अग्निवीर को मिले सेना का सम्मान , क्यों अमृतपाल सिंह को नहीं मिला गार्ड ऑफ ऑनर ? – डिजायर न्यूज़

अग्निवीर को मिले सेना का सम्मान , क्यों अमृतपाल सिंह को नहीं मिला गार्ड ऑफ ऑनर ? – डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – भारतीय सेना में काम करने का जज़्बा लेकर जब जवान भर्ती होता है तो सिर्फ उसे देश के अंदर और बाहर सिर्फ देश के दुश्मन नज़र आते है , बॉर्डर पर तैनाती अपने आप में एक सब से बड़ा जोखम है लेकिन हमारे जवान इसे अपना फक्र मानते है और समय आने पे अपनी शहादत भी देते है। 11 अक्टूबर 2023 पंजाब के मानसा के गांव कोटली कला का महज़ 19 साल का अग्निवीर जवान अपनी ही गोली से मारा गया , ये आत्महत्या है या कोई हादसा इस की जांच सेना कर रही है। लेकिन विपक्ष से लेकर सोशल मिडिया में अमृतपाल को सेना का सम्मान ना मिलने से काफ़ी नाराजगी है।

अग्निवीर शहीद अमृतपाल सिंह -Dzire News
अग्निवीर शहीद अमृतपाल सिंह -Dzire News

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सोमवार को मानसा के गांव कोटली कलां के 19 साल के अग्निवीर शहीद अमृतपाल सिंह के घर पहुंचे और परिवार से सांत्वना जताई। सीएम ने परिवार को एक करोड़ रुपये का चेक भी सौंपा। अमृतपाल सिंह 10 दिसंबर 2022 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। 11 अक्तूबर को गोली लगने से बलिदान दिया। शहीद अमृतपाल सिंह की बहन कनाडा में रहती हैं। पिता गुरदीप सिंह ने कहा कि अमृतपाल ने अपनी भतीजी की शादी के लिए छुट्टी ली थी। कनाडा में रहने वाली बहन और अमृतपाल सिंह एक साथ घर आने वाले थे। लेकिन एक बाप को क्या पता था कि बेटा तिरेंगे में लिपट कर वापस आएगा ? आस पास के गांव के लोग अमृतपाल को श्रदांजलि देने भारी संख्या में आये। सब की आंखे नम थी।

सेना के गॉर्ड ऑफ ऑनर न देने पर उठा था विवाद

अमृतपाल सिंह के शुक्रवार को हुए अंतिम संस्कार के दौरान सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिए जाने पर पंजाब के विपक्षी दलों ने दुख जताया है। हालांकि सेना ने बयान जारी कर अमृतपाल की मौत सर्विस राइफल से लगी गोली से होना बताया है। ऐसे में मौजूदा नीति के अनुसार गार्ड ऑफ ऑनर नहीं देने की बात कही है। कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है , उनका कहना है कि अग्निवीर सैनिको को अंतिम संस्कार के समय गार्ड ऑफ ऑनर मिलना चाहिए।

सेना का जवाब

सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली और उनके अंतिम संस्कार में सैन्य सम्मान नहीं दिया गया क्योंकि खुद को पहुंचाई गई चोटों से होने वाली मौतों को ऐसा सम्मान नहीं दिया जाता है। सेना ने कहा कि शहीदों को सम्मान देने के मामले में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है। जवान चाहे अग्निवीर योजना के तहत भर्ती हुआ हो या योजना के कार्यान्वयन से पहले सेना में शामिल हुआ हो। आंकड़ों के अनुसार, 2001 के बाद से औसतन 100-140 सैनिकों की मौत आत्महत्या या खुद के द्वारा लगी चोट के कारण हुई है और ऐसे मामलों में सैन्य अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी गई।” इसमें कहा गया है कि पात्रता के अनुसार वित्तीय सहायता और राहत के वितरण को प्राथमिकता दी जाती है, जिसमें अंत्येष्टि के लिए तत्काल वित्तीय राहत भी शामिल है।

अग्निवीर शहीद अमृतपाल सिंह -Dzire News
अग्निवीर शहीद अमृतपाल सिंह -Dzire News

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कहा कि उनकी सरकार इस मामले पर केंद्र के समक्ष कड़ी आपत्ति जताएगी। मान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आगे कहा कि अमृतपाल की शहादत के संबंध में सेना की जो भी नीति हो, लेकिन उनकी सरकार की नीति शहीद के लिए वही रहेगी और राज्य की नीति के अनुसार सैनिक के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह देश के शहीद हैं।

मानसा के गांव कोटली के अग्निवीर अमृतपाल सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान भारतीय सेवा द्वारा सलामी न दिए जाने को लेकर विभिन्न दलों के नेता सरकार पर निशाना साध रहे हैं । आज अग्नि वीर अमृतपाल सिंह के पिता ने भी इसे लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपना बेटा अमृतपाल सिंह भारतीय सेना को दिया था, हम नहीं जानते कि अग्निवीर क्या है। वह सेना का एक सिपाही था।

अग्निवीर जवानों को लेकर केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाए। सीएम ने कहा कि शहीदों के परिवारों को संभालने की जिम्मेदारी को वे निष्ठा से निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने नौकरी नहीं दी तो पंजाब सरकार शहीद के परिवार को सरकारी नौकरी देगी।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

Leave A Reply

Your email address will not be published.