उत्तरप्रदेश में पीसीएस-जे के अभ्यर्थी , जज बनने से पहले ही पेपर बदलने से लेकर आंसर शीट के पेज फाड़ने का मामला हाई कोर्ट पंहुचा -डिजायर न्यूज़

उत्तरप्रदेश में पीसीएस-जे के अभ्यर्थी , जज बनने से पहले ही पेपर बदलने से लेकर आंसर शीट के पेज फाड़ने का मामला हाई कोर्ट पंहुचा -डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – उत्तरप्रदेश पहले ही पेपर लीक के मामलों को लेकर सत्ता से दूर हो चला है अब एक और मामला उत्तरप्रदेश हाई कौर के संज्ञान में आया है। 2022 में उत्तरप्रदेश सरकार ने राज्य के लिए 303 पदों की नियुक्ति के लिए परीक्षा करवाई लगभग 50000 हज़ार क करीब लोग प्रधम परीक्षा में बैठे और उसके बाद करीब 3000 लोग मैन परीक्षा में बैठे जिनमें से लगभग 950 पास होकर साक्षत्कार के लिए उत्तरप्रदेश पब्लिक कमीशन ने भुलाया। फाइनल रिजल्ट में 303 जज का सिलेक्शन हुआ और आज तो सभी कार्यरत है।

uppcsj.-Dzire-News
uppcsj.-Dzire-News

याची 2022 पीसीएस जे मुख्य परीक्षा में शामिल हुआ था। इसका परिणाम 30 अगस्त 2023 को जारी किया गया। मुख्य परीक्षा में कम अंक मिलने पर उसने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी तो पता चला कि अंग्रेजी प्रश्न पत्र में उसे मात्र 47 अंक मिले हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र. सेवा आयोग को पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा 2022 में शामिल अभ्यर्थी श्रवण पांडे के छह प्रश्न पत्रों की उत्तर पुस्तिकाएं कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। याची अभ्यर्थी का आरोप है कि उसकी अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में हैंडराइटिंग बदली है। साथ ही एक अन्य उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फाड़े गए हैं। इन वजहों से मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाया। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने श्रवण पांडे की याचिका पर यह आदेश दिया है। याची अधिवक्ता विभु राय ने पक्ष रखा।

कोर्ट ने उप्र.लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि याची की सभी छह उत्तर पुस्तिकाओं को अदालत के सामने प्रस्तुत किया जाए। ताकि, अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका में याची की हैंडराइटिंग है या नहीं, इसका पता लगाया जा सके। याची को अपनी उत्तर पुस्तिकाएं देखने पर पता चला की अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में उसकी हैंडराइटिंग नहीं है, जो कि उसने अन्य प्रश्न पत्रों में लिखी है। साथ ही हिंदी की उत्तर पुस्तिका के तीन चार पन्ने फटे हुए पाए गए।

अगर याची की बात सही निकलती है और उसकी उत्तरपुस्तिका में उसकी हैंड राइटिंग नहीं मिलती है तो हाई कोर्ट क्या एक्शन लेगा ? क्या याची की असली कॉपी से कोई और जज तो नहीं बन गया है , या याची को रोकने के लिए उसके साथ कही कोई साज़िस तो नहीं ही गई है। जहाँ एक और उत्तरप्रदेश के मुखयमंत्री योगी आदित्य नाथ ने सभी परीक्षाएं जल्दी से जल्दी करवा कर लोगो को नौकरी देने पर जोर दिया है वही ऐसे ऐसे केस उत्तरप्रदेश की परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठ रहा है।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.