इंसान या हैवान, कौन है आफताब पूनावाला – डिजायर न्यूज, नई दिल्ली

इंसान या हैवान, कौन है आफताब पूनावाला

डिजायर न्यूज, नई दिल्ली- वैसे तो हम सब कभी कभी डिस्कवरी चैनल देख ही लेते हैं कैसे जानवर सिर्फ अपनी पेट की भूख मिटाने के लिए एक दूसरे को मार कर खाते हैं लेकिन दूसरी तरफ अगर उनका पेट भरा हो तो वो एक दूसरे की रक्षा भी करते हैं, यहाँ बात हम एक ऐसे मोक्ष प्राप्त हैवान की कर रहे हैं जिसका नाम है आफताब पूना वाला। जिसे ना किसी की मौत से कोई फर्क है ना ही उसे किसी का डर है। बस उसे अपने खाने और अपनी हवस के सामने कुछ नजर नहीं आता। इंसान अगर किसी की मौत की खबर सुन भी ले तो पेट में एक भी निवाला जाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन यहाँ अगर बात करें आफताब की तो जिसके साथ जिंदगी गुजारने का वादा किया, जिसके साथ हो सकता है कुछ हसीन पल भी गुजारे हों, उसको ही अपने हाथों से मार कर, बाहर से अपने पसंद का खाना मंगवा कर खा कर आराम से चैन की सांस सोना सिर्फ मोक्ष वाला इंसान ही कर सकता है।
इंसान अगर अपना स्तर उठा लेता है तो वो भगवान बन जाता है, अपना स्तर गिरा लेता है तो हैवान बन जाता है, यही किस्सा है आफताब का, मुंबई से सटे पालघर की रहने वाली श्रद्धा वालकर के लिव इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने ना सिर्फ उसकी हत्या की, बल्कि उसके शरीर के 35 टुकड़े किए। उन्हें फ्रिज में रखा और रोज शरीर के एक-एक अंग को दिल्ली के महरौली के जंगल में जाकर फेंका, एक तरफ इस हैवान ने श्रद्धा की हत्या की। फिर उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर फ्रिज में रखे, दूसरी तरफ वह एक डेटिंग ऐप पर दूसरी लड़की को अपनी हवस के जाल में फंसा रहा था और अपने फ्लैट में बुलाकर उसके साथ सेक्स की प्यास बुझा रहा था। आफताब कोई नार्मल हैवान नहीं है। अभी तो उसने पुलिस के सामने तोते की तरह अपना जुर्म कबूल किया है लेकिन उसे ये भी पता है कि अगर पुलिस को बॉडी पार्ट्स नहीं मिलते या जिस हथियार आरी और चाकू से उसने श्रद्धा के शरीर के टुकड़े टुकड़े कर के जंगल में फेकें हैं अगर वो पुलिस को नहीं मिलते तो उसके बयान की कोर्ट में कोई अहमियत नहीं रहेगी।

पुलिस के लिए सब से बड़ा चैलेंज
दिल्ली पुलिस, क्राइम ब्रांच और सीबीआई के लिए भी सब से बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ये केस अभी कुछ बॉडी के पार्ट्स श्रद्धा के मिले है या वो पार्ट्स किसी और के हैं, ये भी जब तक डीएनए टेस्ट नहीं हो जाता कहना बड़ा मुश्किल है। पुलिस को आफताब महरौली के जंगलो में घुमा रहा है। अभी तक पुलिस को श्रद्धा के कपडे, मोबाइल आदि कुछ भी नहीं मिला है कहीं ये स्टोरी अजय देवगन की फिल्म दृष्यम् की तरह ना साबित हो जाये क्योंकि अभी तक आफताब के कबूलनामे से तो लगता है कि उसने हैवानियत की सभी हदें पार कर दी हैं। पुलिस पूरी कोशिश करेगी कि आफताब तो कड़ी से कड़ी सजा मिले, पर उसके लिए सब से बड़ी चुनौती है सबूत इकट्ठा करना। पुलिस ने अभी तक फ्रीज, किचन में मिले कुछ खून के धब्बों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है साथ साथ भाई और श्रद्धा के पिता का डीएनए भी भेज दिया है, रिपोर्ट को आने में 15 से 20 दिन का समय लग सकता है।

