यूपीएससी से लेकर राज्य पब्लिक सर्विस कमिशन तक फ्रॉड , हेराफेरी ,पेपरलीक की बाहार , पढ़ने वाले बच्चो के जीवन में पतझड़ – डिजायर न्यूज़
यूपीएससी से लेकर राज्य पब्लिक सर्विस कमिशन तक फ्रॉड , हेराफेरी ,पेपरलीक की बाहार , पढ़ने वाले बच्चो के जीवन में पतझड़ – डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली– कभी अपने समय में यूपीएससी की परीक्षा का देश में अहम् महत्व रखने वाली संस्था के नाक के नीचे कैसे धांधली ने पैर फैला दिए इसका पता भी नहीं चलता , अगर देश का चौथा स्तम्भ मीडिया अपना रोल अदा नहीं करता तो। ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को लेकर चल रहे विवाद के बीच बड़ी खबर सामने आई है। लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मनोज सोनी ने इस्तीफा दे दिया है। सोनी ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजा है।
आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर
आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का केस हमारे देश के लिए नया नहीं है इस से पहले कितने ही पेपर लीक केस आ चुके है जिनमें नीट से लेकर कांस्टेबल हो या कितने ही अन्य परीक्षा हो देश का कोई राज्य इस से अछूता नहीं है , शिक्षा के छेत्र में अब पेपर लीक की बाहार से आ गई है कई राज्यों ने इसके लिए कानून बनाये है लेकिन आज सरकारी नौकरी हो या एडमिशन हो इसमें माफिया बद चढ़ कर हिस्सा ले रहा है क्यों की ये सिर्फ एक या दो महीने का खेल होता है और अगर पेपर लीक नहीं पकड़ा गया तो ये माफिया करोडो रूपये लेकर डकार जाता है और मेहनत करने वाले बच्चो के हाथ निराशा लगती है या जब उन्हे सफलता नहीं मिलती तो वो आत्म हत्या जैसे कठोर कदम उठा रहे है इसमें राजस्थान का कोटा किसी से पीछे नहीं है। इन सब के साथ साथ आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने तो जाति प्रमाणपत्र से लेकर अपना , पिता का , माता का नाम , पता , ईमेल और यहाँ तक कि अपने हस्ताक्षर तक बदल डाले और ये मामला कभी सामने भी नहीं आता अगर पूजा अपना भोकाल नहीं दिखाती तो। घर में पिता से लेकर माँ तक सभी का अपना अपना भोकाल अब सामने आ रहा है। पूजा की माँ को हाथ में रिवॉल्वर लेकर किसानो को डराने के एक विडिओ वायरल होने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पिता दो दफा ससपेंड किये जा चुके है , सम्पति करोड़ो रुपये की अवैध तरीर्के से जोड़ रखी है। पूजा खुद ऑडी कार में बाटी लगाकर अपना भोकाल बनाये हुए थी।
आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर यूपीएससी ने मुक़दमा दर्ज़ करवाया
यूपीएससी ने दिल्ली पुलिस को पूजा खेड़कर के खिलाफ मुक़दमा दर्ज़ करवाया है कि कैसे पूजा ने 11 बार परीक्षा दी और किस किस जालसाज़ी से वो आई ए एस अधिकारी बनी है। ऐसे अब अनेको केस सामने आ रहे है जिसमे कास्ट सर्टिफिकट , बिलो पॉवर्टी लाइन के सर्टिफिकट विकलांगता के झूठे प्रमाण पत्र बनवा कर लोग सरकारी नौकरी कर रहे है। यूपीएससी की नाक के नीचे ये लोग जालसाज़ी करते रहे और यूपीएससी को पता भी नहीं चला। देश के सब से प्रतिष्ठित पदों पर यूपीएससी नियुक्ति करता है और आज तक के इतिहास में उसकी साख पर कभी बटा लगा भी नहीं था। विकलांगता का सर्टिफिकट लगा कर आईपीएस बने एक अफसर 25 किलोमीटर की वाक कर रहे है तो किसी को जिम में देखा जा सकता है। गरीबी रेखा से नीचे में वो लोग भी आईएएस आईपीएस बन गए जिनके माता पिता पहले बड़े बड़े सरकारी पदों पर रहे है।
