प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से 11वीं बार संबोधन , कांग्रेस राहुल गाँधी को लेकर रक्षा मंत्रालय से नाराज़ – डिजायर न्यूज़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से 11वीं बार संबोधन , कांग्रेस राहुल गाँधी को लेकर रक्षा मंत्रालय से नाराज़ – डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2024 को 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। यह उनका 11वां भाषण था, जो कई मायनों में खास रहा। इस भाषण में उन्होंने देश के विकास, चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर विस्तार से बात की। उनके संबोधन में हर वर्ग और क्षेत्र के लोगों के लिए एक खास संदेश था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 11वीं बार लाल किले से देश को संबोधित किया। इस बार उन्होंने सबसे लंबा भाषण देते हुए अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। पिछली बार पीएम ने लाल किले से 90 मिनट का भाषण दिया था। 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने 86 मिनट का भाषण देकर देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू के सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड तोड़ा था। इस साल उन्होंने 98 मिनट का भाषण दिया।
आइए, जानते हैं इस भाषण की मुख्य बातें और उनके पीछे का उद्देश्य।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत देश की उपलब्धियों पर गर्व जताते हुए की। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद के 77 वर्षों में भारत ने कई चुनौतियों का सामना किया है और हर बार विजयी होकर उभरा है। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते हुए देशों में से एक है। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे भारत ने इन वर्षों में हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की सफलता में जनता की भागीदारी सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि हर नागरिक का योगदान जरूरी है, चाहे वह छोटा हो या बड़ा। उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि वे अपने देश के विकास में सक्रिय रूप से भाग लें और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का नारा दोहराया और कहा कि यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि हमारे देश की नींव है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कई नई योजनाओं और लक्ष्यों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने का लक्ष्य है और इसके लिए सभी क्षेत्रों में तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार किसानों, महिलाओं, युवाओं और गरीबों के उत्थान के लिए निरंतर काम कर रही है। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ और ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे ये योजनाएं ग्रामीण भारत को सशक्त बना रही हैं।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत करोड़ों गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। इसके साथ ही, शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। उन्होंने ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह नीति देश के बच्चों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगी। उन्होंने डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया और कहा कि आज के समय में शिक्षा में तकनीकी का शामिल होना जरूरी है।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान से समाज में महिलाओं के प्रति नजरिए में बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, चाहे वह विज्ञान हो, खेल हो, या फिर रक्षा। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा को सर्वोपरि बताया और कहा कि इसके लिए सरकार नए कानून और योजनाएं बना रही है।महिला सम्मान की बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने इशारों में ही कोलकाता में एक डॉक्टर के रेप और मर्डर पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘माताओं और बहनों के खिलाफ जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके खिलाफ देश में आक्रोश है। इसे सभी राज्यों को गंभीरता से लेना होगा। ऐसे मामलों में जल्दी से जांच हो।’
प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के खतरों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया है और यह हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि यह केवल सफाई का अभियान नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बन चुका है। उन्होंने जल संरक्षण और वृक्षारोपण की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण देना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सुरक्षा चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए सरकार कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने आतंकवाद के खतरे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। उन्होंने सशस्त्र बलों की सराहना की और कहा कि वे देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सीमा पर हो रहे विकास कार्यों का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सुरक्षा को और मजबूत किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने भारत की वैश्विक भूमिका पर भी बात की। उन्होंने कहा कि आज भारत की आवाज वैश्विक मंच पर सुनी जा रही है। उन्होंने बताया कि भारत ने कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो, आतंकवाद हो, या फिर वैश्विक स्वास्थ्य संकट। उन्होंने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के सिद्धांत को दोहराते हुए कहा कि भारत हमेशा दुनिया को एक परिवार मानता है और इसी भावना के साथ आगे बढ़ रहा है।
अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से एकता और अखंडता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता उसकी ताकत है और हमें इसे संजोकर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम एकजुट रहेंगे, तो कोई भी ताकत हमें आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। प्रधानमंत्री ने देश की जनता से आग्रह किया कि वे अपने कर्तव्यों का पालन करें और देश के विकास में योगदान दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह भाषण न केवल वर्तमान चुनौतियों और उपलब्धियों का बखान था, बल्कि भविष्य के लिए एक मजबूत दिशा-निर्देश भी था। उन्होंने हर वर्ग के लोगों को प्रेरित किया और देश को एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया। उनके संबोधन में आत्मनिर्भरता, विकास, सुरक्षा, और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर विशेष जोर दिया गया। यह भाषण उन सभी के लिए प्रेरणादायक था, जो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं।
सबसे ज्यादा बार तिरंगा फहराने का रिकॉर्ड नेहरू और इंदिरा गांधी के नाम
जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। लाल किले की प्राचीर से सबसे ज्यादा बार तिरंगा झंडा लहराने का अवसर उन्हें ही मिला था। नेहरू 1947 से लेकर 1964 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर रिकॉर्ड 17 बार झंडा फहराया। इस मामले में दूसरे नंबर पर भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री और जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी हैं। उन्होंने लाल किले पर 16 बार राष्ट्रध्वज फहराया है। लाल किले पर तिरंगा फहराने के मामले में तीसरे नंबर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम है। दोनों नेताओं 10 बार लाल किले पर झंडा फहराया है। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी का तीसरा नंबर है , उन्होंने 11 वी बार तिरंगा फहराने का रिकॉर्ड बनाया है।
वही दूसरी तरफ राहुल गाँधी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था जिसमें वो सफ़ेद कुर्ता पैजामा पहने नज़र आ रहे है , लेकिन कांग्रेस का गुस्सा उस समय सातवे आसमान पर पहुंच गया जब राहुल गाँधी को 5वी रो में सीट दी गई , और उनके साथ ही राज्य सभा में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की सीट थे लेकिन खरगे नहीं पहुंची। कांग्रेस का कहना है कि राहुल गाँधी अब विपक्ष ने नेता है और उनका कद कैबिनेट मिनिस्टर का है इस लिहाज से उन्हे आगे की रो में सीट मिलनी चाहिए थी। उधर बीजेपी और रक्षा मंत्रालय का कहना है की ओलिंपिक खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिए उन्हे आगे बैठाया गया , सूत्रों के हवाले से ये भी खबर है क़ी बैठने के बाद प्रोटोकॉल ऑफिसर ने उन्हे आगे आने को कहा , लेकिन राहुल गाँधी ने मना कर दिया।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ
अलीशा शाहिद
अस्सिस्टेंट सब एडिटर