पुणे रोडरेज के मामले में दादा का छोटा राजन गैंग से संबंध , बाप गिरफ्तार , दोनों युवा इंजीनियरो के घर मातम -डिजायर न्यूज़

पुणे रोडरेज के मामले में दादा का छोटा राजन गैंग से संबंध , बाप गिरफ्तार , दोनों युवा इंजीनियरो के घर मातम -डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली– पुणे रोडरेज का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जबसे आरोपी नाबालिग को जमानत मिली है, इस पर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सीधा सरकार पर निशना साधा है और कहा है कि मोदी सरकार में अमीरो के लिए अलग कानून है और गरीब के लिए अलग। मीडिया में रिपोर्ट आने के बाद पुणे पुलिस हरकत मैं आई और आरोपी की बैल के बाद आरोपी के पिता को हिरासत में लिया है। लोगो में रोष है कि कैसे एक अमीर बाप का बेटा पैसे के दम पर , गाडी की स्पीड से 2 युवा इंजीनियर की मौत के घाट उत्तार देता है और जमानत पर बड़े आराम से बाहर आ जाता है।

पुणे रोडरेज  केस -राहुल गाँधी ने सीधा सरकार पर निशना साधा -डिजायर न्यूज़
पुणे रोडरेज केस -राहुल गाँधी ने सीधा सरकार पर निशना साधा -डिजायर न्यूज़

छोटा राजन से दादा के रिश्ते

जिस नाबालिग लड़के ने अपनी कार से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, उसके परिवार के लिए कानून के साथ खिलवाड़ करने का यह पहला मामला नहीं है. परिवार का अंडरवर्ल्ड डॉन से कनेक्शन निकला है. आरोपी के दादा ने संपत्ति विवाद में छोटा राजन की मदद ली थी. इससे पहले मंगलवार को पुलिस ने आरोपी नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र कुमार अग्रवाल ने अपने भाई से संपत्ति विवाद में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की मदद ली थी. राजन के गुर्गे ने गोलीबारी भी की की थी. इस मामले में हत्या की कोशिश की FIR दर्ज हुई थी. पहले पुलिस ने जांच की. बाद में सीबीआई को मामला सौंपा गया. यह केस कोर्ट में विचाराधीन है.

बाप के पैसे के नशे में चूर नाबालिक
महाराष्ट्र के पुणे में एक रईस नाबालिग अपने दोस्तों संग पार्टी करता है। शराब के नशे में पिता की करोड़ों की पोर्श कार से निकलता है और एक बाइक को टक्कर मार देता है। इस हादसे में बाइक पर सवार दो युवा इंजीनियर की मौत हो जाती है। हालांकि, आरोपी नाबालिग है, इसलिए उसे 15 घंटे के भीतर ही जमानत भी मिल जाती है। जमानत की शर्त भी ऐसी कि नया मोटर व्हीकल एक्ट सवालों के घेरे में आ गया है। इतना ही नहीं, इस मामले में लगातार नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं, जो बेहद चौंकाने वाले हैं।

आरोप लग रहे हैं कि पुलिस द्वारा आरोपी को हिरासत में लिए जाने के बाद उसके पिता के रसूख को ध्यान में रखते हुए वीआईपी ट्रीटमेंट भी दिया गया। उसे खाने के लिए पिज्जा-बर्गर मुहैया कराया गया। नाबालिग की जमानत और उसके लिए रखी गई शर्त पर भी सवाल उठाने लगे हैं। अगर ये मामला देश के बड़े बड़े मीडिया हाउस और चॅनेल नहीं दिखाते तो श्याद ये मामला अब तक दब चूका होता। हादसे के समय नाबालिग शराब के नशे में धुत था और 200 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से अपने पिता की पोर्श कार चला रहा था। इस हादसे में मध्य प्रदेश के रहने वाले दो युवा इंजीनियर अनीश और अश्विनी की मौत हो गई। ये कार पुणे के एक अमीर बिल्डर का 17 साल आठ महीने का नाबालिग बेटा चला रहा था। हादसे के बाद उसने भागने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।

