मोनू मानेसर हरियाणा में गिरफ्तार, राजस्थान पुलिस को सौंपा- डिजायर न्यूज़

क्या मोनू मानेसर बनेगा राजनीतिक मोहरा ? -डिजायर न्यूज़

क्या मोनू मानेसर बनेगा राजनीतिक मोहरा ? -डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली– गौ रक्षक दल के अंदर गौ रक्षा के लिए लड़ाई लड़ने , नूह हिंसा में वीडियो ज़ारी कर नूह आने की बात करने वाले और जुनेद नासिर की हत्या में नामज़द मोनू मानेसर उर्फ़ मोहित यादव को आज उनके ही गांव से हरियाणा पुलिस ने बड़े ही नाटकीय अंदाज में गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी की खबर सुनते ही सोशल मीडिया से लेकर सड़को तक लोग उत्तर आये। जबकि अगर हरियाणा पुलिस की बात करे तो मोनू मानेसर को आई टी की धाराओं में गिरफ्तार किया था। सूत्रों के अनुसार मोनू मानेसर के नाम से 26 अगस्त को एक पोस्ट डाली गई थी। जिसमें लिखा था- परिणाम की चिंता हम नहीं करते, वार एक ही होगा, पर आखिर होगा , सोशल मीडिया सैल के सिपाही मनोज कुमार ने नूंह साइबर क्राइम थाने में इसकी शिकायत दी। साइबर पुलिस ने इसकी जांच की तो पता चला कि यह पोस्ट मोनू मानेसर नाम के अकाउंट से डाली गई।

नूह पुलिस के मुताबिक इस अकाउंट होल्डर ने धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता फैलाई। अभद्र शब्दों का प्रयोग किया। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। लोक शांति भंग की। पुलिस ने इसकी जांच की तो पता चला कि मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव के नाम पर चल रहे मोबाइल नंबर से ही यह पोस्ट डाली गई। इसके बाद उसके खिलाफ धारा 153, 153A, 295A, 504, 109 IPC और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया। गिरफ्तारी के वक्त मोनू से 2 सिम कार्ड वाला मोबाइल और 45 बोर की पिस्टल, 3 कारतूस बरामद किए गए।

मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर की गिरफ्तारी की खबर कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई। मोनू मानेसर की गिरफ्तारी और उसे राजस्थान पुलिस को सौंपने की बात सामने आने के बाद से लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी। गिरफ्तारी के आधे घंटे में ही मोनू मानेसर की गिरफ्तारी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगी। राजस्थान पुलिस को मोनू मानेसर की ट्रांसिट रिमांड मिल गई है। नूह कोर्ट ने पहले उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में गुरुग्राम की भोंडसी जेल भेजने का आदेश दिया। जबकि हरियाणा पुलिस मोनू मानेसर का रिमांड मांग रही थी , हालांकि इसी बीच कोर्ट पहुंची राजस्थान पुलिस ने मोनू को प्रोडक्शन वारंट पर लिए जाने की अर्जी दाखिल कर दी। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि नासिर-जुनैद हत्याकांड में मोनू मानेसर से पूछताछ होनी है। कोर्ट के आदेश पर राजस्थान पुलिस मोनू को अपने साथ ले गई।

नूंह हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया बिट्टू बजरंगी का भी विवादों से नाता रहा है। बिट्टू बजरंगी का असली नाम राजकुमार है। खुद को हनुमान भक्त बताने के कारण लोग उन्हें बजरंगी कहने लगे। वह गोरक्षा के नाम पर भी एक्टिव है और लोगों के खिलाफ काफी केस दर्ज कराए हैं। उसने गोरक्षा बजरंग फोर्स नामक संगठन बनाया हुआ है। अडिशनल एसपी ऊषा की ओर से दर्ज मामले में बिट्टू बजरंगी समेत 15 से 20 लोगों पर आरोप है कि ये तलवारें और त्रिशूलनुमा हथियार लेकर पहुंचे थे। पुलिस ने रोका तो हाथापाई की। पुलिस ने ये हथियार छीनकर अपनी गाड़ी में रख लिए, जिसे बाद में ये लोग लूटकर ले गए और पुलिस को धमकी दी। हालांकि बिट्टू बजरंगी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया पर 15 दिन में ही कोर्ट से उसे जमानत मिल गई।

कुछ लोगों ने जमकर हरियाणा सरकार पर तीखी टिप्पणी की। इसके साथ ही कुछ लोगों ने मोनू मानेसर की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। लोगों ने राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जुनैद-नासिक हत्याकांड के मामले में मोनू को फांसी की सजा दिलाने तक की बात कही है।
एक तरफ लोगों ने भाजपा पर सरकार पर मोनू मानेसर की हरियाणा पुलिस की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा पर एक ही पक्ष पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल पूछा है कि उनकी पुलिस द्वारा विधायक मामन खान को कब गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ लोगों ने तो मोनू मानेसर की गिरफ्तारी पर आने वाले चुनावों में असर देखने तक की धमकी दे डाली है।

चुनाव दोनों ही राज्य में है हरियाणा और राजस्थान। अब ये कहना कितना सही होगा कि अचानक हरियाणा सरकार ने मोनू मानेसर को गिरफ्तार करके राजस्थान पुलिस को सौप दिया , कुछ समय पहले राजस्थान सरकार आरोप लगा रही थी कि हरियाणा सरकार मोनू मानेसर को गिरफ्तार करवाने में उनकी मदद नहीं कर रही है। मोनू मानेसर को छोटी धाराओं में गिरफ्तार करके हो सकता है हरियाणा सरकार नूह के अल्पशख्यक समुदाय को खुश करना चाहती हो , वही अगर राजस्थान जहाँ कांग्रेस की सरकार है वहां अगर मोनू मानेसर पर सख्ती होती है तो उसका असर हिन्दू समुदाय के वोट बैंक पर भी पड़ सकता है।

सियासत का कौन कब मोहरा बन जाये , श्याद इसका अंदाजा किसी को भी नहीं होता। जब जब चुनाव करीब होते है तब तब राजनीतिक लोग अपनी सुविधा अनुसार मोनू मानेसर हो या बीटू बजरंगी हो उन्हे कभी अंदर कभी बाहर करती ही रहती है।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

 

 

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