कौन बनेगा खिलाडी
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली– पहलवान खिलाडी एक महीने से अधिक अपनी मांगो को लेकर जंतर मंतर पर शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे , लेकिन जिस दिन नई संसद का उद्घाटन था ,उसी दिन उन्हें घसीट कर अलग अलग थानों में ले जाकर बंद कर दिया और बाद में देर रात उन्हे छोड़ भी दिया , लेकिन बीच में ही दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर से सभी खिलाड़ियों का टेंट और तम्बू हटा कर अपनी फाॅर्स लगा दी। ओलंपिक खिलाड़ियों ने बीजेपी से सांसद ब्रिज भूषण शरण पर योन शोषण के कई गंभीर आरोप लगाए है जिसमें एक नाबालिग लड़की भी है , शुरु में तो दिल्ली पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया , लेकिन सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद पुलिस को केस दर्ज़ करना पड़ा। इस आंदोलन में अभी तक सरकार ने चुप्पी साध रखी है , हज़ारो लोग पहलवानो के समर्थन में है लेकिन सरकार शांति से बैठ कर देख रही है।
कौन है बृज भूषण शरण
ये उत्तर प्रदेश की राजनीती के अंदर सालो से बाहुबली के नाम से ही जाना जाता है। बृज भूषण सिंह की गिनती दबंग नेताओं में होती है. वे उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं और कैसरगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं. छात्र जीवन से ही राजनीतिक तौर पर बेहद सक्रिय रहे बृज भूषण शरण सिंह का युवा जीवन अयोध्या के अखाड़ों में गुज़रा. पहलवान के तौर पर वे ख़ुद को ‘शक्तिशाली’ कहते हैं. कॉलेज के दौर में ही वे छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए और यहां से शुरू हुआ उनका सक्रिय राजनीतिक जीवन. 1991 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने जाने वाले बृज भूषण सिंह, 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में भी लोकसभा के लिए चुने गए. कुल मिलाकर वे छह बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं. उन पर अनेको आपराधिक मामले दर्ज है। वो जैल में रहकर भी अपनी पत्नी को जिताने में कामयाब रहे , इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की वो कितने बाहुबली है।
क्या है आरोप
पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे और प्रदर्शन जारी रखा। वहीं, बृजभूषण खुद को निर्दोष बताते रहे। 28 मई के दिन नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान पहलवानों ने मार्च करने की कोशिश की। तभी पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ले लिया। जंतर मंतर से उनका सामान हटा दिया गया और रात तक सभी पहलवानों को छोड़ दिया गया। कई पहलवानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है।
क्यों गंगा माँ की गोद में जाने की नौबत आई ?
जब पहलवानो को जंतर मंतर से जबरदस्ती हटा दिया और पुलिस ने साफ़ कर दिया की अब पहलवान यहाँ धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते ,और पहलवान को नई जगह तलाश करे , तो पुलिस अगर कानूनन सही रहा तो वो परमिशन दे भी सकती है। दिल्ली पुलिस के इस रुख के बाद मंगलवार को पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया अपने मेडल्स को हरिद्वार पहुंचकर गंगा में प्रवाहित करने की कोशिश की थी, लेकिन बीकेयू नेता नरेश टिकैत के आगे आने पर पहलवानों ने मेडल को गंगा में प्रवाहित करने का कार्यक्रम पांच दिनों के लिए टाल दिया. दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को इंडिया गेट पर धरना जारी रखने के लिए इजाजत देने से इनकार कर दिया है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले कहा है कि पहलवाल कोई और विकल्प दें, हम उस पर विचार का उन्हें धरना जारी रखने की अनुमति दे सकते हैं. खाप पंचायतों ने 5 दिन का समय सरकार को दिया है कि वो पहलवानो की मानगो पर ध्यान दे ओर बृजभूषण शरण को गिरफ्तार करे।
ए नआई की रिपोर्ट सौंपने की बात गलत-दिल्ली पुलिस
देश की सब से बड़ी एजेंसी ए न आई ने अपने ट्वीट किया की दिल्ली पुलिस जल्द ही रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर सकती है और ये भी कहाँ की कोई ठोस सबूत अभी तक नहीं मिले है जिस से बृजभूषण को गिरफ्तार किया जा सके , लेकिन दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर बताया है कि कुछ मीडिया चैनल पर महिला पहलवानों द्वारा दर्ज मुकद्दमे में कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने की खबर प्रसारित किया जा रहा है. इस तरह की खबर पूरी तरह गलत है. यह केस अभी जांच की प्रक्रिया में है. इस मामले में पूरी तफ्तीश के बाद ही उचित रिपोर्ट न्यायालय में सौंपी जाएगी.जबकि अब ये साफ़ होता आ रहा है की दिल्ली पुलिस ने मन बना लिया है कि वो जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर सकती है ,या क्लोज़र रिपोर्ट। इतने बड़े आरोपों के बाद अगर पुलिस एक्शन नहीं ले रही है तो लोगो के मन में ये ख्याल आना वाजिब है कि बृजभूषण शरण की ताकत और सरकार का साथ उसे मिला हुआ है।
बृजभूषण शरण की ताक़त
ये महिला खिलाडी कोई साधारण खिलाडी नहीं है इन्होने देश के लिए कितने ही मैडल जीत कर देश का नाम रोशन किया है , यहाँ तक की देश के प्रधानमंत्री ने भी इन्हे अपने घर बुला कर इनकी प्रतिभाओ की सरहाना की थी। मगर जब बात बीजेपी के सांसद बृजभूषण की आ जाये तो पूरी सरकार का एक भी मंत्री व नुमाइंदा बात करने को भी तैयार नहीं है इतना डर है इस सांसद का। आज प्रधानमंत्री भी इसकी भाषा पर लगाम नहीं लगा सकते , वो जो चाहता है वैसे बयान मीडिया को देता है , उसको किसी कानून या सिस्टम का कोई डर नहीं है। पहलवानो को घसीटा जा रहा था रोड पर , उसी दिन ये सांसद साहब नई संसद में अपनी फोटो क्लिक करवा रहे थे।
आने वाले समय में कोई खिलाडी दोबारा ये हीमत नहीं करेगा ?
इस लड़ाई को देख कर एक बात कही न कही जहन में जरूर आती है कि आज़ादी के 75 वर्षो के बाद भी इन्साफ मिलना कितना कीमती है और वो लोग खुशकिस्मत है जिन्हे जिन्दा रहते मिल जाता है। देश के करोडो लोग आज इन पहलवानो के साथ खड़े है लेकिन इन्हे इन्साफ मिलेगा ये जरुरी तो नहीं ? पहलवानो के पसीने को दिल्ली पुलिस से घसीट घसीट कर निकाला है कभी मैडल जीतने पर ख़ुशी से रोते थे पर आज खून के आंसू रो रहे है। अगर इनका ये हाल है तो आम आदमी को इन्साफ मिलेगा ये सवाल हमेशा अपना जवाब तलाशता रहेगा। खिलाड़ियों के मैडल की कीमत भी सांसद साहब ने बता दी की 15 रूपये का है गुड टच और बेड टच भी बता दिया। मीडिया ने तो ये भी कहना शुरु कर दिया की जो उन्हे सरकार ने करोडो रूपये और नौकरी दी है खिलाडी उस को भी लौटाए खाली मैडल क्यों गंगा में बहा रहे है।
एडिटर इन चीफ
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली