दिल्ली टू राजकोट बच्चो की दर्दनाक मौत का जिम्मेदार कौन ? इंसान , इंसानियत और प्रशाशन सब मिले हुए , पी एम ने जताया दुख -डिजायर न्यूज़
दिल्ली टू राजकोट बच्चो की दर्दनाक मौत का जिम्मेदार कौन ? इंसान , इंसानियत और प्रशाशन सब मिले हुए , पी एम ने जताया दुख -डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – आग के हादसे हमेशा गर्मियों में अधिक होते है और इस साल तो ना उत्तराखंड के जंगल बचे ना हिमाचल के , और शनिवार के दिन तो दिल्ली से लेकर राजकोट गुजरात तक बच्चो की मोतो ने सब को हिला कर रख दिया , कितने ही परिवारों के चिराग बुझ गए , हर साल लाखो लोग आग से जलकर मर जाते है अधिकतर केसों में इंसान और प्रसाशन की मिली भगत से फायर सुरक्षा को टाक पर रखा जाता है , इन केसो में भी गिरफ्तारी जरूर हुई है लेकिन आखिर में इन्साफ मिलेगा या नहीं ये वक़्त बताएगा। गुजरात हाई कोर्ट ने तो इस आग का खुद सज्ञान लेकर इसे इंसान की गलती बताया है ना की कोई कुदरती आपदा है। करोडो रुपये खर्च करके गेमिंग जोन बना कर करोडो रूपये का मुनाफा कमाने वाले मालिकों ने फायर सुरक्षा की कोई एन ओ सी नहीं ली , दिल्ली के हस्पताल में हुई 7 बच्चो ी मोत में भी यही हॉल रहा है। दिल्ली पुलिस ने बेबी केयर सेंटर के मालिक डॉक्टर नवीन खिची को गिरफ्तार कर लिया है. उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली टू राजकोट मोत का मातम
देशभर के लिए बीते शनिवार का दिन शोकग्रस्त साबित हुआ, खास तौर पर बच्चों के लिहाज से ये दिन ऐसी बुरी याद छोड़ गया जिसकी टीस हमें हमेशा सताती रहेगी. अनेको परिवारोंमें मातम है। सबसे पहले गुजरात के राजकोट से अग्निकांड की बुरी खबर आई. यहां TRP गेमिंग जोन में आग लगने से 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिसमें 12 बच्चे हैं, तो वहीं राजधानी दिल्ली के विवेक विहार इलाके मैं एक बेबी केयर सेंटर में आग लगने से 7 बच्चों की मौत हो गई. वहीं, देर रात दिल्ली के ही कृष्णा नगर में भी एक घर में आग लगने से तीन लोगों मौत हो गई, जबकि 10 लोग घायल हैं. यह आग चार मंजिला बिल्डिंग की पार्किंग में खड़ी 11 बाइकों में लगी थी और पहली मंजिल तक फैल गई थी. जिसके बाद ऊपरी मंजिल तक फैल गई।
देश की राजधानी दिल्ली के शाहदरा के विवेक विहार इलाके में शनिवार देर एक बेबी केयर सेंटर में आग लग गई। आग से 12 बच्चों का रेस्क्यू कराया गया। अग्निकांड में बचाए गए 12 में छह नवजात बच्चों ने दम तोड़ दिया। जबकि एक नवजात की पहले ही मौत हो चुकी थी। सात नवजात बच्चों की मौत हुई है, पांच नवजात अस्पताल में भर्ती हैं, इनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। मौके पर पहुंचे दमकल कर्मी इमारत में फंसे स्टाफ और नवजात को बचान के लिए जुट गए। देर रात तक सभी का रेस्क्यू कर लिया गया। एक नवजात मृत मिला था। जबकि बचाए गए 12 नवजात बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान छह नवजात बच्चों ने दम तोड़ दिया। सभी सात शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज दिया गया है। अस्पताल के मालिक नवीन किची निवासी 258, भरोन एन्क्लेव, पश्चिम विहार, दिल्ली के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। दो डॉक्टरों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
शनिवार का दिन और अंजान बच्चो को श्याद ये पता भी नहीं होगा की आज ये उनकी जिंदगी का आख़री गेम है। राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में लगी आग के मामले में अब तक 27 शव बरामद किए गए हैं। सिविल अस्पताल में मृतकों का डीएनए लिया गया है। राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने यह जानकारी दी है। शनिवार शाम पांच बजे भीड़भाड़ वाले गेम जोन में भीषण आग लग गई थी। 25 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक मृतक के परिजन के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स को बताया कि घायल व्यक्तियों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार सुबह घटना स्थल और अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजन को 4 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। पुलिस आयुकत्त भार्गव का कहना है कि मामले में रविवार तड़के छह लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304, 308, 336, 338, 114 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मैनेजर नितिन जैन और एक अन्य युवक युवराज सोलंकी को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि मामले में हमने एक लोक अभियोजक की नियुक्ति के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है।
अधिकारी ने आगे कहा कि कहा कि गेम जोन के लिए सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी। फायर एनओसी प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था। हालांकि, वह फिलहाल प्रक्रिया में था और अभी तक पूरा नहीं हुआ है। गेम जोन में अग्नि सुरक्षा उपकरण थे लेकिन आग पर काबू पाने के लिए पर्याप्त नहीं थे। उन्होंने स्थानीय अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं लिया था। एफआईआर के अनुसार, आरोपियों ने गेम जोन बनाने के लिए मेटल शीट फैब्रिकेशन की मदद से लगभग दो-तीन मंजिला इमारत की ऊंचाई के साथ 50 मीटर चौड़ी और 60 मीटर लंबी संरचना बनाई थी।
सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट के हवाले से राजकोट के पुलिस उपायुक्त अपराध पार्थराजसिंह गोहिल ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों के अलावा, धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर, रेसवे एंटरप्राइज के पार्टनर अशोकसिंह जाडेजा, किरीटसिंह जाडेजा, प्रकाशचंद हिरन, युवराजसिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