करोडो की पोर्श कार बिना रजिस्ट्रेशन के सड़क पर दौड़ रही

नाबालिग ने अपने पिता की जिस पोर्श कार से बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी, वह बिना रजिस्ट्रेशन के सड़क पर दौड़ रही थी। यह चौंकाने वाली जानकारी आरटीओ से सामने आई। कार को अस्थायी रूप से बंगलूरू में पंजीकृत किया गया था और पुणे लाया गया था। दरअसल, महाराष्ट्र परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पुणे शहर में हुई दुर्घटना में शामिल लक्जरी पोर्श कार का स्थायी पंजीकरण मार्च से लंबित था क्योंकि मालिक ने 1,758 रुपये के शुल्क का भुगतान नहीं किया था। बता दें, महाराष्ट्र में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रोड टैक्स में छूट दी गई है। इसलिए इस पोर्श टायकन मॉडल के पंजीकरण के लिए लागू पंजीकरण शुल्क केवल 1,758 रुपये था। सूत्रों और अमर उजाला में भी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया है।

कोर्ट ने नाबालिक को जमानत दी
कोर्ट ने जांच के नतीजे आए बगैर आरोपी को जमानत दे दी। कोर्ट ने जिन शर्तों पर आरोपी नाबालिग को जमानत दी, उसकी चर्चा जोरों-शोरों से हो रही। कोर्ट ने कहा कि नाबालिग को 15 दिनों तक यरवदा मंडल की पुलिस के साथ मिलकर ट्रैफिक कंट्रोल में मदद करनी होगी। शराब छोड़ने के लिए मनोचिकित्सक के पास इलाज कराना होगा। अगर भविष्य में वह कोई दुर्घटना देखे तो उसे दुर्घटना पीड़ितों की मदद करनी होगी। अदालत के फैसले के अनुसार, आरोपी को सड़क दुर्घटनाओं के परिणामों और उनके उपायों पर कम से कम 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा। वैसे भी नाबालिक को सुधार गृह भेजा जा सकता था लेकिन एक अजीब से शर्त के साथ उसे जमानत दिए जाने पर लोगो में गुस्सा है।

पब में नाबालिक को परोसी शराब अब सील हुआ ?

नाबालिग ने 48,000 रुपये का बिल कोजी में चुकाया गया। जो शनिवार रात 10 बजकर 40 मिनट पर किशोर और उसके साथियों द्वारा दौरा किया गया पहला पब था। कोजी रेस्त्रां द्वारा उन्हें सेवा देना बंद करने के बाद वे 12 बजकर 10 मिनट पर दूसरे पब ब्लैक मैरियट में चले गए। कुमार ने कहा, हमें पब का 48,000 रुपये का बिल मिला है, जिसका भुगतान नाबालिग के ड्राइवर ने किया था। बिल में पब में किशोर और उसके दोस्तों को परोसी गई शराब भी शामिल है। एसीपी मनोज पाटिल ने कह कि किशोर ने पब में जाकर शराब पी थी और फिर कार चलाने लगा। लड़के और उसके साथियों की शराब पीने के पर्याप्त सीसीटीवी फुटेज हैं। ब्लड सैंपल रिपोर्ट का अभी भी इंतजार है। अब सरकार ने पब को सील कर दिया है।

आरोपी बेटे के कबूलनामे के बाद से पिता विशाल अग्रवाल गिरफ्तार -डिजायर न्यूज़
आरोपी बेटे के कबूलनामे के बाद से पिता विशाल अग्रवाल गिरफ्तार -डिजायर न्यूज़

आरोपी बेटे के कबूलनामे के बाद से पिता विशाल अग्रवाल फरार थे, जिन्हें मंगलवार को पुलिस ने संभाजीनगर से गिरफ्तार कर लिया। वहीं नाबालिग को बार और पब में एंट्री देने को लेकर प्रल्हाद भुटाडा, मैनेजर सचिन काटकर, होटल ब्लैक के मालिक संदीप सांगले, बार मैनेजर जयेश बोनकर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने मीडिया को बताया कि पुलिस गैर इरादतन हत्या का मामला साबित करने की कोशिश कर रही है। रविवार को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा पारित जमानत आदेश का हवाला देते हुए कुमार ने कहा कि आरोपी ने अपनी याचिका में उल्लेख किया है कि वह शराब का आदी है, ताकि यह साबित किया जा सके कि दुर्घटना के समय वह अपने होश में नहीं था। उन्होंने कहा, ‘हम यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि वह पूरी तरह से अपने होश में था और जानता था कि उसके इस कदम से उसकी मौत हो सकती है। किशोर 17 साल से अधिक आयु का है अगर पुलिस को इज्जाजत मिली तो उसपर बालिग़ की तरह मुक़दमा चलाया जा सकता है। आखिर इस नाबालिक ने दो परिवारों को जिंदगी भर का दुःख दिया है।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

 

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