राम रहीम पर सरकार मेहरबान और आसाराम पर नहीं ?
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – हरियाणा सरकार ने एक बार फिर उम्रकैद काट रहे राम रहीम को अपना बर्थडे मनाने के लिए पैरोल दे दिया है ये पेरोल 30 दिन के लिए दिया गया है , ये कोई पहली दफ़ा नहीं है अभी तक राम रहीम कभी 40 दिन तो कभी 30 दिन के पेरोल पर आकर सरकार के लिए वोट की राजनीती करता रहा है। अगर कोई इंसान चाहे मर रहा हो या उसके परिवार से कोई मर गया हो, सरकार एक दो दिन के पैरोल की एप्लीकेशन को देखने में महीनो लगा देती है और राम रहीम तो मौज मस्ती के लिए जब चाहे वो बाहर आ जाता है। पैरोल सरकार के हाथ में है , लेकिन कोर्ट को क्या ये नहीं पता की एक रेपिस्ट जो बार बार बाहर आता है वो क्यों ? क्या सरकार से कोई ये नहीं पूछता की रेपिस्ट को बर्थडे मनाने के लिए एक एक महीने की छुट्टी दी जा सकती है ? या उसके इलाके में बाढ़ आ गई हो तो वो पैरोल का हक़दार है ?
आज फिर सुनहरिया जेल हरियाणा से 30 दिन के पैरोल से राम रहीम बाहर आ गया है फिर एक बार अपने बागपत वाले फार्म पर पूरी सिक्योरिटी के साथ रहेगा। अभी ये साफ़ नहीं है कि किस वजह से पैरोल मिला पर उनके भगत कह रहे है कि 15 अगस्त को उनका बर्थडे है मिलकर सब सेलिब्रेट करगे। 15 अगस्त आज़ादी का दिन भी है। राम रहीम और बापू आसाराम दोनों ही उम्रकैद काट रहे है लेकिन अपने राजनीतिक रसूक से राम रहीम जब चाहे बाहर आज जाता है। सूत्रों की माने तो पंजाब में बाढ़ की वजह से उसे पैरोल मिला है , क्या एक रेपिस्ट अब बाहर आकर लोगो की मदद करेगा ? इस तरह तो हरियाणा , पंजाब , उत्तरप्रदेश , हिमाचल , असम जैसे राज्य के सभी कैदियों को पैरोल मिलना चाहिए। क्या ऐसे संगीन अपराधों वाले इंसान के ऊपर सरकार को लाखो रूपये खर्च करने चाहिए ? उसकी सिक्योरिटी पर।
सरकार की मेहरबानी से रेपिस्ट बाबा राम रहीम एक बार फिर पैरोल पर जेल से बाहर है. पिछली दफ़ा पैरोल पर वो अपना म्यूजिक वीडियो लॉन्च कर रहा था . आश्रम में भक्तों को प्रवचन दे रहा था . इससे पहले राम रहीम को फरवरी 2022 और जून 2022 में पैरोल मिली थी। पहले वह गुरुग्राम के आश्रम में रहा। इसके बाद वह यूपी के बागपत में 30 दिन रहा। इस दौरान उसने अपने सत्संग के वीडियो भी जारी किए थे। पंजाब चुनाव से पहले मिल चुकी 21 दिन की मिली थी फरलो। डेरा प्रमुख पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी जेल से बाहर आया था। उस वक्त डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह 21 दिन की फरलो दी गई थी। यह फरलो इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि डेरा सच्चा सौदा का मालवा की 35 से ज्यादा सीटों पर सीधा प्रभाव है। इसको लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा पर निशाने भी साधे थे। जनवरी 2023 में भी राम रहीम पैरोल पर बाहर आया था। बिना सरकार की मर्ज़ी के इतना बड़ा अपराधी बार बार बाहर आ सकता है क्या ?
परिवार से दूरियां बढ़ी पर अब हनीप्रीत ओर माँ ही भारत में है। राम रहीम की अब परिवार से दूरियां बढ़ गई हैं।पूरा परिवार विदेश जाकर बस गया है। राम रहीम की दोनों बेटियां अमरप्रीत और चरणप्रीत पहले ही लंदन चली गई थीं। 26 सितंबर को बेटा जसमीत भी परिवार के साथ लंदन चला गया। हालांकि डेरा प्रमुख की मां नसीब कौर और पत्नी हरजीत कौर इंडिया में ही रहेंगी। अगर ये सब लोग बाहर जा चुके है तो किस लिए बार बार सरकार पैरोल दे रही है। ना कोई बीमारी है ना कोई परिवार में बीमार है फिर भी चुनाव के समय जब चाहे राम रहीम बाहर आ जाता है। जेल से ज्यादा तो रामरहीम बाहर ही रहता है 6 से अधिक बार वो पैरोल पर बाहर आया है। और जरुरत मंद को एक दिन का भी पैरोल नहीं मिलता।
सुनारिया जेल में बंद है राम रहीम
2017 से साधवी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख सजा काट रहा है। उसे पत्रकार छत्रपति और रणजीत हत्याकांड में भी उसे सजा हो चुकी है। राम रहीम को इसी साल पंजाब चुनाव से ठीक पहले 7 फरवरी को 21 दिन की फरलो मिली थी। इसी दौरान पूरी पटकथा लिखी गई थी। इसके बाद 27 जून को राम रहीम 30 दिन की पैरोल मिली थी और वह यूपी के बागपत आश्रम में रुका था। अब भी शायद राम रहीम बागपत में ही रुकेगा।
डिजायर न्यूज़ ने अभी हॉल ही में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंदरचुड़ को भी एक लेटर लिखा है जिसमें हमने सुझाव दिया है कि देश की हर जेल में एक जुडिशल ऑफिसर रखा जाये , क्यों की अग्रेजो के समय से चली आ रही प्रथा पुलिस कस्टडी और जुडिशल कस्टडी को सुधारा जाए। कहने को तो जुडिशल कस्टडी है लेकिन सिर्फ पेपर्स में। पुलिस अरेस्ट करती है और कोर्ट फिर मुलज़िम को पुलिस के ही हवाले कर देती है। फिर जुडिशल कस्टडी है कहा ? जेल मंत्री या सरकार जिसको चाहे उसको पैरोल दे सकती है या सभी सुविधाएं दे सकती है। लाखो लोग जिनकी सज़ा भी पूरी हो चुकी है वो अभी भी जेल में है। आज पूरा दिन मीडिया मणिपुर पर अटका रहा और रामरहीम बाहर आ गया।
एडिटर इन चीफ