क्या राहुल गाँधी ने बिना अमेठी से लड़े भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी का सपना चकनाचूर कर दिया या कुछ और ?- डिजायर न्यूज़ डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली

क्या राहुल गाँधी ने बिना अमेठी से लड़े भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी का सपना चकनाचूर कर दिया या कुछ और ?- डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – क्या 2024 का चुनाव नरेदर मोदी बनाम राहुल गाँधी है ? क्या कांग्रेस बनाम बीजेपी है ? क्या ये चुनाव मुद्दों का चुनाव है ? जाति धर्म क्या इस चुनाव में हावी हो रहे है , ऐसे अनेको सवाल है इस चुनाव में लेकिन आज बात हम कर रहे है कांग्रेस के सब से कदावर नेता राहुल गाँधी की। चुनाव का सब से अहम् मुद्दा था कि राहुल गाँधी वायनाड के अलावा क्या अमेठी से भी चुनाव लड़गे ? पूरे देश में अमेठी लोकसभा को सब से अहम् लोकसभा माना जा रहा था क्यों की बीजेपी की फायर ब्रांड नेता स्मृति ईरानी अब तीसरी बार यहाँ से चुनाव मैदान में है। 2019 में स्मृति ईरानी ने यहाँ से राहुल गाँधी को हरा कर जीत हासिल की थी और अब दोबारा 2024 के चुनाव में बीजेपी ने फिर स्मृति ईरानी को चुनाव में उतारा है। ये सब को पता है कि स्मृति ईरानी हमेशा से गाँधी परिवार पर हमलावार रही है। लेकिन कांग्रेस ने आखिरी दिन गाँधी परिवार ने स्मृति ईरानी के सामने अपने करीबी किशोरी लाल शर्मा को चुनाव में उत्तार दिया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

03 मई को उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट पर राहुल गाँधी ने अपना नामांकन फॉर्म दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के लिए रायबरेली पहुंचे राहुल गांधी पहले कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। वहां से राहुल गांधी नामांकन दाखिल करने के लिए उनका काफिला निकला। राहुल के नामांकन में निवर्तमान सांसद सोनिया गांधी भी पहुंचीं। शुक्रवार की सुबह कांग्रेस की ओर से उम्मीदवारों के नाम पर सस्पेंस को खत्म किया गया। इसके बाद कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के नामांकन की तैयारियों को शुरू कराया गया। कांग्रेस की ओर से दो सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया। रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया। इससे रायबरेली और अमेठी सीट का समीकरण तय हो गया है। अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार केएल शर्मा ने नामांकन दाखिल किया। इसके बाद एक्शन रायबरेली में हुआ। राहुल गांधी ने जिला कार्यालय स्थित नामांकन कार्यालय में पहुंच कर नॉमिनेशन दाखिल किया। उनके साथ रायबरेली की निवर्तमान सांसद सोनिया गांधी, बहन प्रियंका गांधी वाड्रा, बहनोई रॉबर्ट वाड्रा, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, अशोक गहलोत समेत अन्य नेता जिला कार्यालय पहुंचे। और राहुल गाँधी ने अपना नॉमिनेशन फाइल किया। गांधी परिवार राहुल के नामांकन के दौरान एकजुट दिखा। इसके जरिए रायबरेली को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की गई।

अमेठी और राय बरेली से लोक सभा चुनाव 2024 -डिजायर न्यूज़
अमेठी और राय बरेली से लोक सभा चुनाव 2024 -डिजायर न्यूज़

राहुल गाँधी का अमेठी लोकसभा से नाता और सोनिया गाँधी का रायबरेली से
2004 से चुनावी राजनीति में उतरे राहुल गांधी ने सबसे अधिक चार बार अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी ताल ठोक हैं। वहीं, केरल की वायनाड लोकसभा सीट से वह दो बार उम्मीदवार रहे हैं। अमेठी लोकसभा सीट से 2004, 2009 और 2014 में राहुल गांधी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। वहीं, 2019 में उन्हें भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा। अमेठी में 2019 में मामला फंसता देखकर राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट का रुख किया था। वहां से उन्हें जीत मिली। लोकसभा चुनाव 2024 में भी वायनाड से वे चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, इस बार उन्हें इस सीट पर माकपा से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कांग्रेस राहुल के लिए रायबरेली को सुरक्षित सीट मान रही है। रायबरेली लोकसभा सीट से 1999 से 2019 तक लगातार सोनिया गांधी जीत दर्ज की। लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा तक का सफर तय कर लिया। गांधी परिवार की परंपरागत रायबरेली लोकसभा सीट पर अब सोनिया गांधी की जगह राहुल गांधी उम्मीदवारी पेश करेंगे। रायबरेली की जनता को लिखे भावुक पत्र में सोनिया ने परिवार पर ध्यान रखने की बात कही थी।

