क्या दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविन्द केजरीवाल जेल से चला पायगे सरकार ? या लगेगा राष्ट्रपति शासन ? -डिजायर न्यूज़

क्या दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविन्द केजरीवाल जेल से चला पायगे सरकार ? या लगेगा राष्ट्रपति शासन ? -डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – दिल्ली की जनता ने अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को तीन दफा चुना है दो दफा तो पूर्ण बहुत की सरकार बनी है।
आज दो राज्यों में आप पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार है दिल्ली और पंजाब में। कुछ ही वर्षो में ये पार्टी नेशनल पार्टी बन गई। लेकिन जिस कर्रप्शन को लेकर लड़ाई शुरू की थी ,आज उसमें ही फसंकार चीफ मिनिस्टर , डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया , सांसद संजय सिंह और हेल्थ मिनिस्टर सतिंदर जैन जैसे नेता जेल में बंद है और कितने ही विधायक जेल की हवा खा चुके है।

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अरविंद केजरीवाल अब ED की गिरफ्त में हैं

दिल्ली शराब नीति के कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार (21 मार्च) की रात को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लियाअरविंद केजरीवाल अब ED की गिरफ्त में हैं. वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहते हुए जेल जाने वाले पहले नेता बन गए हैं. गिरफ्तारी से पहले ED ने केजरीवाल को 9 समन भेजे थे, जिसे नजरअंदाज कर दिया था. अपनी प्रोटेक्शन के लिए केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खट खटाया था , लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया , और उसी शाम ई डी चीफ मिनिस्टर आवास पहुंची और 10 वा समन देकर वही पूछताछ और तलाशी अभियान शुरू कर किया और रात में ही अरविन्द केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया।

शुक्रवार को अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है. ED ने केजरीवाल को कथित दिल्ली आबकारी घोटाला मामले का ‘किंगपिन’ यानी मुख्य साजिशकर्ता बताया है. हालांकि केजरीवाल ने तर्क दिया कि उन्हें इस मामले से जोड़ने का कोई सीधा सबूत नहीं है. देश के जाने माने अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी , चौधरी और रमेश गुप्ता ने जज कावेरी बेवजा के सामने लम्बी छोड़ी बहस की।

अरविंद केजरीवाल की ओर से दलील देते सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है क्योंकि 80 फीसदी लोगों ने अपने बयानों में दिल्ली के सीएम का नाम नहीं लिया है. वहीं ED का आरोप है कि केजरीवाल सीधे तौर पर शराब नीति में शामिल थे. शराब नीति को इस तरह बनाया गया जिससे रिश्वत लेने का रास्ता खुल गया. और ई डी ने कोर्ट को बताया की उनके पास हवाले से भेजे गए पैसे के भी सबूत है , और वो पैसा कैसे गोवा के चुनाव में खर्च किया गया।

क्या जेल से चलेगी दिल्ली की सरकार

अरविन्द केजरीवाल और उसकी पार्टी ने पहले ही बता दिया था कि वो इस्तीफ़ा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार को चलाएंगे। आप पार्टी की मंत्री आतिश और सौरभ भारद्वाज ने भी कहा की केजरीवाल इस्तीफ़ा नहीं दंगे। अब देखना ये है कि आने वाले समय में केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे या अपनी पत्नी को लालू यादव की तरह चीफ मिनिस्टर की कमान सोपेगे ? दूसरी तरफ बीजेपी लगातार दबाव बना रही है कि केजरीवाल इस्तीफ़ा दे। तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ ऑफिसर ने कहा कि कोर्ट कॉम्प्लेक्स को सुब्रतो राय के मामले में जेल डिक्लेयर किया गया था और उनको वहां तमाम फैसिलिटीज दी गई थीं. उन्होंने कहा कि तिहाड़ जेल में अगर CM को रखते हैं तो वहां से सरकार चलाना मुश्किल है, क्योंकि सिक्योरिटी बड़ा आस्पेक्ट्स हैं. किसी बिल्डिंग को अगर स्पेशल जेल डिक्लेयर किया जाता है तो ये मुमकिन है. प्रिजन एक्ट में यह है कि आप किसी बिल्डिंग को स्पेशल जेल डिक्लेयर कर सकते हैं. आम हो या खास सबके लिए जेल में हफ्ते में दो बार मुलाकात का ही प्रावधान है. ई डी की कस्टडी से ही सी एम केजरीवाल ने आदेश जारी करने शुरू कर दिए है।

