दिल्ली विश्वविद्यालय कॉलेज कर्मचारी यूनियन का आज धरना
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – आखिर क्यों हज़ारो दिल्ली विश्वविद्यालय के कर्मचारी धरने पर बैठ गए है , दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक ई टेंडर जारी कर दिया है जिसमें 20 पदों पर क्लर्क 60 पदों पर एमटीएस तथा 100 पदों पर लैब अटेंडेंट के लिए आवेदन मांगा गया है इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा इन सभी पदों को लगभग 15 महीने पहले विज्ञापित कर चुका है और आज तक करोड़ों रुपए फीस लेने के बाद भी टेस्ट कंडक्ट नहीं कराया गया है जिसमें लगता है की एन टी ए के साथ प्रशासन की जबरदस्त मिलीभगत है विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर आवेदक से रु 1000 प्रति फॉर्म प्रति पोस्ट लिया है यहां तक की महिला तथा एससी एसटी के आवेदकों को भी नहीं छोड़ा गया है विश्वविद्यालय तथा कॉलेजों में लगभग 3000 कर्मचारी 15 से 20 वर्षों से अपनी सेवाएं विभिन्न पदों पर दे रहे हैं लेकिन जो कर्मचारी पिछले 15-20 वर्ष से विश्वविद्यालय तथा कॉलेजों में लगभग हर सीट का काम कर रहे थे उन्हें नियमित ना कर विश्वविद्यालय प्रशासन नए-नए फरमान जारी कर रहा है जोकि इन कर्मचारियों के साथ जो वर्षों से इस उम्मीद से जी रहे हैं कि हम एक दिन नियमित होंगे के साथ एक बहुत बड़ा धोखा है अब तो प्रशासन ने ई टेंडर जारी कर सबको असमंजस में डाल दिया है जिससे प्रशासन का दूसरा नया चेहरा सामने आया है जिसका दिल्ली विश्वविद्यालय कॉलेज कर्मचारी यूनियन कड़े शब्दों में निंदा करती हैआज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यूनियन की वर्किंग कमेटी की बैठक 2.00 बजे शुरू हुई।बैठक की अध्यक्षता यूनियन के प्रधान देवेंद्र शर्मा ने की।बैठक में सदस्यों ने अपने विचार रखे और सर्व सम्मति से निर्णय लिए गए।
क्या दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन की ई टेंडर प्रकिया उन कर्मचारियों के हितो की खिलाफ नहीं है जो सालो से वहाँ काम कर रहे है और उन्हे अभी तक स्थाई भी नहीं किया गया है। क्या शिक्षा में भी कांट्रेक्टर की जरुरत है ? क्या दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को ये नहीं पता की स्थाई लोगो की जिम्मेदारी अस्थाई लोगो से ज्यादा होती है ? आज कांट्रेक्टर अपने फ़ायदे के लिए किसी को भी जॉब पर लगा कर अपना फायदा उठा लेते है। दिल्ली विश्वविद्यालय कॉलेज कर्मचारी यूनियन इसके विरोध में दो दिन का धरना प्रदर्शन कर रहे है। आज एक रैली भी निकाली जा रही है।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ
एडिटर इन चीफ