भूंकप से तुर्की में तबाही – भारत ने भेजी मदद- डिजायर न्यूज़, नई दिल्ली

भूंकप से तुर्की में तबाही – भारत ने भेजी मदद

डिजायर न्यूज़, नई दिल्ली – कुदरत का कहर कब तबाही लेकर आएगा किसी को भी नहीं पता, रात की सुबह होगी भी या नहीं ये भी इंसान को नहीं पता। तुर्की और सीरिया में घातक भूकंपों के कारण अब तक 4,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। ये आंकड़ा कहाँ जाकर रुकेगा ये भी अभी तक किसी को नहीं पता, अभी हज़ारों लोग मलबे में दबे हैं। पाक़िस्तान को हमेशा करीबी समझने वाले तुर्की और सीरिया घातक भूकंपों के झटके झेल रहे हैं।

भारत और तुर्की के संबंध

भारत और तुर्की के बीच ऐतिहासिक संबंध है। 1948 में राजनायिक संबंध स्थापित हुए और राजदूतों का आदान-प्रदान हुआ। नियमित रूप से उच्च स्तरीय यात्राओं का आदान-प्रदान हुआ। 1960 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की यात्रा तुर्की के लिए प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। अभी भी भारत की कई कंपनियां वहां पर है। लेकिन तुर्की ने हमेशा साथ पाक़िस्तान का ही दिया है।  एक दफ़ा तो भारत का भेजा अनाज भी लौटा दिया था।

भारत की पहल

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा पर तुर्की को आश्वासन दिया की पूरी भारत की जनता उनके साथ खड़ी है और भारत हर संभव मदद करेगा। देश के प्रधानमंत्री की ये पहल अपने आप में ऐतिहासिक है। बुरे वक़्त में साथ देना एक बड़ी पहल है। आज जब पाक़िस्तान अपने लिए ही महगाई के कारण भीख मांग रहा है तो वो अपने दोस्त की क्या मदद कर सकता है।  भारत की इस मदद को तुर्की जिंदगी भर नहीं भूल पाएगा।

भारत ने भेजी मदद

भारत ने भूकंप की मार झेल रहे तुर्की को भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप भेज दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से की गई घोषणा के कुछ घंटों बाद ही भारत ने भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप तुर्की को भारतीय वायु सेना के विमान से भेजी है। दरअसल, तुर्की और सीरिया में घातक भूकंपों के कारण अब तक 4,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। बीते दिन तुर्की में 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए थे। भारत की ओर से भेजी राहत सामग्री की खेप में एक विशेषज्ञ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल खोज और बचाव दल शामिल है। इसमें पुरुष और महिला दोनों कर्मी, अत्यधिक कुशल डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा से जुड़ी चीजें, उन्नत ड्रिलिंग उपकरण और सहायता प्रयासों के लिए आवश्यक अन्य महत्वपूर्ण उपकरण शामिल थे।

तुर्की ने बताया भारत को दोस्त

24 घंटे के भीतर एक के बाद एक तीन भूकंप से दहल गए तुर्की को राहत प्रदान करने के लिए तुर्की ने भारत को ‘दोस्त’ करार दिय। भारत में तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल ने हिन्दुस्तान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “दोस्त वही, जो ज़रूरत में काम आए “, भारत ने तुरंत ही इस मदद को रवाना कर दिया है, टीम में बचाव दल डॉक्टर और सामग्री के साथ खोजी कुत्ते भी रवाना किये हैं ताकि मलबे में दबे लोगों की खोज की जा सके।

कितने बड़े भूंकप आये विदेशो में

ऐसा पहला भूकंप 12 जनवरी 2010 को हैती में आया। 7.0 तीव्रता वाले भूकंप में 3,16,000 लोगों की मौत हुई थी और इस देश का इतिहास और भूगोल हमेशा के लिए बदल गया था। दूसरा भूकंप 27 जुलाई 1976 को चीन के तांगशान में आया था। 7.5 की तीव्रता से आए भूकंप में 2,42,769 लोगों की जानें गई थी। तीसरा भूकंप 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.1 की तीव्रता से आया था जिसमें 2,27,898 मौतें हई थी। इसका असर कई देशों पर पड़ा और यहां के लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ। ऐसा चौथा विनाशकारी भूकंप 16 दिसंबर 1920 को चीन के हाईयुआन में 7.8 तीव्रता से आया था जिसमें 2,00,000 लोगों की मौत हुई। पांचवां बड़ा भूकंप 1 सितंबर 1923 को जापान के कांतो में आया, जिसकी तीव्रता 7.9 की थी और इसमें 1,42,800 लोगों की मौत हुई थी। 2001 में गुजरात में आए भूकंप में 30,000 लोग मारे गए थे और इसमें गुजरात के कई कस्बे पूरी तरह से नष्ट हो गए थे। वर्ष 2005 में पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में भूकंप आया था जिसमें 1,30,000 लोग मारे गए थे।

तुर्की और पाकिस्तान की दोस्ती

तुर्की और पाकिस्तान की दोस्ती शीत युद्ध के जमाने में शुरू हुई थी। ये दोनों देश रूस के खिलाफ जारी छद्म जंग में अमेरिका के सहयोगी थे। अमेरिका ने रूस के खिलाफ इन्हीं दोनों देशों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया। 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद से ही तुर्की ने पाकिस्तान को अपना दोस्त माना। इसकी सबसे प्रमुख वजह इस्लाम के नाम पर दोनों देशों की स्थापना थी। तुर्की-पाकिस्तान बिना नियम-कानून, सच-झूठ का फर्क किए एक दूसरे पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। हाल में ही जब ग्रीस के साथ भूमध्य सागर में सीमा विवाद हुआ तो पाकिस्तान ने बिना सोचे-समझे तुर्की के समर्थन का ऐलान किया था। पाकिस्तान ने तो तुर्की के पक्ष में खुद को साबित करने के लिए अपनी नौसेना को भी युद्धाभ्यास के लिए भेजा था। इसके बदले में तुर्की, कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का खुला समर्थन करता है। पाकिस्तान को हथियार सप्लाई करने वाले देशों में तुर्की अभी चौथे नंबर पर है। लेकिन दोनों देशों में हथियारों की खरीद-फरोख्त काफी तेजी से बढ़ रही है। पाकिस्तान सबसे ज्यादा हथियार अपने सदाबहार दोस्त चीन से खरीदता है।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ
07-02-2023 02:33 PM
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