल मीडिया पर लाइक और शेयर पर भी ध्यान देंसोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक इंस्टाग्राम पर आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों द्वारा किए जाने वाले कमेंट्स और तस्वीरों को बड़ी आसानी से लाइक और शेयर करते हैं। लेकिन कुछ लोग इसका भी गलत फायदा उठा रहे हैं। दरअसल कुछ हैकर्स की नजर इन पर रहती है। यह हैकर्स आपने जिस तस्वीर या पोस्ट का लाइक या शेयर किया है उसे बदल कर आपत्तिजनक कंटेंट डाल देते हैं। इसके कारण भी कई बार तनाव की स्थिति बन जाती है।डिजायर न्यूज़ हमेशा महिलाओ का सम्मान करता है। भारत में हर दूसरे सेकंड, एक महिला साइबर क्राइम का शिकार होती है और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अब एक नया मंच है, जहां हर पल एक महिला सुरक्षा को चुनौती दी जा रही है। ट्रोलिंग, गाली-गलौज, धमकी देना, घूरना, बदनाम करना, पीछा करना, बदला लेना और अश्लील बातें करना जैसे साइबर क्राइम दुनिया में मौजूद हैं। महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम में, प्रभाव शारीरिक से अधिक मानसिक है जबकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कानूनों का ध्यान मानसिक नुकसान की तुलना में शारीरिक तोर पर अधिक है।सोशल मीडिया या शादी के लिये अगर आप अपनी डिटेल्स शेयर भी करती है तो अपने प्रोफाइल की सारी डिटेल्स शेयर ना करे , अपराधी प्यार से आप की सभी पर्सनल डिटेल्स शेयर कर लेते है और फिर अकेले मिलने का दबाओ बनाते है , ऐसे में जब भी आप किसी से मिले तो अपने साथ अपने किसी साथी या फैमिली मेंबर्स के साथ ही मिलने जाये। ये लोग सोशल मीडिया के माध्यम से आप की सभी जानकारी जुटा लेते है , ओर फिर आप की एक एक मूवमेंट पर नज़र रखते है। झूठे परलोभन देते है एक बार आप इनके जाल में फस गये , फिर ये आप की जिन्दगी को हराम करने में कोई कसर नहीं छोड़गे। कुछ प्रमुख प्रसिद्ध साइबर अपराध ने हजारों महिलाओं को डिप्रेशन, उच्च रक्तचाप जैसे विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों में डाल दिया है और ई-उत्पीड़न के कारण महिलाएं चिंता, हृदय रोग और थायरॉयड जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं।डिजायर न्यूज़ अपने डिजायर न्यूज़ चैनल के माध्यम से जल्दी ही महिलाओ पर हो रहे साइबर अपराध के लिये एक शो लेकर आ रहा हैं।