भगवान बालाजी के आशीर्वाद से बना तिरुपति लड्डू में सस्ते घी की मिलावट का खुलासा: ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, भावना से खिलवाड़ –डिजायर न्यूज़

भगवान बालाजी के आशीर्वाद से बना तिरुपति लड्डू में सस्ते घी की मिलावट का खुलासा: ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, भावना से खिलवाड़ –डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली–तिरुपति बालाजी के मंदिर की महिमा और वहां के लड्डू प्रसाद की कहानी भारत में अनगिनत लोगों के दिलों में बसी हुई है। यह सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि भगवान वेंकटेश्वर की विशेष कृपा का प्रतीक है, जिसे प्राप्त करने के लिए हर साल करोड़ों श्रद्धालु तिरुपति की यात्रा करते हैं। यह प्रसादम न केवल अपने अनूठे स्वाद के लिए मशहूर है, बल्कि इसके पीछे की धार्मिक मान्यताएं भी इसे खास बनाती हैं। लेकिन जिस घटिया सस्ते मिलावटी घी को खरीद कर लोगो की आस्था और भावना से खिलवाड़ किया गया है उस से लोगो और धर्म गुरुओ में बेहद रोष है , लोग प्रशाशन पर जाबिर आरोप लगा रहे है , इस मिलावटी घी से बना प्रसाद राममंदिर के उद्घाटन के समय भी भेजा गया था। कई धार्मिक और सनातनी गुरुओ ने फिर से मंदिरो को निजी हाथो में सोपने की माँग कर डाली है।

तिरुपति लड्डू में सस्ते  घी की मिलावट का खुलासा: ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, भावना से खिलवाड़ –डिजायर न्यूज़
तिरुपति लड्डू में सस्ते घी की मिलावट का खुलासा: ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, भावना से खिलवाड़ –डिजायर न्यूज़

तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुमला पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक माना जाता है और यहां सालभर लाखों की संख्या में भक्त भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने आते हैं। भगवान वेंकटेश्वर, जिन्हें तिरुपति बालाजी के नाम से भी जाना जाता है, विष्णु भगवान के अवतार माने जाते हैं। इस मंदिर का प्राचीन इतिहास और भक्तों की असीम श्रद्धा इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाते हैं।

तिरुपति लड्डू की कहानी बेहद रोचक और आध्यात्मिक है। मान्यता है कि यह लड्डू प्रसाद भगवान वेंकटेश्वर के विशेष आशीर्वाद से ही तैयार होता है। कहा जाता है कि स्वयं देवी लक्ष्मी ने भगवान बालाजी की आज्ञा से इस लड्डू को पहली बार तैयार किया था। इस लड्डू का संबंध भगवान वेंकटेश्वर और देवी लक्ष्मी की पवित्र जोड़ी से है, जो इस प्रसाद को और भी दिव्य बनाता है।

प्रसाद का यह रूप सदियों से मंदिर की पूजा-पाठ की परंपराओं का हिस्सा रहा है। इसे श्रद्धालुओं को बांटने का चलन तब शुरू हुआ जब मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ने लगी। लड्डू का अनूठा आकार, स्वाद, और इसे बनाने की विधि इसे खास बनाते हैं। तिरुपति लड्डू प्रसादम को बनाने के लिए खास सामग्री का उपयोग किया जाता है। इसे बेसन, घी, चीनी, सूखे मेवे और काजू जैसे उत्कृष्ट पदार्थों से तैयार किया जाता है। इसे बनाने की पूरी प्रक्रिया बहुत सावधानी से पूरी की जाती है ताकि इसकी शुद्धता और गुणवत्ता में कोई कमी न हो। यह लड्डू भगवान वेंकटेश्वर का प्रिय माना जाता है और इसे भक्तों के बीच बांटने से पहले मंदिर में विशेष पूजा की जाती है।

