आईएएस बनने का सपना , भारी फीस फिर भी मिली मौत , राव आईएएस स्टडी सेंटर , बेसमेंट में डूबने से 3 की मौत – डिजायर न्यूज़

आईएएस बनने का सपना , भारी फीस फिर भी मिली मौत , राव आईएएस स्टडी सेंटर , बेसमेंट में डूबने से 3 की मौत – डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – आईएएस आईपीएस के सपना लिए जब एक छात्र दिल्ली आता और माँ बाप अपनी औकात से ज्यादा फीस भर कर पढ़ाते है और अंत में कई दफा वापस उन्हे अपने बच्चे की लाश ही मिलती है। कोचिंग सेंटर में सुविधाओं के नाम पर सिर्फ छात्रों से भारी भरकम फीस तो वसूल ली जाती है पर सुरक्षा के नाम पर एक असुरक्षित जगह में उन्हे पढ़ने को मजूर कर दिया जाता है।

दिल्ली के राजेंदर नगर इलाके में एक बेसमेंट में एक लाइब्रेरी थी जहां कई विद्यार्थी मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक बेसमेंट में लगभग 30 छात्र थे. अचानक बेसमेंट में पानी भरने लगा जिसकी रफ़्तार इतनी तेज थी कि छात्रों को संभलने का मौका ही नहीं मिला , जिसके कारण फंसे हुए विद्यार्थियों को बाहर निकालने के लिए रस्सियों का इस्तेमाल करना पड़ा. दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार शाम को भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन छात्राओं की मौत हो गई. चार घंटे से अधिक समय तक ये छात्र बेसमेंट में फंसे रहे और पानी में डूबने से इनकी जान चले गई. बचाव अभियान शुरू होने के कुछ घंटों बाद ही दो छात्राओं के शव बाहर निकाल लिए गए थे. जबकि तीसरे छात्र का शव देर रात बरामद किया गया. ये सभी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. वहीं पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया है।

राव आईएएस स्टडी सेंटर , बेसमेंट में डूबने से 3 की मौत - डिजायर न्यूज़
राव आईएएस स्टडी सेंटर , बेसमेंट में डूबने से 3 की मौत – डिजायर न्यूज़

बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत

दिल्ली अग्निशमन विभाग के अनुसार, शाम करीब सात बजे राव आईएएस स्टडी सेंटर नामक कोचिंग मेंं जलभराव की सूचना मिली थी. दो से तीन बच्चों के फंस होने की जानकारी थी. दमकल की 7 गाड़िया मौके पर भेजी गई थी. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल , स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग द्वारा चलाए गए बचाव अभियान के दौरान छात्राओं के शव घटनास्थल से बरामद किए गए. एनडीआरएफ की टीम हो काफ़ी मशकत के बाद शव मिले , पानी बहुत गन्दा था और कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था , पानी को पंप के सहारे निकाला गया।

पुलिस उपायुक्त मध्य दिल्ली एम हर्षवर्धन ने कहा शवों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए अस्पताल भेज दिया गया है. शव निकलने के बाद भी बेसमेंट में करीब 7 फीट पानी था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहला शव रात 10:40 बजे मिला, दूसरा शव 11:18 बजे मिला और तीसरा शव 1:05 बजे मिला. रेस्क्यू ऑपरेशन 3:51 बजे पर पूरा हुआ, जो कि करीब 8 घंटे तक चला. मृतकों के नाम सूत्रों के हवाले से श्रैया ( 25 साल), नेविन डेलविन (28 साल) और तानिया (25 साल) है. अभी अधिकारिक तोर पर पुलिस ने नामो की घोषणा नहीं की है पहचान सुनिश्चित होने पर इनकी पहचान उजागर की जाएगी।

आखिर कैसे भरा बेसमेंट में पानी और कैसे चल रही थी लाइब्रेरी

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बेसमेंट में एक लाइब्रेरी थी जहां कई विद्यार्थी मौजूद थे. बेसमेंट में लगभग 30 छात्र थे. अचानक बेसमेंट में पानी भरने लगा जिसके कारण फंसे हुए विद्यार्थियों को बाहर निकालने के लिए रस्सियों का इस्तेमाल करना पड़ा. लेकिन तीन छात्रा बेसमेंट में ही फंसे रह गए. कोचिंग सेंटर में पानी भर जाने से वहां रखा फर्नीचर तैरने लगा. हादसे के वक्त वहां मौजूद कुछ छात्रों ने बताया कि अचानक से बेसमेंट के अंदर पानी भर गया. एक छात्रा ने बताया कि पानी का बहाव इतना तेज था कि बेसमेंट का गेट ही टूट गया और एकदम से बेसमेंट के अंदर पानी भर गया.

दिल्ली नगर निगम ने नालियों की सफाई नहीं की

दिल्ली नगर निगम की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है। दिल्ली की अनेको जगह पर बारिश से पहले सफाई होती ही नहीं है ,दूसरी ओर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज ने घटनास्थल का दौरा किया और घटना के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि स्थानीय विधायक ने नालियों की सफाई के लिए स्थानीय लोगों की ओर से बार-बार की गई अपील को नजरअंदाज कर दिया. सचदेवा ने कहा, ‘‘ इस हादसे के लिए दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही जिम्मेदार है. जल बोर्ड की मंत्री आतिशी और स्थानीय विधायक दुर्गेश पाठक को जिम्मेदारी लेते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए. कांग्रेस पार्टी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है।

दिल्ली सरकार की मंत्री और मेयर ने जांच के आदेश दिए
कोई भी सरकार हो ऐसी घटना के बाद जांच करवाती है और उसकी रिपोर्ट फिर कही गुम होकर रह जाती है। इस हादसे के बाद भी दिल्ली सरकार एक्शन में आ गई है. दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को इस घटना की जांच शुरू करने और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. आतिशी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, यह घटना कैसे घटी, इसकी जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. क्या इस घटना में दोषी पार्षद पर भी कारवाही होगी ? या दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को भी सजा मिलेगी ? लेकिन मरने के बाद कोई वापस नहीं आता।

ऐसा हादसा पहले भी हुआ है

इस सप्ताह की शुरुआत में ही मध्य दिल्ली के पटेल नगर इलाके में भारी बारिश के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले 26 वर्षीय एक अभ्यर्थी की उस समय करंट लगने से मौत हो गई, जब उसने एक लोहे के गेट को छू लिया, जिसमें से बिजली गुजर रही थी. पिछले साल जून में दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग लग गई थी. छात्रों को रस्सी के सहारे कूदकर जान बचानी पड़ी थी. इस हादसे में कुल 61 छात्र घायल हुए थे. उस समय दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी कोचिंग सेंटरों की जांच के आदेश दिए थे। दिल्ली में कई सारे ऐसे शैक्षिक कोचिंग सेंटर हैं जो कि सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं. मई में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण को आदेश दिया था कि वे निर्धारित अग्नि सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन में संचालित होने वाले किसी भी कोचिंग सेंटर को तुरंत बंद कर दें.

शैक्षिक कोचिंग सेंटर में छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आखिर किसी की है , दिल्ली फायर सर्विस हो , पुलिस हो या दिल्ली नगर निगम सब एक समय में अपना पल्ला झाड़ लेते है और एक नए हादसे का इंतज़ार करते है। इंसान की जान की कोई क़ीमत नहीं है ,ये दिल्ली शहर हादसों का शहर है यहाँ हर मोड़ हर रात हादसे होते ही रहते है। दुख सिर्फ उन माँ बाप को होता है जिनका होनहार बेटा या बेटी इन हादसों में उन्हे छोड़ कर चले जाते है।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

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