UP PCS J की भर्ती में भी गड़बड़ी , क्या जज भी फ़र्ज़ी ? 50 कॉपी बदली गई , 5 अधिकारी दोषी , कौन जिम्मेदार ?- डिजायर न्यूज़
UP PCS J की भर्ती में भी गड़बड़ी , क्या जज भी फ़र्ज़ी ? 50 कॉपी बदली गई , 5 अधिकारी दोषी , कौन जिम्मेदार ?- डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – पहले कहाँ जाता था कि इंटरव्यू में सिफारिश से सिलेक्शन होता था , पर अब तो पेपर ही बदल दिए जाते है या पेपर लीक हो जाते है , उत्तर प्रदेश से एक और गड़बड़ी का मामला सामने आया है , उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट अगर अभ्यर्थी श्रवण कुमार पांडेय की याचिका पर सुनवाई नहीं करता तो शायद ये मामला भी 2015 की परीक्षा में जो गड़बड़ी हुई थी उसी तरह दब जाता। यूपी लोक सेवा आयोग ने यूपी पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा में हुई गड़बड़ी को स्वीकार किया है , लेकिन अभी तक ये उनकी अपनी जांच सिर्फ आंसर शीट तक ही सीमित है , आयोग ने अभी तक 5 लोगो को दोषी पाया है , जिसमें से तीन को निलंबित कर दिया है और एक के खिलाफ विभागीय जांच सुरु की है। एक रिटायरमेंट पर है उनके लिए परमिशन मांगी है।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि यूपी पीसीएस जे 2022 की जिस भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की बात सामने आई है, उसका फाइनल रिजल्ट कई महीने पहले ही जारी हो चुका है. क्या इतनी बड़ी गड़बड़ी की जांच सीबीआई को नहीं करनी चाहिए , क्या अब जज भी इस तरह की गड़बड़ी से बन कर इन्साफ करगे ? जिन बच्चो ने रात दिन मेहनत की , उनकी मेहनत का फल कोई और लेकर आज जज बन गया। कितने बच्चो का ये लास्ट चांस हो। जिन लोगो ने ये गड़बड़ी की है उनके तार कहाँ तक जुड़े है ये फैसला हाई कोर्ट को करना है।
मेडिकल संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाली नीट परीक्षा में कथित धांधली पर मचा कोहराम अभी खत्म भी नहीं हुआ कि अब उत्तर प्रदेश में यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल जजेज 2022 के पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की जाने वाली पीसीएस जे की मुख्य परीक्षा में गड़बड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस मामले में सिर्फ आरोप ही नहीं लगे हैं, बल्कि खुद यूपी लोक सेवा आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में माना है कि रिजल्ट तैयार करने वाले अफसरो की लापरवाही के चलते गलत कोडिंग की वजह से पचास अभ्यर्थियों की कॉपियां बदल गई थी. आयोग ने रिजल्ट तैयार करने वाले पांच अधिकारियों को दोषी मानते हुए तीन को सस्पेंड कर दिया है. 20 जून से यूपी लोक सेवा आयोग ने सभी कैंडिडेट को आयोग में आकर अपनी कॉपी देखने को कहा था 30 जून तक सिर्फ 232 बच्चे ही आये है जबकि 30 जुलाई तक सब को आकर चेक करने का ऑप्शन दिया है।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि यूपी पीसीएस जे 2022 की जिस भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की बात सामने आई है, उसका फाइनल रिजल्ट कई महीने पहले ही जारी हो चुका है. तकरीबन सभी अभ्यर्थी चयनित पदों पर ज्वाइन भी कर चुके हैं. ऐसे में हाईकोर्ट ने पूछा है कि प्रभावित हुए अभ्यर्थियों के लिए आयोग अब क्या कर रहा है और साथ ही यह भी बताने को कहा है कि रिजल्ट बदलने पर अगर कोई चयनित अभ्यर्थी बाहर होता है तो उसके लिए क्या किया जाएगा. इस परीक्षा में 303 जज का सेलक्शन हुआ है और इसमें 165 के लगभग लड़कियों ने जज बनकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। जांच में दोषी पाई गई भी 3 महिला अधिकारी है। यह भी एक संयोग है या प्रयोग ?
