असम के गृह सचिव ने पत्नी की मौत के बाद खुद गोली मार कर आत्महत्या की -डिजायर न्यूज़
असम के गृह सचिव ने पत्नी की मौत के बाद खुद गोली मार कर आत्महत्या की -डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – जीवन का पल कौन सा अंतिम होगा इसका अंदाजा लगाना किसी के हाथ में नहीं है। असम के गृह सचिव की जीवनसाथी ने छोड़ा साथ तो लगा ऐसा सदमा, कि खुद को गोली मार कर अपनी जिंदगी का भी अंत कर लिया। माँ और सास पहले ही छोड़ कर चली गई थी , अब पत्नी का दुःख सहन नहीं कर पाये असम के गृह सचिव और ICU में ही खुद को मार ली गोली।

असम के गृह सचिव का पद संभालने से पहले शिलादित्य चेतिया तिनसुकिया और सोनितपुर जिलों के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में कार्य कर चुके थे.
असम में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. राज्य के गृह सचिव शिलादित्य चेतिया ने मंगलवार (18 जून, 2024) को लंबी बीमारी के चलते अपनी पत्नी के निधन के बाद गुवाहाटी के एक प्राइवेट अस्पताल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 2009 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी चेतिया ने आईसीयू के अंदर अपनी सरकारी रिवॉल्वर से कथित तौर पर खुद को गोली मार ली, जहां उनकी पत्नी की मौत हो गई थी.
अस्पताल ने क्या कहा?
अस्तपताल के एमडी हितेश बरुआ ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, गृह सचिव शिलादित्य चेतिया अपनी पत्नी के साथ पिछले दो महीने से अस्पताल में ही रह रहे थे. चेतिया को पिछले तीन दिनों से हम बता रहे थे कि आपकी पत्नी की हालत बिगड़ती जा रही है. हितेश बरुआ ने कहा, ”शिलादित्य को उनकी पत्नी की मौत के बारे में बताया गया और वो इस दौरान ICU में ही मौजूद थे. इसके बाद शिलादित्य चेतिया ने आईसीयू में मौजूद डॉक्टर और नर्स से कहा कि वो प्रार्थना करना चाहते हैं तो इस कारण क्या आप बाहर जा सकते हैं. फिर जैसे ही डॉक्टर और नर्स बाहर गए तो कमरे के अंदर से तेज आवाज आई. डॉक्टर ये सुनके आए तो देखा कि चेतिया का शव खून से लथपथ पड़ा था.

असम पुलिस ने क्या कहा?
असम पुलिस ने कहा कि राज्य के गृह सचिव के रूप में तैनाती से पहले शिलादित्य चेतिया तिनसुकिया और सोनितपुर जिलों के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और असम पुलिस की चौथी बटालियन के कमांडेंट के रूप में कार्य कर चुके थे. चेतिया की पत्नी ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित थीं और पिछले कुछ महीनों से अस्पताल में भर्ती थीं.
क्या अकेलापन इंसान को आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर कर देता है , महीनो से अकेले अपनी पत्नी की बीमारी से जूझ रहे गृह सचिव शिलादित्य चेतिया के पास कोई उनके दुःख को बाटने के लिए नहीं था ? एक आई पी एस ऑफिसर भी जो दुनिया की मदद करता है और एक समय में खुद इतना कमजोर पड़ जाता है इसका अन्दाजा आसानी से गृह सचिव शिलादित्य चेतिया के केस से लगाया जा सकता है। अपनों के दुख के सामने कोई पैसा पॉवर सब कम पड़ जाते है। काश उस समय शिलादित्य चेतिया को कोई अपना सभालने वाला होता तो वो इतना बड़ा कदम श्याद नहीं उठा पाते।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