पीआरएस ओबेरॉय नहीं रहे, 94 साल की उम्र में निधन , होटल व्यवसाय को नई दिशा देने में थी अहम भूमिका- डिजायर न्यूज़

पीआरएस ओबेरॉय नहीं रहे, 94 साल की उम्र में निधन , होटल व्यवसाय को नई दिशा देने में थी अहम भूमिका- डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – होटल व्यवसाय के एक नए मक़ाम तक ले जाने वाले मशहूर पीआरएस ओबेरॉय ने अपने ओबरॉय फार्म हाउस पर अंतिम सांस ली। उनका ये फार्म हाउस कई एकड़ में फैला हुआ है अंदर ही एक खूबसूरत महल नुमा घर और अपने खास दोस्तों के लिए रहने की जगह ‘द ओबेरॉय ग्रुप’ के संस्थापक दिवंगत राय बहादुर एमएस ओबेरॉय ने साल 1974 में लेकर एक खूबसूरत फार्म हाउस बना कर अपने रहने के लिए लिया था। यही पर बिकी ओबेरॉय ने 94 साल में अपनी अंतिम सांस ली। बिकी’ के नाम से मशहूर पीआरएस ओबेरॉय का जन्म 1929 में दिल्ली में हुआ था। ‘द ओबेरॉय ग्रुप’ के संस्थापक दिवंगत राय बहादुर एमएस ओबेरॉय के बेटे पीआरएस ओबेरॉय लंबे समय तक ईआईएच लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष रहे और उसके विकास की राह पर आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।ओबेरॉय समूह के मानद चेयरमैन पृथ्वीराज सिंह ओबेरॉय (पीआरएस ओबेरॉय) का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वे 94 साल के थे। पीआरएस ओबेरॉय ने भारत में होटल व्यवसाय को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें इस व्यवसाय चेहरा बदलने के लिए जाना जाता था। पीआरएस ओबेरॉय ने 2022 में ईआईएच लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष और ईआईएच एसोसिएटेड होटल्स लिमिटेड के चेयरमैन पद छोड़ दिया था। उन्हें 2008 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।

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अंतिम संस्कार शाम चार बजे भगवंती ओबेरॉय चैरिटेबल ट्रस्ट
बयान में कहा गया कि एक प्रतिभावन शख्स को खोने का शोक मनाते हुए उनकी विरासत को याद रखेंगे। श्रद्धांजलि सभा से जुड़ी जानकारी जल्द साझा की जाएगी। अंतिम संस्कार मंगलवार को शाम चार बजे कापसहेड़ा में भगवंती ओबेरॉय चैरिटेबल ट्रस्ट (ओबेरॉय फार्म) में किया जाएगा। अपने फार्म हाउस के करीब ही मैन रोड पर भगवंती ओबेरॉय चैरिटेबल ट्रस्ट है जहाँ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

ओबेरॉय का जन्म 1929 में दिल्ली में हुआ था
‘बिकी’ के नाम से मशहूर पीआरएस ओबेरॉय का जन्म 1929 में दिल्ली में हुआ था। द ओबेरॉय ग्रुप के संस्थापक दिवंगत राय बहादुर एमएस ओबेरॉय के बेटे पीआरएस ओबेरॉय लंबे समय तक ईआईएच लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष रहे और उसके विकास की राह पर आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जो लोग राजधानी के सुपर लग्जरी ओबरॉय इंटरकॉन्टिनेंटल होटल में आते-जाते हैं, वे उस शख्स को होटल के गेट के बाहर सुरक्षा कर्मियों से पंजाबी में बतियाते हुए देखते थे। सूट-बूट पहने वह शख्स कुछ समझा कर अपनी मर्सडीज में निकल जाता। उनका नाम था पृथ्वीराज सिंह ओबरॉय (पीआरएस ओबरॉय)। भारत में एक से बढ़कर एक लग्जरी होटल खड़े करने वाले पीआरएस ओबरॉय का मंगलवार को अपने 70 एकड़ में फैले दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के कापसहेड़ा फार्म हाउस में निधन हो गया। वे 94 साल के थे। उन्हें अधिकतर लोग बिक्की ओबरॉय भी कहते थे।