संघ लोक सेवा आयोग ने प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का चयन रद्द करने के लिए एक नोटिस जारी किया है , जिन पर दृश्य और मानसिक विकलांगता के बारे में झूठ बोलने और सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए अपनी पहचान (अपने माता-पिता के नाम बदलने सहित) को गलत बताने के लिए जांच की जा रही थी। शुक्रवार दोपहर जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि सुश्री खेडकर ने अनुमेय सीमा से अधिक बार धोखाधड़ी से प्रयास किए, और यूपीएससी ने 23 वर्षीया युवती के खिलाफ “कई कार्रवाइयां शुरू कीं। यहाँ सब से बड़ा सवाल ये है कि पूजा खेड़कर अभी ट्रेनी ऑफिसर है , क्या आयोग उसे सीधा नहीं निकाल सकता था ? अब पुलिस और इन्क्वारी में पता नहीं कितना समय लगे और तब तक वो अपनी पॉवर का गलत इस्तेमाल करती रहे। जब आयोग को पता ही चल गया है कि पूजा खेड़कर ने कितनी जालसाज़ी कर के पद हासिल किया है तो उसका पद पर बने रहना सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा खतरा है।
यूपीएससी के चेयरमैन मनोज सोनी का इस्तीफ़ा
यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजा है। मनोज सोनी का कार्यकाल 2029 में समाप्त होने वाला था। सोनी ने 2017 में यूपीएससी में बतौर सदस्य ज्वॉइन किया था। 16 मई, 2023 को उन्हें यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन का अध्यक्ष बनाया गया। यूपीएससी में शामिल होने से पहले, डॉ सोनी ने कुलपति के रूप में तीन कार्यकाल पूरे किए। इनमें 01 अगस्त 2009 से 31 जुलाई 2015 तक डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय (बीएओयू) के कुलपति के रूप में लगातार दो कार्यकाल और अप्रैल 2005 से अप्रैल 2008 तक महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय बड़ौदा (बड़ौदा एमएसयू) के कुलपति के रूप में एक कार्यकाल शामिल है। बड़ौदा एमएसयू में शामिल होने के समय, डॉ. सोनी भारत और एमएसयू में सबसे कम उम्र के कुलपति थे। सूत्रों के हवाले से अभी मनोज सोनी का इस्तीफा अभी मिनिस्टरी ने एक्सेप्ट नहीं किया है।
यूपीएससी के चेयरमैन मनोज सोनी का इस्तीफ़ा देकर जाना इस समस्या का हल है ?
एक चेयरमैन के रहते अगर इस तरह से धोखाधड़ी होना वो भी देश की सब से बड़ी संस्था पर इस तरह के आरोप लगातार लगना , अपने आप में एक पर्सन चीन है। इस्तीफ़ा देकर निकल लेना ये इस का हल नहीं है , अभी कितनी और धोखाधड़ी हुई है उनको जनता के सामने लाना सब से बड़ा काम है , और ये कब से चल रहा है ये उस से भी बड़ा सवाल है। ना जाने कितने आईएएस और आईपीएस झूठे सर्टीफिकेटो के ज़रिये नौकरी हासिल कर बैठे है , जो खुद धोखाधड़ी में लिप्त है वो आम लोगो के साथ इन्साफ कैसे करेंगे ? ये सावल आज जनता के जेहन में है। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के युपी पीसीएस जे 2022 में 50 शीट ही बदल दी गई अगर हाई कोर्ट मैं ये केस नहीं जाता तो धोखाधड़ी से अब जज बनना भी कोई मुश्किल नहीं है , और अगर धोखाधड़ी से कोई जज बन भी गया तो वो केसा इन्साफ करेगा इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। आज यूपीएससी के लिए अब सब से बड़ा चैलेंज है कि वो इन सब झूठे सर्टिफिकट की जांच करवा कर , उन्हे कड़ी से कड़ी सजा दिलवाये। जिन बच्चो की उम्र निकल चुकी है , जिन्हे इन जैसे लोगो की वजह से नौकरी नहीं मिली उनका तो अब क्या होगा ? उन्हे तो इन्साफ अब मिलने से रहा , पर इतना जरूर है जो दाग आज यूपीएससी पर लगे है वो धुल जाए ये भी बहुत है। सालो की कड़ी मेहनत के बाद भी जब कोई धोखाधड़ी करके उस बच्चे का हक़ छीन कर ले जाता है तो उस बच्चे पर क्या गुजरती होगी इसका अंदाजा सिर्फ वो मेहनती बच्चा ही लगा सकता है या उसके माँ बाप जिन्हे उस से उम्मीद थी।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