यूपी लोक सेवा आयोग के अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई
अभ्यर्थी श्रवण कुमार पांडेय की याचिका पर सुनवाई के यूपी लोक सेवा आयोग ने यूपी पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा के पचास अभ्यर्थियों की कॉपियों की अदला-बदली की बात कबूली है. आयोग ने हाईकोर्ट में बताया कि पचीस पचीस कापियों के दो बंडल आपस में बदल गए थे और इसी वजह से पचास कापियों पर गलत कोडिंग हो गई थी. आयोग ने इस मामले में जांच के बाद परीक्षा से जड़ेअ पने पांच अधिकारियों को दोषी पाया है. इनमें से तीन को सस्पेंड कर दिया गया है. एक अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है. जबकि रिटायर्ड हो चुकी एक महिला अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है. विभागीय जांच पर हमेशा सवाल उठता रहा है ऐसी बड़ी गड़बड़ी की जांच जब तक किसी बड़ी संस्था जैसे की सीबीआई से नहीं होगी इस तरह की गड़बड़ी रोकना बड़ा ही मुश्किल काम है।
आयोग ने लापरवाही बरतने के मामले में अनुभाग अधिकारी शिव शंकर, समीक्षा अधिकारी नेहा शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा पर्यवेक्षक का काम देखने वाले उप सचिव सतीश चंद्र मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है और उन्हें आरोप पत्र जारी किया जा रहा है. कुछ दिनों पहले ही रिटायर्ड हो चुकी सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्रकला को भी दोषी मानते हुए शासन से उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए मंजूरी मांगी गई है. उनके खिलाफ नियम 351 ए के तहत कार्रवाई के लिए मंजूरी मांगी गई है.
आयोग के सचिव अशोक कुमार ने मानवीय भूल की वजह से कापियों के बंडल में गलत कोडिंग की बात कही है. आयोग की तरफ से यह भी कहा गया है कि भविष्य में ऐसी गलती ना हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. गौरतलब है कि गलत कोडिंग की वजह से बदली गई सभी कॉपियां अंग्रेजी विषय की थी. अंग्रेजी का पेपर 100 नंबरों का था. आयोग का कहना है कि भविष्य में गलती न हो इसके लिए वो कदम उठाएंगे , लेकिन वर्तमान में जिनके साथ नाइंसाफी हुई है क्या आयोग उनके लिए भी कुछ करेगा , हाई कोर्ट ने भी इस पर सवाल खड़ा किया है।
पीसीएस जे परीक्षा 2022 के तहत आयोग 303 पदों पर अभ्यर्थियों को चयनित घोषित कर चुका है. चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति भी मिल चुकी है. हाईकोर्ट में आयोग से अब यह बताने को कहा है कि जिन पचास अभ्यर्थियों की कॉपियां गलत कोडिंग की वजह से बदल गई है उनके रिजल्ट का क्या होगा. नए सिरे से परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने से कितने अभ्यर्थी बाहर होंगे और कितने नए अभ्यर्थियों को स्थान मिलेगा. जो लोग नियुक्त होकर काम कर रहे हैं उनके बारे में क्या निर्णय लिया जाएगा. आयोग ने यूपी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से नए सिरे से हलफनामा दाखिल कर यह सभी जानकारियां उपलब्ध कराने को कहा है. अदालत इस मामले की सुनवाई अब 8 जुलाई को करेगी.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस एसडी सिंह और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की डिवीजन बेंच में हो रही है. याचिकाकर्ता अभ्यर्थी श्रवण कुमार पांडेय ने कापी देखे जाने पर अपनी हैंड राइटिंग नहीं होने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. श्रवण का मामला यूपी के राजभवन तक भी जा चुका है. इस मामले में कोहराम मचने के बाद आयोग ने मुख्य परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों को उनकी कॉपियां दिखाने का फैसला पिछले दिनों लिया था. याचिकाकर्ता श्रवण इन दिनों उत्तराखंड हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनके मुकदमे की पैरवी अधिवक्ता विभु राय कर रहे हैं
केंद और राज्य सरकार पेपर लीक जैसे मामलों में कानून तो बना रही है और कानून अपना काम समय पर करेगा भी , लेकिन जिन बच्चो का भविष्य ख़राब हो जाता है क्या सरकार उनके बारे में भी कोई कानून लेकर आएंगी ? पूरी मेहनत के बाद भी पैसे वाले उनका हक़ मार कर खुद जॉब हासिल कर लेते है और जिसने मेहनत की वो सड़को पर अपनी जिंदगी बिताते है। जब जज ही गड़बड़ी से बनेगे तो उनसे इन्साफ की उम्मीद लगाना अपने आप में बड़ा जोखिम भरा काम है।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