पार्थ चटर्जी ,अर्पिता मुखर्जी , जैसे कितने और ?
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – देश में गरीबी का ये आलम है कि हो सकता है किसी गरीब ने दो हज़ार के दस नोट भी एक साथ ना देखे हो , पर उसकी एक वोट ने ऐसे नेता को चुन दिया जिसके पास पैसा रखने की जगह तक नहीं है। कुछ ऐसे सवाल है जो हमारे पास हमेशा आते है , क्या ऐसे लोगो पर देश द्रोह का मुक़दमा चला कर तीन महीने में सजा नहीं होनी चाहिए ? क्या बाकी एजेंसी पर भी एक्शन नहीं होना चाहिए जिन्होंने ऐसे पैसे की सुचना नहीं दी ? क्या एक चीफ मिनिस्टर को नहीं पता होता की उसका मंत्री कितना बेईमान है ? इतना बड़ा कॅश आता कहा से है ?
पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी का बयान
पश्चिम बंगाल एसएससी स्कैम के आरोपी और ममता सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी का बयान आया है. उन्होंने कहा कि वे इस षडयंत्र का शिकार हुए हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है. गिरफ्तारी के बाद उन्होंने पहली बार इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में हाल ही में गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने उनके घर पर छापा मारा था, जिसके बाद कई घंटे तक पूछताछ की गई, आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद ममता ने पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से भी हटा दिया. वैसे तो वो ठीक कह रहे है , कि षडयंत्र का शिकार हुए हैं क्यों की वो एक साधारण इंसान है और उन्हे कोई भी पागल बना कर करोडो रुपये उनके पास रखवा सकता है। अगर एक मंत्री भी कहे की वो षडयंत्र का शिकार हुए तो आम नागरिक का क्या होगा।
पार्थ चटर्जी के खिलाफ क्या हैं आरोप?
पश्चिम बंगाल के मंत्री रहे और टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने शिक्षक भर्ती के लिए करोड़ों रुपये लिए. आरोप है कि जिन लोगों ने लाखों रुपये दिए उन्हें इस परीक्षा में पास करा दिया गया. ओएमआर शीट बदलने के भी आरोप हैं. ये भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी, जिसके बाद कई उम्मीदवारों ने नतीजों को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट तक मामला पहुंचा और फिर मामले की जांच शुरू हुई. हाईकोर्ट ने सीबीआई को ये मामला सौंप दिया था. उस वक्त पार्थ चटर्जी पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री थे. क्या इस बात का जनता को कभी जवाब मिलेगा की 2016 से 2022 तक कितने करोड़ रुपये खर्च किये होंगे और कितनी इन्वेस्टमेंट कहाँ कहाँ की होगी , अब इसका पता लगाने में एजेंसी को सालो लग जायगे। तब तक ये जिन्दा रहते भी है या नहीं ये किसी को नहीं पता। वैसे तो ई डी और सीबीआई के केस कितने लम्बे कोर्ट में चलते है ये सब को पता है। और सजा की दर कितनी है ये भी पता है।
क्यों किरकिरी के बाद पार्टी ने लिया फैसला ?
तमाम आरोपों और गिरफ्तारी के बाद पार्थ चटर्जी को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार ने बर्खास्त कर दिया. इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस ने चटर्जी को पार्टी से निलंबित करने और उन्हें सभी पदों से हटाने की घोषणा की. इससे पहले पार्टी के राज्य महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने चटर्जी को पद से तुरंत हटाए जाने और पार्टी से भी तत्काल निष्कासित किए जाने की मांग की थी. अनुशासन समिति की बैठक के बाद चटर्जी को हटाने का फैसला लिया गया.
बता दें कि पार्थ चटर्जी लगभग दो दशकों तक टीएमसी के महासचिव रहे और इस साल की शुरुआत में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. लेकिन अब करोड़ों के घोटाले में नाम सामने आने पर वो टीएमसी की किरकिरी करवा रहे हैं. पार्थ को लेकर ममता बनर्जी का भी बयान सामने आया था. जिसमें ममता ने कहा था कि, “हम मांग करते हैं कि जांच समय सीमा के भीतर पूरी की जाए. टीएमसी भ्रष्टाचार में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति का समर्थन नहीं करेगी.
