17 महीने 530 दिन आखिर मनीष सिसोदिया को सीबीआई और ईडी के दिल्ली शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत -डिजायर न्यूज़
17 महीने 530 दिन आखिर मनीष सिसोदिया को सीबीआई और ईडी के दिल्ली शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत -डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली– आम आदमी के कदावर नेता संजय सिंह के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने 17 महीने से तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया को कुछ शर्तो के साथ जमानत दे दी। सीबीआई से लेकर ई डी तक ने कई घंटो तक बहस की और जमानत का विरोध किया लेकिन हाई कोर्ट और निचली अदालत पर कड़ी टिप्पणी के बाद जमानत दे दी , जिस का आम आदमी पार्टी स्वागत कर रही है और इसे जीत की तरह देख रही है। दिल्ली शराब घोटाले में लगभग 17 महीने से ज्यादा समय तक बंद मनीष सिसोदिया को आज बड़ी राहत मिली है। देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को आखिर जमानत दे दी है। इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी जश्न मना रही है। उन्हें 10 लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है। ऐसी खबर है कि आज शाम ही सिसोदिया को जेल से रिहा भी कर दिया जाया जाएगा। इससे पहले मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था। सिसोदिया पर आबकारी नीति में गड़बड़ी के आरोप हैं।
26 फरवरी 2023 से जेल में बंद है मनीष सिसोदिया
सिसोदिया कथित शराब घोटाला मामले में 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद हैं। उन्हें पहले सीबीआई और फिर ईडी ने भी गिरफ्तार कर लिया था। उनपर आरोप हैं कि उन्होंने आबकारी मंत्री रहते हुए कई मनमाने फैसले किए, जिसमें अनियमितताएं हैं। कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया 17 महीने से हिरासत में हैं और अभी तक मुकदमा शुरू नहीं हुआ है, जिससे उन्हें त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। इन मामलों में जमानत मांगने के लिए उन्हें ट्रायल कोर्ट में भेजना न्याय का मखौल उड़ाना होगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि अब समय आ गया है कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट यह स्वीकार करें कि जमानत का सिद्धांत एक नियम है और जेल एक अपवाद है। इसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि सिसोदिया को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पर जमानत पर रिहा किया जाए।
26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। बाद में कई अलग-अलग आरोपों के तहत प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी सिसोदिया पर शिकंजा कसा। उन्होंने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। सिसोदिया ने यह कहते हुए जमानत मांगी थी कि वह 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने शर्तो के साथ दी है जमानत
मनीष सिसोदिया को आज सुप्रीम कोर्ट ने जमानत तो दे दी है पर इसमें कुछ शर्तें हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, सिसोदिया को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा, इसका मतलब सिसोदिया देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकते। मनीष सिसोदिया को हर सोमवार को थाने में हाजिरी देनी होगी। बता दें कि सिसोदिया को करीब 17 महीने जेल के अंदर रहना पड़ा। हालांकि बीच-बीच में उन्हें अपनी पत्नी के खराब स्वास्थ्य के चलते पेरोल दी गई थी।
कोर्ट ने फैसले के दौरान क्या कहा? ,जमानत को सजा के तौर पर नहीं रोका जा सकता। निचली अदालतों को यह समझने का समय आ गया है कि ‘जेल नहीं, जमानत’ ही नियम है। मुकदमे के समय पर पूरा होने की कोई संभावना नहीं है। सिसोदिया को लंबे दस्तावेजों की जांच करने का अधिकार है। जैसी कुछ शर्त जमानत पर लगाई गई है। अभी डिटेल्ड आर्डर आना बाकी है।
क्या मनीष सिसोदिया बन सकते है दिल्ली के सी एम
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलकर अभी मनीष सिसोदिया बाहर भी नहीं आये है कि लोगो ने अभी से कयास लगाना शुरू कर दिया है कि मनीष सिसोदिया को दिल्ली का मुख्य मंत्री बनाया जा सकता है लेकिन सूत्रों की माने तो आम आदमी पार्टी का शीर्ष नेतर्त्व इस जमानत को जीत के तोर पर देख रहा है और उम्मीद कर रहा है कि अब जल्दी ही अरविंद केजरीवाल भी बाहर आ जायेगे और सतेंदर जैन भी। अभी तक अरविंद केजरीवाल जेल से ही दिल्ली सरकार चला रहे है , अब अगर मनीष सिसोदिया बाहर आते है तो उन्हे फिर से कौन कौन से विभाग दिए जा सकते है और कैसे ? क्या अरविन्द केजरीवाल जेल के अंदर से ही आदेश जारी करेंगे ? जेल जाने के बाद मनीष सिसोदिया ने सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया था , लेकिन दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविन्द केजरीवाल अभी भी अपने पद पर बने हुए है। आम आदमी पार्टी के दो कदावर नेता संजय सिंह और अब मनीष सिसोदिया एक बार फिर से पार्टी कार्य कर्ताओ में जोश डालने में कामयाब हो पाएंगे या नहीं ये तो समय बताएगा क्यों की अब दिल्ली विधान सभा के चुनाव में अधिक समय नहीं बचा है।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