क्या है श्रद्धा आफताब केस
दिल्ली के महरौली इलाके में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा के 35 टुकड़े करने वाले आफताब पर सनक किस हद तक सवार थी, इसका खुलासा उसके ताजे कबूलनामे से होता है। उसने फ्रिज में रखे श्रद्धा के सिर को आखिर तक नहीं फेंका था। पूछताछ में आफताब ने पुलिस को बताया कि वह अक्सर फ्रिज में रखे श्रद्धा के कटे सिर को देखकर अपने प्यार की यादें ताजा किया करता था। अभी ये बता पाना बड़ा मुशिकल है कि जो स्टोरी आफताब पुलिस को बता रहा है उसमें सच्चाई कितनी है। कुछ चीजों का मिलान, जैसे टुकड़े करते समय आफताब का हाथ कट गया था, जिस डॉक्टर ने उसका इलाज किया पुलिस ने उस डॉक्टर से भी आफताब का आमना समाना कराया और डॉक्टर ने माना है कि आफताब का इलाज उसने ही किया था, कटे हाथ में भी जब टाँके लगे तब भी आफताब नार्मल था। जहाँ से फ्रीज खरीदा, चाकू खरीदा यहाँ तक की ब्लैक पॉलिथीन ली, लाश के टुकड़े रखने के लिए, पुलिस ने उन सब का आमना सामना कराया है, कोर्ट में इन सब को भी गवाह बनाया जायेगा।