पार्थ चटर्जी का वजन बना समस्या
डिजायर न्यूज़ के सूत्रों के अनुसार , 111 किलो के पार्थ चटर्जी के लिए नहाना एक समस्या है, अपने घर पर पार्थ एक स्टूल पर बैठकर नहाते थे ऐसे में ED में अब समस्या इसी बात पर है कि उनके नहाने के लिए खास इंतज़ाम करने पड़ रहे हैं. वहीं पार्थ अपने घर पर कई बार जूते भी खुद नहीं पहनते थे, उन्हें कोई न कोई जूता पहनाता था. ये समस्या भी ईडी के सामने है. पार्थ चटर्जी को वजन की समस्या हमेशा से रही है, उन्हें ज़्यादा देर चलने में या सीढ़ियां चढ़ने में भी समस्या होती रही है. चटर्जी को डायबिटीज़ है और बढ़े हुए वज़न की समस्या से हमेशा कुछ न कुछ दिक्कतें बनी रहती हैं. करोड़ों के मालिक पार्थ चटर्जी आलीशान और आराम पसंद जीवन जीते थे, जहां उन्हें नहलाने के लिए भी नौकर थे. पार्थ चटर्जी के वज़न को लेकर सोशल मीडिया पर भी मीम बनाए जा रहे हैं. नहाने में करनी पड़ रही मदद , ईडी सूत्रों के अनुसार पार्थ चटर्जी अपने आप नहीं नहा सकते, इसीलिए उन्होंने ईडी की कस्टडी में दो दिन तक स्नान नहीं किया. कारण पूछने पर चटर्जी ने कहा कि वे अपने आप स्नान नहीं कर पाते हैं और उन्हें विशेष स्टूल की जरूरत रहती है. इसके बाद जब ईडी अधिकारियों ने उन्हें नहाने में मदद के लिए अपने ही अमले के एक डी ग्रुप के कर्मचारी को बुलाया तो उन्होंने ये भी शिकायत की कि बाथरूम छोटा है, जिसके बाद उन्हें ईडी अधिकारियों के बड़े बाथरूम में ले जाया गया. जहां सिर्फ नहाने में नहीं बल्कि ईडी के कर्मचारी को उन्हें कपड़े तक पहनने में सहायता करनी पड़ी.
ऐसे लोगो का ख़ास ख्याल रखा जाता है ?
उधर खाने पीने के शौकीन पार्थ चटर्जी टाइप-2 डायबेटिक हैं जिसके चलते ईडी ने उनके डायट का ख़याल रखते हुए उन्हें चावल की जगह रोटी परोसना शुरू कर दिया. ईडी कस्टडी में पार्थ चटर्जी को सिर्फ एक दिन दोपहर को चावल दिया गया और बाकी दिन लंच और डिनर में रोटी परोसी गई. उन्हें शुक्रवार रात को अंडे की करी और रोटी मिली थी. क्या एक नार्मल इंसान को एजेंसी ऐसी सुविधा देती है ? क्या जो दुनिया का पैसा लूट कर मजे करके अपना वज़न बड़ा लिया हो अब उसकी सुविधाओं को बरकार रखना चाहिए ?
सूत्रों के मुताबिक, एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी समते चार महिलाएं ईडी की रडार पर हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि ईडी को छापेमारी के दौरान एक डायमंड रिंग मिली है, जिस पर ‘P’ लिखा हुआ है. वहीं कुछ ऐसे खिलौने भी मिले हैं, जिनके सेक्स टॉयज होने का शक है. छापेमारी के दौरान ईडी को कुछ और घोटालों के दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं बता दें, अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी को करीब 50 करोड रुपए कैश और करीब पांच किलो सोना मिला है. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि अभी अर्पिता की चार गाड़ियों की तलाश है. ईडी इन लग्जरी गाड़ियों को ढूंढ़ रही है, जो कि अर्पिता के डायमंड सिटी फ्लैट वाले घर से लापता हैं. बताया जा रहा है कि इन गाड़ियों में कैश भरा हुआ है. इन गाड़ियों की तलाश में ED लगातार छापेमारी कर रही है और कई सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है.
कौन है अर्पिता मुखर्जी?
अर्पिता मुखर्जी खुद को एक्ट्रेस बताती है। 2008 से 2014 के बीच अर्पिता ने बंगाली और उड़िया फिल्मों में साइड रोल भी किए हैं। अर्पिता मिडिल क्लास फैमिली से आती है और कोलकाता के बेलघोरिया में रहती है। उसने बांग्ला फिल्मों के एक्टर प्रोसेनजीत चटर्जी के साथ फिल्म ‘मामा भगने’ में काम किया है। इसके अलावा वो कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा उत्सव समिति की स्टार प्रचारक भी रह चुकी है। इस समिति से पार्थ चटर्जी भी जुड़े हुए हैं। एक ब्लैक डायरी का भी जिक्र है। ये वही डायरी है, जो ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के घर से बरामद की है। इस डायरी से कई बड़े राज से पर्दाफाश होना अभी बाकी है।
देश को करोडो रूपये का चुना लगाने वाला हर इंसान बाद में कहता है कि उसके खिलाफ एक बड़ा षड़यंत्र किया गया है , सरकार को जनता के पैसे को लूटने वालो के खिलाफ कड़े से कड़ा कानून अपना कर बड़ी से बड़ी सजा देनी चाहिए , जो समाज में एक मिसाल बने और लोगो में डर पैदा हो।
एडिटर इन चीफ