उत्तर प्रदेश में एक और एन्काउंटर -अनिल दुजाना मारा गया
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के नामी बदमाश अनिल दुजाना को एक एन्काउंटर में मार गिराया। सूत्रों के हवाले से दुजाना गांव में 70 -80 के दशक में सूंदर भाटी का राज चलता था , उसको सुन्दर डाकू के नाम से भी जाना जाता था , एक समय में उंसने देश की प्रधानमंत्री इंद्रा गाँधी तक को मारने की धमिकी दे डाली थी। दुजाना गांव का ही अनिल नागर बाद में अनिल दुजाना के नाम से जाना जाने लगा और जुर्म की दुनिया में अपना नाम टॉप 10 में रखवा लिया। अभी हॉल ही में तिहाड़ जेल से पैरोल पर आकर गवाहों को धमिकी देने लगा , मेरठ पुलिस ने 2 अफ आई आर दर्ज करके तलाश शुरू की और जब पकड़ने की कोशिश की गई तो जवाबी कार्रवाई में पुलिस की टीम ने मार गिराया।
उत्तर प्रदेश सरकार ऐक्शन में
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अभी हॉल ही में पूरे प्रदेश में फैले माफ़िया , गुंडे लैंड ग्रैबर सभी पर शिकंजा कसना सुरु कर दिया , अतीक के साम्राज्य का अंत करने के बाद मुख्तार अंसारी जैसे बाहुबली को सजा होना कोई कम बड़ी बात नहीं। पहले सरकार इन माफिया से डरती थी , या कोई ना कोई राजनीतिक संरक्षण इन्हे मिला होता था। इन माफिया के ऊपर केस तो दर्ज़ हो जाते थे पर कारवाही कभी नहीं होती थी , जैलो में भी इन्ही का राज चलता था। लोग डर से गवाही नहीं देते थे अगर कोई सामने आता भी था तो उससे मोत के घाट उतार देते थे।
दर्जनों केस थे दर्ज
अनिल दुजाना पर 62 केस दर्ज हैं जिनमें से लगभग 18 केस तो हत्या के ही रहे है। और वह कई मामले में फरार चल रहा था। अनिल दुजाना 75 हजार का इनामी था। अनिल दुजाना कुछ दिन पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आया था। अनिल दुजाना तिहाड़ जेल में बंद था। जेल से बाहर आते ही दुजाना ने जयचंद प्रधान हत्याकांड में उसकी पत्नी और गवाह संगीता को धमकी दी थी, जिसके बाद से अधिकारियों ने ऐक्शन लेते हुए अनिल दुजाना के खिलाफ पिछले सप्ताह में 2 मुकदमे दर्ज किए थे। नोएडा पुलिस और यूपी एसटीएफ अनिल दुजाना की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी।अनिल दुजाना की गिरफ्तारी के लिए यूपी एसटीएफ लगातार लगी हुई थी। कुछ दिनों से 7 टीमों ने 20 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की थी, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी थी। अनिल दुजाना के बाहर आने से गवाहों में डर था। अनिल दुजाना गौतबुद्ध नगर के बादलपुर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। वह बादलपुर के दुजाना गांव का रहने वाला है। अनिल दुजाना उत्तर प्रदेश के टॉप बदमाशों की लिस्ट में शामिल था।
क्या बोले यूपी एसटीएफ एडीजी
एडीजी यूपी [ एसटीएफ] अभिताफ यश ने मीडिया के सामने अनिल दुजाना पर बड़ा बयान दिया है। कहा कि आज यूपी एसटीएफ की 25वीं जयंती है। यूपी एसटीएफ के गठन के दिन ही हमारी मेरठ टीम ने दुर्दांत अपराधी को मार गिराया। ये बहुत बड़ी बात है। ढेर होने के सवाल पर अमिताभ यश ने कहा कि टीम हर वक्त सैकड़ों ऑपरेशन करती है, जो दुर्दांत अपराधी होते हैं, उन्हीं के साथ ही मुठभेड़ होती है। अपर पुलिस महानिदेशक (एसटीएफ) अमिताभ यश ने बताया कि अनिल दुजाना एक वांछित अपराधी था, मेरठ के जानी थाना अंतर्गत एक गांव में हमारी टीम ने उसे घेर लिया था। दुजाना ने बचने के लिए हमारी टीम पर गोलीबारी की और जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। दुजाना को घेरने वाली एसटीएफ टीम का नेतृत्व उप्र एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह कर रहे थे।
अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर थाने इलाके के दुजाना गांव का रहने वाला था. उसका असली नाम अनिल नागर था. उसने अपने नाम के साथ अपने गांव का नाम जोड़ लिया था. यूपी पुलिस ने अनिल दुजाना की जो क्राइम प्रोफाइल जारी की है, उसके मुताबिक भाड़े पर हत्या करना, लूट, रंगदारी वसूलना, विवादित प्रॉपर्टी में हस्तक्षेप कर धन वसूलना, बालू का अवैध खनन कराना, औद्योगिक इकाइयों में अपने वेंडर्स के माध्यम से ट्रांसपोर्टर्स का स्क्रैप उठवाना और अवैध सरिया कारोबार जैसे काम ये किया करता था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी हॉल ही मैं जिला स्तर पर माफियाओ और गैंगस्टर की लिस्ट बना कर ऊपर एक्शन का काम शुरू किया। उत्तरप्रदेश की स्पेशल टास्क फाॅर्स या तो इनको पकड़ रही है या इनका एनकाउंटर कर रही है ,अभी हॉल ही में अतीक इ बेटे असद को भी मार गिराया था , सवाल तो हमेशा उठते रहेंगे पर कही ना कही लोगो की सुरक्षा को लेकर सरकार को ये कदम उठाने पड़ते ही है। माफियाओ को कानून से कम पुलिस से ज्यादा डर लगता है। कानून को तो ये लोग बेवकूफ बना कर उस से खेलते रहते है।
एडिटर इन चीफ