कौन है किशोरी लाल शर्मा जो टक्कर देंगे

अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शार्मा ने नामांकन दाखिल किया। जिला कार्यालय में पहुंचकर उन्होंने नामांकन के आखिरी दिन पर्चा भरा। इस दौरान उनके नामांकन जुलूस में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हुईं। उनके अलावा अशोक गहलोत समेत अन्य नेता भी मौजूद रहे। इस दौरान केएल शर्मा ने अमेठी से जीत का दावा किया। कांग्रेस ने एक तीर से कई निशाने लगा दिए सब से बड़ी बात है कि अगर राहुल गाँधी स्मृति ईरानी के सामने लड़ते तो बीजेपी का सारा फोकस इस सीट पर ही रहता। लेकिन अपने एक छोटे से कार्यकर्त्ता को यहाँ से लड़ा कर कांग्रेस ने साफ़ कर दिया की लड़ाई वर्चस्व की है और राहुल का कद अब कांग्रेस के सब से बड़े नेता है तो वो अपनी विरासत को सम्भाल कर रखगे। प्रियंका गाँधी का भी नाम सुर्खियों मैं था लेकिन प्रियंका गाँधी कांग्रेस की स्टार प्रचारक है तो उन्हे पूरे देश में प्रचार करना है और कल अगर राहुल जीत कर इस सीट को छोड़ते है तो अमे प्रियंका बाय इलेक्शन में फिर लड़ सकती है।

अमेठी और राय बरेली से लोक सभा चुनाव 2024 -डिजायर न्यूज़
अमेठी और राय बरेली से लोक सभा चुनाव 2024 -डिजायर न्यूज़

प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी का पलट वार , क्यों भाग रहे राहुल गाँधी अमेठी से

प्रधानमंत्री आज कल अपने हर भाषण में या तो कांग्रेस के मेनिफेस्टो का जिक्र कर रहे है या राहुल गाँधी और गाँधी परिवार पर। प्रधानमंत्री ने कहा की पहले सोनिया गाँधी छोड़ कर राजस्थान चली गई और अब राहुल गाँधी अमेठी छोड़ कर भाग खड़े हुए। लेकिन अगर हल्के उमीदवार की बात करे तो अमेठी से किशोरी लाल शर्मा हल्के उमीदवार है और राय बरेली से बीजेपी ने राहुल गाँधी के सामने हल्का उमीदवार दिया है। कही ये दोनों पार्टियों की सोची समझी रणनीति तो नहीं है ? लेकिन मुक़ाबला मीडिया के लिए अब इतना रोचक नहीं है। जितना अगर राहुल गाँधी अमेठी से लड़ते तब होता। इस रणनीति को देखते हुए लगता है की चुनाव नरेदर मोदी बनाम राहुल गाँधी है। वही जहाँ राहुल गाँधी देश के मुद्दों की बात कर रहे है जिनमें रोजगार , किसानो के लिए ऍम एस पी , मनरेगा मैं मजदूरी 400 रूपये तो युवाओ को अप्रेंटिस करा कर एक साल का रोजगार जैसे अनेको वादे कर रहे है वही नरेंदर मोदी 400 सीट की बात कर रहे है और अपने 10 सालो के काम में राम मंदिर धारा ३७० का हटाना ८० करोड़ लोगो को मुफ्त राशन , जैसे मुद्दों को जनता तक पंहुचा रहे है।

अमेठी और राय बरेली से लोक सभा चुनाव 2024 -डिजायर न्यूज़
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प्रियंका गाँधी क्या अमेठी और राय बरैली के चुनाव को बदल सकती है ?

सूत्रों के हवाले से पहले बड़ी चर्चा थी कि प्रियंका गाँधी अमेठी या राय बरेली से चुनाव लड़ सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ और प्रियंका गाँधी लगातार देश भर में घूम कर बड़ी बड़ी रैली कर रही है और सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि जल्द ही प्रियंका गाँधी अमेठी और राय बरेली दोनों जगह का चुनाव संभाल सकती है इस से कांग्रेस को काफी फायदा नज़र आ रहा है लेकिन इन दोनों सीटों पर किसे एक से वो चुनाव लड़ती तो चुनाव और भी दिलचस्प हो सकता था। ही सीटों पर कांग्रेस को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। बीजेपी के लिए भी ये दोनों सीट जीतना अपने आप में बड़ी चुनौती है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन है अगर दोनों पार्टी मिलकर मेहनत करती है तो निर्णय पक्ष में जाने के आसार जनता देख रही है।

 

सजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

 

 

 

 

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