लीबिया में सुनामी जैसी बाढ़ से तबाह शहरों में सामूहिक दफ़्न जारी- डिजायर न्यूज़
लीबिया में तबाही का खौफनाक मंज़र , अमेरिका, जर्मनी, ईरान, इटली, क़तर और तुर्की मदद भेज रहे
लीबिया में सुनामी जैसी बाढ़ से तबाह शहरों में सामूहिक दफ़्न जारी- डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – लीबिया में तबाही का खौफनाक मंज़र जो सामने आया है उस ने एक बार फिर से क्लाइमेट चेंज पर एक बड़ा सवाल छोड़ दिया है। कुछ समय पहले हिमाचल प्रदेश में मंजर कुछ कम नहीं था। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की तबाही में भी कही ना कही , जो खिलवाड़ प्रकर्ति के साथ हम कर रहे है उसका ही नतीजा है। लीबिया में कभी भी ऐसा तूफ़ान नहीं आया। करीब 5200 से ज्यादा मौत हो चुकी है और हज़ारो को पानी अपने साथ बहा कर ले गया। आज लीबिया का मंज़र कोरोना की याद ताजा कर रहा है , कैसे सामूहिक लाशों को एक साथ दफ़न किया जा रहा है। एक तो वैसे ही लीबिया गरीबी की मार झेल रहा था , अब इस तूफान ने कमर ही तोड़ दी है।
तूफ़ान डैनियल के दौरान रविवार को देरना में सुनामी जैसी बाढ़ आई थी और शहर के बड़े हिस्से को समंदर की तरफ़ बहा ले गई थी. त्रिपोली में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार का कहना है कि 2300 लोगों की मौत हुई है जबकि देरना समेत देश के पश्चिमी इलाके पर नियंत्रण रखने वाले प्रशासन का कहना है कि 5200 से अधिक शव बरामद हुए हैं. हज़ारों लोग अभी भी लापता हैं और पूर्वी प्रशासन के एक मंत्री ने कहा कि “समंदर लगातार लाशें किनारे पर छोड़ रहा है.”
बाढ़ प्रभावित इलाकों में कम से 34 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं. बर्बादी के मंजर की तस्वीरें सामने आ रही हैं जिनमें मलबे के पहाड़, जर्जर हो चुकी कारें और सड़कों पर कतारों में रखे गए शव देखे जा सकते हैं. लोगो के चीखने चिलाने की आवाजे सुनी जा सकती है। कभी किसी ने सोचा भी नहीं था कि कुछ पल में ही एक तिहाई शहर ख़तम हो जायेगा और चारो तरफ लाशो के ढेर नज़र आएंगे।
एक क़ब्रिस्तान में बॉडी बैग और कंबलों में ढंके शवों को एक साथ दफ़नाया जा रहा है. यहाँ मशीनों से गड्ढे खोदे गए हैं. पिछले दस दिनों में दुनिया के कई हिस्सों से प्राकृतिक आपदाओं की खबरें आ रही हैं. हाल ही में हांगकांग में तूफान और बारिश से तबाही मची, इसके अलावा यूना, स्पेन और बेल्जियम में बारिश बाढ़ ने कहर ढाया. वहीं ग्रीस में लगी आग ने खूब तबाही मचाई. यहां कम बारिश के कारण जंगल सूख जाने से इस तरह की घटना सामने आ रही है।
बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित देरना शहर में अब कुछ राहत सामग्री पहुँचने लगी है. मिस्र से भी मदद पहुँची है. लेकिन लीबिया के राजनीतिक हालात की वजह से बचाव के प्रयास प्रभावित हो रहा है. लीबिया में इस समय दो विद्रोही सरकारे हैं और देश बँटा हुआ है. अमेरिका, जर्मनी, ईरान, इटली, क़तर और तुर्की उन देशों में शामिल हैं जिन्होंने लीबिया के लिए मदद भेजनी शुरू कर दी है।
अगर समय रहते सभी देशो ने क्लाइमेट पर काम नहीं किया तो आने वाले समय में लीबिया जैसी तबाही आती ही रहेगी। आज सारे विश्व को एक होकर क्लाइमेट पर काम करना पड़ेगा , क्यों की जब जब इंसान ने कुदरत को नस्ट करने की कोशिश की है तब तब कुदरत ने इंसान को लाचार बना दिया , या उसे जमीन में मिला दिया , इसका उदाहरण लीबिया है। ओर भारत में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड है। जहाँ इंसानो ने पहाड़ो को काट कर बड़ी बड़ी बिल्डिंग बना डाली।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