दबदबा था , अब खत्म ,आखिर खिलाड़ियों के सामने झुका खेल मंत्रालय , ब्रिजभूषण शरण पर चला सरकार का हंटर -डिजायर न्यूज़

दबदबा था , अब खत्म ,आखिर खिलाड़ियों के सामने झुका खेल मंत्रालय , ब्रिजभूषण शरण पर चला सरकार का हंटर -डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – महज़ चार दिन में ही ख़ुशी ग़म में बदल गई , खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को निलंबित किया, बृजभूषण के करीबी नए अध्यक्ष संजय सिंह के फैसले भी रद्द कर दिये है। 21 को रिजल्ट आया और आज 24 को खेल मंत्रालय ने नए डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह को भी निलंबित कर दिया है। अभी जश्न पूरी तरह से मना भी नहीं था की सरकार का ये निर्णय आ गया। जीत के अगले ही दिन बृजभूषण शरण के बेटे ने अपने पिता के घर के बाहर आतिशबाज़ी के साथ साथ एक पोस्टर लहराते हुए एक्स पर एक विडिओ और पोस्टर शेयर किया जिसमें लिखा था म दबदबा था दबदबा है और दबदबा रहेगा।

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जिस दिन संजय सिंह के अध्यक्ष बनने का ऐलान हुआ अगले ही दिन दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक ने दिल्ली के प्रेस कल्ब में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुश्ती छोड़ने का एलान कर दिया था। जैसे ही वो रोते हुए निकली उसका वीडियो वायरल हो गया। उसके साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट भी थी। उनके अगले ही दिन बजंरग पूनिया ने पद्म श्री लौटा दिया था। बजरंग पुनिया ने अपना मैडल प्रधानमंत्री के घर के बाहर फुटपाथ पर रख दिया था , क्यों की उन्हे प्रधानमंत्री से मिलने नहीं दिया था , दो पेज का एक खत भी मैडल के साथ छोड़ा था , जो बड़ा भावुक पल था। उनके अलावा हरियाणा के पैरा एथलीट वीरेंद्र सिंह ने पद्म श्री लौटाने का एलान कर दिया था।

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भारतीय खेल मंत्रालय ने रविवार 24 दिसंबर को बड़ा फैसला लिया। उसने नवनियुक्त भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है। इस साल पहलवानों के विरोध के बाद भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। उसके बाद चुनाव हुआ और बृजभूषण शरण के ही करीबी संजय सिंह चुनाव जीत गए। नए अध्यक्ष ने ज्यादा स्वागत बृजभूषण शरण का हो रहा था , और इस बीच मीडिया के सामने भी बृजभूषण शरण के कई बयान सामने आये। जिस से देश के खिलाड़ियों में रोष बढ़ता गया। और आज सरकार को ये निर्णेय लेना पड़ा।

सरकार ने नियमों की अवहेलना के कारण कुश्ती संघ को निलंबित किया। नवनिर्वाचित निकाय ने पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त नोटिस दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की जल्दबाजी में घोषणा की थी। खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, नए निकाय ने डब्ल्यूएफआई संविधान का पालन नहीं किया है। हमने फेडरेशन को समाप्त नहीं किया है, बल्कि अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। उन्हें बस उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की जरूरत है। अपने आदेश में अभी खेल मंत्रालय ने निलंबन किया है और सभी अभी तक के निर्णय पर अगले आदेश तक रोक लगाई है।

सूत्र ने निलंबन के कारणों के बारे में आगे बताया। उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने को जिस दिन अध्यक्ष चुना गया था उसी दिन उन्होंने घोषणा की थी कि कुश्ती के लिए अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय मुकाबले नंदिनी नगर, गोंडा (यूपी) में होंगे। यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है। डब्ल्यूएफआई के संविधान की प्रस्तावना के खंड 3 (ई) के अनुसार, डब्ल्यूएफआई का उद्देश्य अन्य बातों के अलावा कार्यकारी समिति द्वारा चयनित स्थानों पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू नियमों के अनुसार सीनियर, जूनियर और सब जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने की व्यवस्था करना है। इस निर्णय पर डब्ल्यूएफआई के नव निर्वाचित एक पदाधिकारी ने भारत की राष्ट्रपति से गुहार भी लगाई थी।

बजरंग पुनिया ने कहा सरकार का ये निर्णेय सही है

कुश्ती संघ को निलंबित किए जाने के बाद आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले अनुभवी पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा, सरकार ने यह सही निर्णय लिया गया है। जो हमारी बहन-बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा है , उसके खिलाफ संबंधित लोगों को पूरी तरह से हटाया जाना चाहिए। हमारे ऊपर कई इल्जाम लगाए गए। राजनीति की गई। जब हम पदक जीतते हैं तो देश के होते हैं। हम खिलाड़ी कभी भी जात-पात नहीं देखते। एक साथ एक थाली में खाते हैं। हम अपने तिरंगे के लिए खून-पसीना बहाते हैं। सैनिकों और खिलाड़ियों से ज्यादा मेहनत कोई नहीं करता। हमें देशद्रोही कहा गया। हम ऐसे नहीं हैं। हमें पुरस्कार जीतने पर मिला। हम उसे वापस ले सकते हैं। हम सम्मान वापस ग्रहण कर सकते हैं। सरकार ने महीनो चले किसान आंदोलन में भी देरी कर दी थी और करीब 750 किसानो को अपनी जान गवानी पड़ी थी।

sanjay-Singh-New-President-WFI-and-Brij-Bhushan-Sharan-former-President-WFI-Dzire-News
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इससे पहले खेल मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि WFI के चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं। इसके साथ ही बजरंग के पद्मश्री सम्मान वापस लौटने पर मंत्रालय ने कहा था कि यह उनका निजी फैसला है और हम अब भी बजरंग से पद्मश्री लौटाने के फैसले को बदलने की मांग करेंगे। लेकिन आज खेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष को निलंबित कर दिया और संघ के सभी कार्यो पर रोक लगा दी है। सूत्रों के हवाले से संजय सिंह ने कहाँ की वो फ्लाइट में थे अभी उन्हे कोई आदेश नहीं मिला है।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

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