सूत्र बताते है ओबरॉय होटल के नीचे क्या ?
बिक्की ओबरॉय की देखरेख में ही राजधानी का ओबरॉय इंटरकॉन्टिनेंटल होटल बना। तब तक ओबरॉय ग्रुप का शामनाथ मार्ग पर ओबरॉय मेडिंस होटल चल रहा था। 1960 के आसापस दिल्ली में लग्जरी होटल के नाम पर अशोक होटल, इंपीरियल होटल और मेडिंस होटल ही थे। ओबरॉय ग्रुप को डॉ. जाकिर हुसैन रोड (पहले वेस्ली रोड) पर जमीन मिली। शिलान्यास के दौरान बिक्की ओबरॉय की मां ईशर देवी ने प्लॉट के नीचे सोने के पांच सिक्के गाड़े थे। ओबेरॉय होटल और ताज ग्रुप ऑफ होटल्स का हमेशा सर्विस और खूबसूरती को लेकर कॉम्पिटिशन चलता रहता था। दिल्ली में ये दोनों होटल्स ही टॉप पर थे। टाटा ग्रुप ने अपने बिज़नेस को दूर दूर तक फैला लिया।

About-our-Executive-Chairman.-PRS-oberio-Dzire-News
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कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, पीआरएस ओबेरॉय मानते थे कि किसी भी ऑर्गेनाइजेशन की सबसे कीमती संपत्ति उसके लोग होते हैं. वह हॉस्पिटलिटी मैनेजमेंट में गुणवत्ता को काफी महत्व मानते थे. कंपनी ने बयान में कहा कि मानद चेयरमैन के निधन की खबर से हर कोई दुखी है. उनका निधन ओबेरॉय ग्रुप के लिए और भारत व पूरी दुनिया की हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री के लिए बड़ी क्षति है. 1934 में स्थापित, कंपनी 7 देशों में 32 लक्जरी होटलों और दो रिवर क्रूज़ जहाजों की मालिक है और उनका संचालन करती है, मुख्य रूप से अपने ओबेरॉय होटल्स एंड रिसॉर्ट्स और ट्राइडेंट ब्रांडों के तहत।

ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट
भारतीय इतिहास के सबसे भयावह आतंकी हमलों 26/11 के तीन बड़े मोर्चों में मुंबई का ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस शामिल था। जब हमला हुआ तो ताज में 450 और ओबेरॉय में 380 मेहमान मौजूद थे। खासतौर से ताज होटल की इमारत से निकलता धुंआ तो बाद में मुंबई पर हुए इस हमले की पहचान बन गया। सूत्र बताते है कि हमले के बाद बिकी ओबेरॉय मुंबई शिफ्ट हो गए और फिर दोबारा से होटल को रात दिन की मेहनत के बाद खड़ा कर दिया था।

उन्हें 2008 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था

उन्हें 2008 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।ओबेरॉय को पर्यटन और आतिथ्य के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म विभूषण दे नवाजा गया था। इसके अलावा भी उन्हें कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। असाधारण नेतृत्व और दूरदर्शिता के लिए उन्हें इंटरनेशनल लक्जरी ट्रैवल मार्केट (आईएलटीएम) में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिला था। ओबेरॉय को होटल्स (मैगजीन) यूएसए द्वारा ‘कॉर्पोरेट होटलियर ऑफ द वर्ल्ड’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। बर्लिन में छठे इंटरनेशनल होटल्स इन्वेस्टमेंट फोरम ने उन्हें प्रतिष्ठित लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया था। पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय होटल इंडस्ट्री के ओबेरॉय ग्रुप के मानद चेयरमैन थे. वे ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी ईआईएच लिमिटेड के एक्सीक्यूटिव चेयरमैन भी थे।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

 

 

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