हैवानियत का कबूलनामा
पुलिस के सामने आफताब ने कबूल किया की हत्या के बाद वो श्रद्धा के शव के टुकड़े करने में तो सफल रहा, लेकिन वह उसके सिर को काट नहीं पाया था। उसने उसे फ्रिज में सजा दिया था। शव के दूसरे हिस्सों को तो वह रोज रात में 2 बजे उठकर फेंकता रहा, लेकिन सिर को उसने सबसे आखिर में ठिकाने लगाया। आफताब ने पूछताछ में दावा किया कि इस दौरान वह फ्रिज खोलकर श्रद्धा के सिर को निहारकर अपने प्यार को याद किया करता था। श्रद्धा के शव से छुटकारा पाने के लिए उसने सबसे आखिर में सिर को भी जंगल में कहीं फेंक दिया था। लाश के टुकड़ों को रात को ठिकाने भी लगाता था साथ साथ हैवानियत को छुपा कर ये भी साबित करना चाहता है कि वो श्रद्धा से प्यार भी करता है। महीनों तक श्रद्धा के सोशल मीडिया एकाउंट्स को खुद श्रद्धा बनकर जवाब देता रहा, ताकि दोस्तों को कोई शक ना हो। जब मोबाइल को डिस्ट्रॉय कर दिया तब कहीं जाकर सोशल मीडिया पर जब दोस्तों को जवाब नहीं मिले तो श्रद्धा के एक दोस्त ने श्रद्धा के भाई से कांटेक्ट किया और फिर भाई और पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट मुंबई में दर्ज करवाई और फिर मोबाइल लोकेशन से मुंबई पुलिस दिल्ली तक पहुंची और ये मामला साउथ दिल्ली के महरौली पुलिस को सौंपा गया।
सबूत मिटाने का हर प्रयास
डिजायर न्यूज के सूत्रों के हवाले से श्रद्धा के शव के ठिकाने लगाने के दौरान आफताब दुर्गंध से बचने के लिए कई केमिकल्स का इस्तेमाल भी करता रहा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वह ऑर्थोबोरिक एसिड (बोरिक पाउडर), फॉर्मेल्डिहाइड और सल्फ्यूरिक एसिड खरीदकर लाया था। पूछताछ के दौरान आफताब अपने बयान भी लगातार बदल रहा है। जांच टीम के मुश्किल सवालों से बचने के लिए वह कुछ याद न रहने की बात कह रहा है। एक शातिर क्रिमिनल जहाँ सोचना बंद कर देता है वहाँ से आफताब ने अपना काम शुरू किया, कैसे वो बॉडी के टुकड़ो को हर रोज फ्रीजर से निकाल कर कभी नीचे रखता तो कभी उन्हें फिर फ्रीजर में रख देता था और उसी फ्रीजर में अपना खाना भी रखता था। रात को अपनी हवस बुझाने के लिए लड़कियों को भी बुलाता था। इतना सब कुछ होने के बाद भी एक नार्मल मोक्ष प्राप्त महात्मा की तरह जिंदगी जी रहा था।
माँ बाप का विरोध कर अपनाया आफताब को
श्रद्धा के पिता विकास मदन वाकर ने बताया कि उन्हें 8 -9 महीने के बाद इन दोनों के संबंधों के बारे में पता चला सन् 2019 में जब श्रद्धा ने अपनी माँ को बताया कि वो आफताब के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहती है तो परिवार ने इसका विरोध किया और जाति तक का हवाला दिया, पर उस समय माँ बाप, भाई किसी की भी एक नहीं चली और श्रद्धा ने ये कह कर उनका मुँह बंद कर दिया कि अब वो 25 साल की एक बालिग है और अपने फैसले खुद ले सकती है। जबकि कुछ समय बाद ही उसने अपनी माँ और दोस्तों को बताना भी षुरू कर दिया था कि आफताब उसे मारता है, बीच में श्रद्धा आफताब को छोड़ कर घर भी आ गई थी पर शातिर आफताब ने माफी मांग कर फिर उसे अपने पास बुला लिया। काश समय रहते श्रद्धा अपने माँ बाप के टच में रहती तो हो सकता है आज वो जिन्दा होती। पर हम अपने सुखों के लिए कई दफा चार दिन के प्यार के चक्कर में, जिन्होंने हमे जन्म दिया उन्हें भूल जाते हैं, और दुश्मन से दिल लगा बैठते है। अंधे प्यार ने ही श्रद्धा को इस मुकाम तक पहुँचा दिया। इसे गुस्सा कहो या अहंकार, आखिर ये हमे दुःख ही देता है।
डेटिंग ऍप कितनी सही ?
डिजायर न्यूज के सूत्रों के मुताबिक आफताब और श्रद्धा की मुलाकात एक डेटिंग ऍप के जरिये हुई थी, और वही से दोनों का प्यार परवान चढ़ा था। आज कल इंटरनेट के जरिये ही लोग अपना जीवन साथी तलाश करने में अपनी जिंदगी को बर्बादी की और ले जाते है, भले ही शादी के लिए कुछ अच्छे रिश्ते आप को ऍप पर मिल जाए लेकिन अगर पहले का चलन देखें तो यारों रिश्तेदारों के कहने और देखने से जो जोड़ियां बनती थी वो किसी हद तक सही होती थी, लेकिन आज डेटिंग या शादी की जो ऍप मार्किट में चलन पर है, उसमें किसी के बारे में सही जानकारी हासिल करना बड़ा ही मुश्किल है क्योंकि कोई भी इंसान अपनी सही जानकारी उस पर नहीं डालता है और यही आकर धोखा मिलता है, जैसे श्रद्धा को मिला, श्रद्धा के मर्डर के 20-25 दिन के अंदर आफताब ने डेटिंग ऍप के जरिए दूसरी गर्लफ्रेंड बनाई थी, जिसे लेकर फ्लैट पर आता था। जब दूसरी गर्लफ्रेंड आयी तो आफताब ने श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स  कपबोर्ड  में रख दिए थे, ऐसा सूत्रों का कहना है। माना की श्रद्धा अपने डिसीजन लेने में सक्षम थी, पर क्या माँ बाप का तजुर्बा कभी काम नहीं आता ?
पुलिस कस्टडी में भी चैन की नींद
जब से ये केस लोगों के सामने आया है, लोगों की खुद की नींद सिर्फ सुन कर ही उड़ गई है और दुसरी तरफ पिछले दो दिनों से हम सोच रहे हैं, आप सोच रहे होंगे कि इतनी निर्ममता, इतनी क्रूरता, इतना वहशीपन के बाद उस इंसान को नींद तो नहीं आ रही होगी। चैन तो नहीं आ रहा होगा, जिसने इसे अंजाम दिया है। लेकिन भाई किस दुनिया में हैं आप? यह राक्षस इतना घिनौना पाप करके भी पुलिस कस्टडी में चैन की नींद सो रहा है। अभी कुछ ऐसे अनसुलझी बातें है जो समय आने पर ही आप और हमारे सामने आएगी, अभी पुलिस सही दिशा में अपना काम कर रही है, क्या इसमें लव जिहाद का भी कोई एंगल है? क्या आफताब पुलिस को गुमराह तो नहीं कर रहा? क्या सच में पुलिस को मर्डर के हथियार और मोबाइल मिल जाएंगे? क्या इतना बड़ा जघन्य अपराध कोई अकेला कर सकता है?

दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस से सनसनी फैल गई है। अब इस मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। विपक्ष और सत्ता पक्ष के कई नेता कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं। इसी क्रम में आज उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने भी इस मामले पर बड़ा बयान दिया है। राउत ने कहा कि इसे लव-जिहाद कहें या कुछ और कहें लेकिन लड़कियां तो हमारी मर रही हैं। कानून कुछ नहीं करेगा, समाज को ही उतरना पड़ेगा। बता दें कि संजय राउत हाल ही में जेल से जमानत पर बाहर निकले हैं। बता दें कि दक्षिण दिल्ली के महरौली में आफताब अमीन पूनावाला (28) ने आज से पांच महीने पहले अपनी महिला मित्र श्रृद्धा वाकर की हत्या कर उसके शव के करीब 35 टुकड़े कर दिए थे। लड़की के पिता की शिकायत के बाद मामला का पता चला। डिजायर न्यूज़ समय समय पर मिली जानकारी आप से साझा करते रहेगा।

दिल्ली पुलिस अब आफताब का नार्को टेस्ट कराएगी। इसके लिए पुलिस को दक्षिणी दिल्ली की साकेत कोर्ट से अनुमति मिल गई है। पुलिस सूत्रों का कहना कि आफताब जांच भटकाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में नार्को टेस्ट से कई राज सामने लाने में मदद मिल सकती है। दिल्ली पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, श्रद्धा का कातिल आफताब जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वह श्रद्धा के मोबाइल फोन और जिस हथियार से शव के कई टुकड़े किए उसकी जानकारी पुलिस को नहीं दे रहा है। इस मामले में जांच तेज करने के लिए पुलिस श्रद्धा के पिता को मुंबई से दिल्ली बुला सकती है।

डिजायर न्यूज अंत में अपने दर्शको को इतना ही कहना चाहता है कि बच्चे अपने माता पिता के तजुर्बे का इस्तेमाल करें और माँ बाप अपनी औलाद को एक दोस्त की तरह समझे। परिवार जितना बड़ा होगा आप को एक दूसरे को समझने में उतना ही आनंद आएगा। जवान होना इस बात का सबूत नहीं कि आप समझदार भी हो गए हो। एक माँ बाप के लिए औलाद के जाने का गम क्या होता है ये कोई अब श्रद्धा के माँ बाप से पूछे और जिंदगी भर जो जलालत अब आफताब के माँ बाप को उठानी पड़गी वो तो वो ही जानते हैं। अपनी औलाद के दोस्त बनकर उन्हें एक अच्छी जिंदगी दे।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ
16-11-2022 06:25 PM
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