गोपाल कांडा -अर्श ,फर्श और अर्श – डिजायर न्यूज़- नई दिल्ली

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली– कहते है कानून के हाथ बड़े लम्बे होते है लेकिन साथ साथ ये भी देखा जाता है कि कानून के आँखों में पट्टी भी बंधी होती है। हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री गोपाल कांडा जितने सुर्खियों में रहे है श्याद ही कोई और रहा हो , 5 अगस्त 2012 को गीतिका शर्मा ने सुसाइड किया था और गोपाल कांडा पर आरोप लगे थे। लेकिन आज दिल्ली की एक अदालत ने उन्हे बरी कर दिया। 6 महीने बाद ही गीतिका की माँ अनुराधा ने भी सुसाइड कर लिया था। गोपाल कांडा का पूरा नाम गोपाल गोयल कांडा है। 58 साल के गोपाल कांडा का परिवार शुरू में सब्जियों का थोक का काम करते थे। सिरसा के बिलासपुर गांव के निवासी गोपाल कांडा का परिवार सब्जी तोल का काम करते थे। वैसे लोहे के बाट को कांडा कहाँ जाता था , वही से गोपाल गोयल का नाम गोपाल कांडा पड़ गया।

शुरू मैं अपने भाई गोविन्द के साथ गोपाल कांडा ने टीवी रिपेयर की दुकान खोली लेकिन सपने बड़े थे और उसे लगा की कुछ बड़ा करना चाहिए और टीवी रिपेयर की दुकान बंद करके अपने भाई के साथ मिलकर जूते की दुकान खोल ली और वही से तोड़ी किस्मत बदली और फिर जूते की फैक्ट्री भी लगा ली , तब तक नाप लेते लेते वो सब के पैरो को पहचान गया। धीरे धीरे सम्बन्ध राजनीतिक गलियारों में भी बनने लगे और साथ साथ प्रशासिनक अधिकारिओ को भी अपने कब्जे में ले लिया। फिर तो रियल एस्टेट , एयरलाइन , स्कूल, कॉलेज , यूनिवर्सिटी और कैसिनो तक का सफर तय कर लिया।

आज दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट की ओर से विधायक गोपाल कांडा को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने गीतिका नाम की एयरहोस्टेस के आत्महत्या मामले में गोपाल कांडा को बरी कर दिया है। सिरसा से विधायक गोपाल कांडा को राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया है। गोपाल कांडा गीतिका नाम की एयरहोस्टेस के आत्महत्या मामले में मुख्य आरोपी था। मुरली धर लख राम नाम से कांडा की एक एयरलाइंस कंपनी थी। इस कंपनी में गीतिका शर्मा नाम की एयर होस्टेस काम किया करती थी। 5 अगस्त 2012 में गीतिका ने सूइसाइड कर लिया। पुलिस ने सूइसाइड नोट देखा तो उसमें गोपाल कांडा का नाम था, जिसने हंगामा मचा दिया। कांडा पर आरोप था कि उन्होंने एयरहोस्टेस गीतिका को आत्महत्या के लिए उकसाया है।

गीतिका शर्मा सुसाइड केस के समय गोपाल कांडा हरियाणा सरकार में गृह राज्यमंत्री थे. उन्होंने निर्दलियों के साथ मिलकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को समर्थन दिया. हुड्डा सीएम बने तो उन्होंने अपनी सरकार में गोपाल कांडा को गृह राज्यमंत्री का पद दिया. जिसके बाद गीतिका सुसाइड केस में नाम आने के बाद उन्हें गृह राज्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा और और जेल जाना पड़ा. तिहाड़ जेल में उन्हें करीब 18 महीने तक रहना पड़ा. 2014 में गोपाल कांडा को जमानत मिली. आपको बता दें कि गीतिका की मौत के करीब छह महीने बाद उनकी मां अनुराधा शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली थी. गोपाल कांडा की एयरलाइंस में काम करने वाली गीतिका ने 5 अगस्त 2012 को फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था. गोपाल कांडा पर गीतिका के साथ दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोप लगे थे. गीतिका ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उसने गोपाल कांडा पर यौन शोषण का आरोप लगाया था.

सूत्रों के हवाले से गीतिका शर्मा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके साथ हुई दरिंदगी की बातें सामने आई थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, गीतिका के साथ अप्राकृतिक सेक्स किया जाता था। रिपोर्ट के मुताबिक मौत से 48-72 घंटे पहले भी गीतिका से शारीरिक संबंध बनाए गए थे। यह भी सामने आया था कि गीतिका कई बार प्रेगनेंट हुई थीं और बार-बार उनका अबॉर्शन कराया गया था। 6 महीने बाद ही बेटी के ग़म को सहन नहीं कर पाई और गीतिका शर्मा के माँ अनुराधा शर्मा ने भी सुसाइड कर लिया था।

नाबालिग थी गीतिका, कांडा के कहने पर नौकरी

करीब 17 साल की उम्र में गीतिका को एमडीएलआर कंपनी में जॉब मिल गई थी , वही से गोपाल कांडा की नज़र गीतिका शर्मा पर पद गई थी। धीरे धीरे गोपाल कांडा ने लक्सरी गाडी से लेकर तमाम सुविधाएं गीतिका को देनी शुरू कर कर दी थे और उसे अपने साथ बाहर देशो में भी ले जाने लगा था। उस वक्त एमडीएलआर एयरलाइंस में सीनियर वाइज प्रेजिडेंट (कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन) रहीं और बॉलिवुड ऐक्ट्रेस नूपुर मेहता ने इसका खुलासा किया था। नूपुर ने बताया था कि गीतिका शर्मा जब एयर होस्टेस की नौकरी पाने के लिए एमडीएलआर एयरलाइंस ऑफिस पहुंची थी, उस समय वह नाबालिग थी। गीतिका को जॉब देने के लिए मना कर दिया गया था।

 

गीतिका शर्मा ने 2 पेज के अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा और कंपनी की अरुणा चड्डा पर गंभीर आरोप लगाए थे ,और कहा था कि इन लोगो ने मिलकर मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी है और ये लोग अब मेरे परिवार को भी बर्बाद कर कर रहे है। गीतका ने लिखा की ये दोनों लोग अपने फायदे के लिए मुझे इस्तेमाल कर रहे है और मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी है। इनको इनके किये की सजा मिलनी चाहिए। उस समय कुछ टाइम के लिए गोपाल कांडा पुलिस की ग्रिफत से दूर रहे और बाद में अदालत ने उन्हे जेल भेज दिया। 18 महीने के बाद वो जेल से बाहर आये। 13 साल से अधिक समय लगा है इस केस में। अभी केस अगर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाता है तो कितने समय लगेगा कोई नहीं कह सकता।

2019 में ही गोपाल कांडा की पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी ने बीजेपी को समर्थन दे दिया था। तब गोपाल कांडा ने बयान दिया थी की उनका परिवार शुरू से ही आरएसएस के नीतियों का समर्थन करता आया है , और वो नरेंदर मोदी की नीतियों से प्रभावित है इस लिए बिना शर्त बीजेपी को समर्थन दे रहे है। लेकिन कैबिनेट विस्तार में उनको मंत्री नहीं बनाया गया था। आज के कोर्ट आर्डर के बाद अब उनकी विधायकी को कोई खतरा नहीं है।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ
25-07-2023 12:47 PM
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