लड्डू की पैकेजिंग और उसे मंदिर से बाहर ले जाने के नियम भी बहुत सख्त हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रसाद की पवित्रता और गुणवत्ता बनी रहे। कहा जाता है कि तिरुपति बालाजी के लड्डू प्रसाद को ग्रहण करने से भगवान वेंकटेश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भक्तों का मानना है कि इस प्रसाद को खाने से व्यक्ति के सभी दुःख-दर्द समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस लड्डू को लोग अपने घरों में भी लेकर जाते हैं और उसे परिवार के साथ मिल-बांटकर खाते हैं।

इस प्रसाद का आशीर्वाद इतना महत्वपूर्ण माना जाता है कि इसे पाने के लिए भक्त घंटों लंबी कतारों में खड़े रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह लड्डू केवल तिरुमला के पर्वत से ही मिलता है और कहीं इसकी उपलब्धता नहीं होती। यह विशेषता इसे और भी मूल्यवान बनाती है। तिरुपति लड्डू की पवित्रता और इसे बनाने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दिया जाता है। मंदिर प्रशासन इसके उत्पादन और वितरण के लिए सख्त नियम और मानकों का पालन करता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि हर लड्डू सही मात्रा में सामग्री के साथ बने और प्रसाद की शुद्धता पर कोई आंच न आए।

इतना ही नहीं, इस लड्डू का जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग भी है, जो इसे विशेष पहचान और सुरक्षा प्रदान करता है। इसका मतलब है कि तिरुपति लड्डू को कहीं और तैयार नहीं किया जा सकता और न ही इसे बिना अनुमति के बेचा जा सकता है। तिरुपति बालाजी मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि आर्थिक रूप से भी इसका बड़ा योगदान है। मंदिर के लड्डू प्रसाद की बिक्री से मंदिर को काफी राजस्व प्राप्त होता है। भक्तों की भारी संख्या के कारण लड्डू की मांग हमेशा बनी रहती है। इसे खरीदने के लिए भक्त मंदिर की निर्धारित फीस का भुगतान करते हैं, और यही आय मंदिर के विकास और जनहित योजनाओं में लगाई जाती है।

आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में मिलावट का मामला सामने आया है, जिससे हड़कंप मच गया है। जांच के दौरान यह पता चला कि पहले एआर डेयरी को 320 रुपये प्रति किलो की दर से घी सप्लाई का ठेका दिया गया था। बाद में जब जुलाई में घी में मिलावट की पुष्टि हुई, तो ठेका रद्द कर दिया गया और नंदिनी घी को 470 रुपये प्रति किलो की दर से नया ठेका दिया गया।

तिरुपति लड्डू में सस्ते  घी की मिलावट का खुलासा: ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, भावना से खिलवाड़ –डिजायर न्यूज़
तिरुपति लड्डू में सस्ते घी की मिलावट का खुलासा: ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, भावना से खिलवाड़ –डिजायर न्यूज़

