सामान्य नागरिक हेल्थ बीमा पर 18 परसेंट जी एस टी – डिजायर न्यूज़

मिडल क्लास के लिए हेल्थ बीमा पर 18 परसेंट जी एस टी GST - डिजायर न्यूज़

सामान्य नागरिक हेल्थ बीमा पर 18 परसेंट जी एस टी

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – भारत सरकार ने आयुष्मान योजना निकाली ताकि गरीब इंसान को 5 लाख तक फ्री हेल्थ बीमा मिले। लेकिन कभी दोस्तों आप ने ये सोचा है कि सरकार कितनी सवेदन शील है हेल्थ बीमा के बारे में ? आज हम आप से कुछ बात करके हेल्थ इन्शुरन्स से जुडी जानकारी साझा कर रहे है श्याद आप को पता हो की कोरोना कॉल से पहले सिर्फ 15 परसेंट लोगो के पास ही हेल्थ इन्शुरन्स था। 140 करोड़ की आबादी में। श्याद पूरी दुनिया में ये सब से कम प्रतिशत है। अगस्त 2023 तक 24 . 33 करोड़ आयुष्मान भारत योजना बनाये जा चुके है। सरकार ने 1 अप्रैल 2018 को ये हेल्थ स्कीम आर्थिक रूप से कमजोर नागरिको के लिए लागु की थी।

क्या है आयुष्मान भारत योजना

देश के हर वर्ग को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना यानी आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की है. यह विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम है जिसके जरिए करोड़ों निम्न आय वर्ग और मिडिल क्लास लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज का लाभ मिल रहा है। बीपीएल कार्ड धारक होना चाहिए। परिवार के किसी सदस्य के नाम पर पक्का मकान नहीं होना चाहिए। सरकार द्वारा चलायी गयी किसी भी आवासीय योजना के तहत लाभ न लिया हो। आवेदक का नाम सामाजिक आर्थिक जनगणना आकड़ो में सम्मिलित हो।

इलाज पर अस्पताल मनमाने तरीके से वसूली न कर सकें और लागत नियंत्रण (Cost Control) रखा जा सके इसके लिए इलाज संबंधी Package Rate तय किए गए हैं। ये पैकेज रेट सरकार ने पहले ही तय कर दिये हैं । आयुष्मान भारत योजना के रेट में इलाज संबंधी सभी तरह के (दवाई, जांच, ट्रांसपोर्ट, इलाज पूर्व, इलाज पश्चात के खर्चे) व्यय शामिल होंगे, जिसमे 23 स्पेशिऐलिटीज़ के कुल 1350 पैकेजेसए शासकीय चिकित्सालय हेतु 472 आरक्षित पैकेजेस साथ ही अतिरिक्त पैकेज की सुविधा और 10 दिन का फॉलोअप भी शामिल हैं ।

मिडल क्लास के लिए हेल्थ बीमा पर 18 परसेंट जी एस टी [GST ]

आज अगर हम मध्य आय के परिवारों की बात करे तो इंसान अपनी हेल्थ की सुरक्षा किसी हद तक बीमा के जरिए करना चाहता है लेकिन दोस्तों आप को यह जानकार हैरानी होगी की हेल्थ इन्शुरन्स पर सरकार हम से 18 परसेंट GST वसूल रही है , एक चुनी हुई सरकार की ड्यूटी है कि वो शिक्षा , हेल्थ और मकान अपने नागरिको को उपलब्ध कराये , लेकिन यहाँ तो मिडिल क्लास की जान ही निकाल रखी है , एक तरफ़ दिल्ली सरकार मोहल्ला क्लिनिक की बात करती है दुसरी तरफ अगर एक इंसान अपनी और अपनी परिवार की सुरक्षा को लेकर हेल्थ बीमा कराता है तो उसे 18 प्रतिशत जी एस टी देना पड़ता है। और बुजुर्गो का तो हेल्थ बीमा आसमान को छूता है। जिस उम्र में उनको हेल्थ की सुरक्षा चाहिए उस समय बीमा राशि आसमान छू जाती है और उसपर ये टैक्स ?

हेल्थ इन्शुरन्स के साथ साथ हॉस्पिटल के बिल पर भी नॉन-आईसीयू कमरे ( Non-ICU Rooms) जिसका किराया 5,000 रुपये प्रति दिन से ज्यादा है उसपर 5 फीसदी जीएसटी ( GST) का भुगतान करना होगा। अगर गरीबी रेखा से नीचे की बात करे तो साल 2019/2021 तक ये संख्या घटकर 16% (23 करोड़) हो गई , यानी 23 करोड़ लोग मैक्सिमम आयुष्मान भारत योजना का लाभ ले सकते है। बाकी लोगो को तो अपना हेल्थ इन्शुरन्स करवाना ही है 18 परसेंट टैक्स देकर।

अगर सरकार हेल्थ इन्शुरन्स के प्रीमियम पर लगाम लगा कर और सरकार की तरफ से मिडिल क्लास को भी थोड़ी सब्सिडी देती है और निजी हस्पतालों पर अंकुश लगाती है तो देश की एक बड़ी आबादी को हेल्थ सुरक्षा मिल सकती है। लेकिन मिडिल क्लास कभी आवाज़ नहीं उठाता और मरते मरते भी सरकार को टैक्स देकर जाता है। जीवन बीमा – जिंदगी के साथ जिंदगी के बाद भी ? पर हेल्थ बीमा -अपने जीते जी टैक्स देकर मरना है आप को ? हेल्थ सेक्टर में अभी भी सरकार 16 परसेंट को थोड़ी सुरक्षा दे पाई है , उसमें भी अभी सब से बड़ा घोटाला सी ए जी ने उजागर किया है। ये हम नहीं कह रहे देश की नियत्रक एव महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है की 9 लाख से ज्यादा लाभार्थी तो सिर्फ एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े थे।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

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