जब SC जज ने मनोज तिवारी से कहा,.. तो जहां पटाखे पर बैन नहीं है वहां जाकर छोड़िए , दिल्ली में प्रतिबंध हटाने से इनकार- डिजायर न्यूज़

आपको पटाखे फोड़ने हैं तो वहां जाओ जहां पर कि बैन नहीं है- सुप्रीम कोर्ट

जब SC जज ने मनोज तिवारी से कहा,.. तो जहां पटाखे पर बैन नहीं है वहां जाकर छोड़िए , दिल्ली में प्रतिबंध हटाने से इनकार- डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जीत की तरह देख रही है। अभी हॉल ही में दिल्ली सरकार ने सर्दियों में दिल्ली के बढ़ते पोलुशन को लेकर पटाखों को बनाने , रखने और बेचने पर प्रतिबंद लगा दिया था , उसको लेकर दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और ग्रीन पटाखों को चलाने की इज़्ज़ाजत मांगी। दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार13 सितंबर 2023 को सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने दलील दी कि ग्रीन क्रैकर के उत्पादन और बिक्री को लेकर गाइडलाइन तैयार की जा चुकी है.

पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर फिर से प्रतिबंध

भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी के अधिवक्ता ने न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ को बताया कि अदालत द्वारा हरित पटाखे फोड़े जाने की अनुमति देने के बावजूद दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं एक वकील ने दिल्ली समेत कुछ राज्यों में पटाखों पर पूरी तरह रोक लगाए जाने का मसला उठाया. कोर्ट ने जवाब में कहा कि जहां सरकार की तरफ से बैन लगाया गया है, हम उसमें दखल नहीं देंगे. आप त्यौहार मनाने के दूसरे तरीके अपनाओ.

दरअसल दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सर्दियों में प्रदूषण पर अंकुश लगाने की कार्ययोजना के तहत पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार 11 सितंबर2023 को बताया कि सर्दियों में प्रदूषण के स्तर को कम करने की कार्ययोजना के तहत सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर फिर से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. राय ने कहा कि दिल्ली पुलिस को शहर में यह प्रतिबंध लागू करने के सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे. दिल्ली सरकार पिछले दो साल से सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगाती आ रही है. ये लगातार तीसरा साल है.

न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश सुप्रीम कोर्ट

पीठ ने कहा कि नहीं, हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। सरकार ने जहां पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है, इसका मतलब पूर्ण प्रतिबंध है। लोगों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है। यदि आपको पटाखे जलाने हैं तो उन राज्यों में जाएं जहां कोई प्रतिबंध नहीं है। इस पर वकील ने कहा कि सांसद होने के नाते उनका मुवक्किल अपने मतदाताओं के प्रति जिम्मेदार है और कोर्ट ने स्वयं ही हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति दी है। कोर्ट ने मनोज तिवारी की दलील पर उनके वकील से कहा कि लोगों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है, जहां सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है, वहां इसका मतलब पूर्ण प्रतिबंध है. आपको पटाखे फोड़ने हैं तो वहां जाओ जहां पर कि बैन नहीं है.

मनोज तिवारी से कोर्ट ने क्या कहा?

बेंच ने उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से सांसद मनोज तिवारी से कहा, आप लोगों को समझाएं कि वे पटाखे न जलाएं. यहां तक कि चुनाव के बाद विजय जुलूस के दौरान भी पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए. जीत का जश्न मनाने के और भी कई तरीके हैं. ये बात किसी से छुप्पी नहीं की दिल्ली के प्रदूषण से हर साल हज़ारो लोग बीमार हो रहे है या मर रहे है। दिल्ली सरकार ने वातावरण को देखते हुई पटाखों को बिलकुल बन कर दिया है और सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के फेसले को बरक़रार रखा है। दिल्ली सरकार ने सर्दियों में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर फिर से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

 

 

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