जंतर मंतर की काली रात
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – बुधवार – गुरुवार की रात जंतर मंतर जंग का मैदान बन गया , ट्विटर पर खबर आते ही पहलवानो के पक्ष में लोग जंतर मंतर पहुंचने लगे पर पुलिस ने सभी रास्तो पर बेरिकेडिंग लगा कर बंद कर दिया किसी को भी जाने की इज़्ज़ाज़त नहीं दी गई , फिर चाहे मीडिया हो या नेता। महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति महिवाल को भी पुलिस ने बल प्रयोग कर के रोका तो सांसद दीपेंदर हूडा को अकेले भी नहीं जाने दिया। इन सब बातो से एक बात तो सामने आ ही रही है कि बृजभूषण शरण को साधारण नेता नहीं है उसकी ताक़त इतनी है कि कोई उसके खिलाफ एक्शन तो दूर बोलना भी नहीं चाहता है। उत्तर प्रदेश में वैसे ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार है दूसरी तरफ विपक्ष यानी समाजवादी पार्टी को भी उसने ठंडा कर दिया है और वोटर कार्ड भी खेल दिया है , अखिलेश यादव इस से पहले कुछ बोलते , बृजभूषण शरण ने कह दिया की अखिलेश तो उन्हे बचपन से जानते है।
जंतर मंतर का धरनास्थल बुधवार-गुरुवार की रात जंग का मैदान बन गया। प्रदर्शनकारी पहलवान बारिश के कारण अपने रहने के लिए फोल्डिंग बेड वेगरा लेकर आये थे पर पुलिस ने उन्हे उतरने की इज़्ज़ाज़त नहीं दी और दिल्ली पुलिस के जवान आमने-सामने आ गए। बहसबाजी कुछ मिनटों में हाथापाई में बदल गई। किसी का सिर फूटा, किसी के हाथ-पैर में चोट लगी। विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया जैसे दिग्गज पहलवानों को चोटें आई हैं। गुरुवार सुबह पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पूनिया ने मेडल वापस लौटाने की धमकी देते हुए कहा कि उन लोगों के साथ ठीक व्यवहार नहीं हो रहा है।
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने पहलवानों की याचिका पर कहा कि हाई कोर्ट का रुख करें। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल की दलीलों का संज्ञान लिया। एसजी तुषार मेहता ने कहा कि सभी पहलवानों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों को हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि नाबालिग शिकायतकर्ता को सुरक्षा दी गई है। बाकी पहलवानों को कोई खतरा नहीं पाया गया। इसके बावजूद उन्हें सुरक्षा दी गई। एसजी ने कहा कि सभी छह पहलवानों को सिक्योरिटी दी गई है। जंतर मंतर पर हथियारबंद पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इस वक्त कार्यवाही बंद कर रहे हैं। अगर याचिकाकर्ताओं की कोई और इच्छा हो तो मैजिस्ट्रेट या हाई कोर्ट के पास जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने एक बात पर नाराजगी ज़ाहिर की अभी तक दिल्ली पुलिस ने पीड़िताओं के बयान भी दर्ज़ नहीं किये और ना ही मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज़ करवाए। कुछ बातो से लगता है कि दिल्ली पुलिस पर आखिर दबाव किस का है अगर 6 या 7 खिलाड़ियों ने अपनी अलग अलग शिकायत की है तो फिर FIR एक ही क्यों ? नाबालिग की तो उन्होंने फिर भी अलग की है क्यों की उसमें पोक्सो एक्ट लगा है जिसमे तुरंत गिरफ्तारी होती है पर अभी को मुल्ज़िम को बुलाया भी नहीं गया है।
सुप्रीम कोर्ट की सीनियर अधिवक्ता रजीता राज जो की शुरू से ही पहलवानो के साथ खड़ी है उनका कहना है कि अभी तक के इतिहास में महिला खिलाड़ियों के साथ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ , देश का मान बढ़ाने वाली बेटियों का ये हॉल है तो साधारण बेटियों का क्या होगा। रजीता राज बे बताया की वो दिन रात अपनी इन बेटियों के साथ खड़ी है और इस लड़ाई में जब तक उन्हे इन्साफ नहीं मिल जाता तब तक वो इनके साथ है। आप को बता दे की रजीता राज के पति हिमाचल प्रदेश के तेज तर्रार डी जी पी रहे है। रजीता राज ने कहाँ की अब ये लड़ाई सिर्फ खिलाड़ियों की ही नहीं पूरे देश की बेटियों की है अब यौनशोषण बर्दास्त नहीं किया जाएगा, फिर चाहे लड़ाई कितने भी लम्बी क्यों ना लड़नी पड़े।
अंत में दुखी होकर रोते हुए मैडल के सम्मान की बात पर उसे लौटने की भी घोषण कर डाली। अगर मेडल का सम्मान ऐसा ही है तो हम इस मेडल का क्या करेंगे। इससे अच्छा तो हम मामूली जिंदगी जी लेंगे और हमने जो मेडल जीते हैं उसे हम भारत सरकार को वापस कर देंगे। धक्का-मुक्की और गाली गलौज के समय पुलिस को नहीं दिखता कि ये पद्म श्री हैं, उन्होंने इस सम्मान की लाज नहीं रखी: बजरंग पूनिया। जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। बुधवार रात के बवाल के बाद पहलवानों ने अपना पक्ष रखा। विनेश फोगाट ने कहा कि कोई भी महिला कॉन्स्टेबल नहीं थी। कुल पुलिसवाले नशे में थे। बजरंग पूनिया ने कहा कि हमारी लड़ाई सरकार से नहीं है, हमारी लड़ाई सिर्फ बृजभूषण से है।
जंतर मंतर से पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होंने कथित मारपीट के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने धरनास्थल पर वाटरप्रूफ टेंट, बिस्तर, जिम के उपकरण, कुश्ती मैट और साउंड सिस्टम लाने की अनुमति भी मांगी है। हिंदी में लिखे इस पत्र में लिखा है, हम, ओलंपियन और अंतरराष्ट्रीय पहलवान, पिछले 11 दिनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं। बुधवार रात लगभग 11 बजे, हम रात में रुकने के लिए सुविधाओं की व्यवस्था कर रहे थे, जब दिल्ली पुलिस के एसीपी धर्मेंद्र ने लगभग 100 पुलिस कर्मियों के साथ हम पर हमला किया। हमले में दुष्यंत फोगट और राहुल यादव के सिर पर चोट आई है। पहलवानों ने आरोप लगाया कि एसीपी ने ओलंपियन विनेश फोगट को गालियां दीं, जबकि साक्षी मलिक और संगीता फोगट को पुलिस ने पीटा। उन्होंने कहा, इस तरह से अंतरराष्ट्रीय पहलवानों पर हमला करना और उनका अपमान करना एथलीटों का मनोबल तोड़ने वाला है। यह उनके आत्मविश्वास को कम करता है। इससे देश की भी बदनामी हो रही है। हम आपसे तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।
एक दिन पहले ही बिना तय समय पी टी उषा जंतर मंतर पहुंची और खिलाड़ियों से मुलाक़ात की और बताया की समाधान सरकार निकालने की कोशिश कर रही है आप धरना ख़तम करे , पर उनकी इस अपील को खिलाड़ियों ने टुकरा दिया और जाते समय पी टी उषा को काफी विरोध झेलना पड़ा। अब खिलाडी सिर्फ बृजभूषण शरण की गिरफ्तारी की ही मांग कर रहे है ,
एडिटर इन चीफ