एक रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पिछली सरकार में तिरुपति मंदिर में प्रसाद के घी में मिलावट कर जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाया जा रहा था। हालांकि, जगनमोहन रेड्डी की सरकार ने इन आरोपों को गलत बताया और कहा कि नायडू भगवान के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। बताया जा रहा है की ठेके की एक कॉपी मिली जिसमें ठेके की शर्तों का उल्लंघन पाया गया है। ठेकेदार द्वारा सप्लाई किए गए घी का सर्टिफिकेट नहीं प्रस्तुत किया गया था, जो अनिवार्य था। टीटीडी (तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम) के अधिकारियों ने बताया कि चार सैंपल की जांच रिपोर्ट में एक जैसे नतीजे आए हैं, जिससे मिलावट की पुष्टि हुई। इसके बाद ठेकेदार की सप्लाई रोकी गई और उसे ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि 320 रुपये प्रति किलो की आपूर्ति कीमत उपयुक्त नहीं थी और शुद्ध गाय के घी की सप्लाई के लिए सही दाम तय किए जाने चाहिए।
तिरुपति बालाजी मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसका लड्डू प्रसादम भक्तों के लिए भगवान का आशीर्वाद भी माना जाता है। इस प्रसाद की पवित्रता और गुणवत्ता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह लाखों भक्तों की श्रद्धा और विश्वास से जुड़ा हुआ है। घी में मिलावट का मामला सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन द्वारा उठाए गए सख्त कदम यह सुनिश्चित करते हैं कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों। तिरुपति लड्डू प्रसादम की शुद्धता और धार्मिक महत्व की सुरक्षा केवल मंदिर के सम्मान को बनाए रखने के लिए ही नहीं, बल्कि भक्तों की आस्था को भी पूरा करने के लिए जरूरी है। ऐसे मामलों में पारदर्शिता और कड़े कदम तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रति भक्तों के विश्वास को और मजबूत बनाए रखते हैं, ताकि वे अपनी आस्था के इस केंद्र से जुड़े रहें और भगवान बालाजी का आशीर्वाद प्राप्त करते रहें।

आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद वाले लड्डू में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल वाली रिपोर्ट आने बाद से मचा सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब इस मामले में राज्य के उपमुख्यमंत्री और अभिनेता पवन कल्याण ने प्रायश्चित करने का फैसला किया है. वह आज से 11 दिन का प्रायश्चित उपवास शुरू करेंगे. 11 दिनों के प्रायश्चित दीक्षा यानी उपवास पर जाने से पहले पवन कल्याण ने एक मैसेज भी लिखा.

पवन कल्याण ने लिखा, हे, बालाजी भगवन! क्षमा करें प्रभु. तिरुमाला लड्डू प्रसाद जिसे अत्यंत पवित्र माना जाता है.. पिछले शासकों की अनियंत्रित प्रवृत्ति के परिणामस्वरूप अपवित्र हो गया था. पशु मेदों के अवशेषों से दूषित हो गया था. ऐसे पाप क्रूर मन वाले ही करते हैं. इस पाप को प्रारम्भ में न पहचान पाना हिंदू जाति पर कलंक की मानिंद है. जैसे ही मुझे पता चला कि लड्डू प्रसाद में जानवरों के अवशेष हैं, मेरा मन विचलित हो गया. मुझे स्वयं में दोषित भाव महसूस हो रहा है. मैं जन कल्याण के लिए लड़ रहा हूं. दुख इस बात का हुआ कि शुरुआत में ऐसी समस्या मेरे ध्यान में नहीं आई.

सनातन धर्म में आस्था रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कलियुग के देवता बालाजी के साथ हुए इस भयानक अपचार का प्रायश्चित करना चाहिए. इसी भावना के अंतर्गत मैंने प्रायश्चित आरंभ करने का निर्णय लिया है. रविवार (22 सितंबर, 2024 ) की सुबह मैं गुंटूर जिले स्थित नंबूर के श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में दीक्षा धारण करूंगा. 11 दिनों तक दीक्षा जारी रखने के बाद, मैं तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करूंगा. ईश्वर.. मैं आपसे विनती करता हूं कि मुझे पिछली सरकारों की ओर से आपके खिलाफ किए गए पापों के प्रक्षालन करने की शक्ति प्रदान करें।

इस के साथ ही देश में सनातन धर्म के लिए एक बोर्ड बनाने की आवाज भी जोरों से उठा रही है। पतंजलि के घी में भी मिलावट के संकेत मिले है अब लोगो का ये मानना है की सुप्रीम कोर्ट को स्वयं संज्ञान लेकर इस पर कारवाही करनी चाहिए। 100 करोड़ से अधिक सनातन धर्म के लोगो की आस्था से ये खिलवाड़ किया गया है।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

अलीशा शाहिद
अस्सिस्टेंट सब एडिटर

Leave A Reply

Your email address will not be published.