क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति और कैसे फस गए केजरीवाल

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया था. इस नई पॉलिसी के तहत राजधानी का सारा शराब कारोबार से निजी कपंनियों को सौंप दिया गया. दिल्ली सरकार बाहर आ गई. केजरीवाल सरकार का दावा था कि नई पॉलिसी से माफिया राज खत्म होगा और साथ ही सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ेगा. दिल्ली में पहले शराब की बिक्री के लिए दो तरह के लाइसेंस दिए जाते थे – L1 और L10. L1 लाइसेंस उन दुकानों को दिया जाता था जो DDA के अप्रूव्ड मार्केट, लोकल शॉपिंग सेंटर, कन्वीनिएंट शॉपिंग सेंटर, डिस्ट्रिक्ट सेंटर और कम्युनिटी सेंटर में थीं. L10 लाइसेंस उन दुकानों को दिया जाता था जो शॉपिंग मॉल में स्थित थीं. नई शराब नीति को मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया. राजधानी को 32 जोन में बांट दिया गया था. हर जोन में 27 शराब की दुकानें थीं. हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति थी. हालांकि ये नीति शुरुआत से ही विवादों में रही और आठ महीने बार आखिरकार 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई नीति रद्द कर दी.

कैसे उजागर हुआ शराब घोटाला

दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार ने 8 जुलाई 2022 को एक रिपोर्ट जारी कर कथित शराब घोटाले का खुलासा किया था. रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया समेत आम आगमी पार्टी के बड़े नेताओं पर घोटाले के गंभीर आरोप लगाए गए. तब आबकारी विभाग सिसोदिया के पास था. रिपोर्ट में सिसोदिया पर आरोप लगा कि उन्होंने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया. कोरोना का बहाना बनाकर कारोबारियों से ली जाने वाली 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस मनमाने तरीके से माफ कर दी. वहीं एयरपोर्ट जोन के लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को भी 30 करोड़ लौटा दिए गए, जबकि ये रकम जब्त की जानी थी. इसके बाद दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की. फिर 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया. उधर क्योंकि पैसों की हेराफेरी का आरोप था, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी मामला दर्ज कर लिया.

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केजरीवाल का भी घोटाले में आया नाम
ईडी ने अपनी जांच के बाद 2 नवंबर 2022 को प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अरविंद केजरीवाल को पहला समन भेजा. आरोप है कि जब नई शराब नीति तैयार की जा रही थी, तब कई आरोपी केजरीवाल के संपर्क में थे. केजरीवाल और सिसोदिया के अलावा एंजेसी ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के कविता को भी आरोपी बनाया है. ईडी की चार्जशीट में दावा है कि के कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू, आम आदमी पार्टी के नेता विजय नायर, शराब कारोबारी दिनेश अरोड़ा का बयान दर्ज किया है. इन्होंने सरकारी गवाह बनकर शराब नीति में कथित घोटाले के कई राज खोले हैं. आरोपी बुचीबाबू ने बताया कि केजरीवाल, सिसोदिया और के कविता के बीच शराब नीति को लेकर बातचीत हुई. मार्च 2021 में कविता ने विजय नायर से मुलाकात भी की थी. वहीं आरोपी दिनेश अरोड़ा ने बताया है कि उसकी केजरीवाल से उनके आवास पर मीटिंग हुई थी.

कितने करोड़ का हुआ शराब घोटाला

दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में एजेंसी ने दक्षिण भारत के कुछ नेताओं और व्यापारियों को आरोपी बनाया है. एजेंसी ने साउथ ग्रुप नाम दिया है. दावा है कि ‘साउथ ग्रुप’ ने आम आदमी पार्टी के नेता विजय नायर और दूसरे नेताओं को 100 करोड़ की रिश्वत दी थी. वाईएसआरसीपी सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी (एमएसआर), उनके बेटे मगुंटा राघव रेड्डी, बीआरएस नेता के. कविता, चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचीबाबू गोरांटला, हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली, एक प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनी के निदेशक पी सरथ कैंड्रा रेड्डी इसी साउथ ग्रुप में शामिल हैं.

केजरीवाल के खिलाफ ED के पास क्या-क्या सबूत

32 पेज की रिमांड एप्लीकेशन में जांच एजेंसी ने केजरीवाल पर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने और शराब व्यापारियों से रिश्वत मांगने के लिए शराब नीति बनाने का आरोप लगाया है. ई डी की ओर से पेश होने वाले एडीशनल सॉलिसिटर जनरल एएसवी राजू ने अदालत में कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति घोटाले के किंगपिन हैं और वह पूरे समय तत्कालीन उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के संपर्क में थे. रिश्वत में आए 100 करोड़ का इस्तेमाल गोवा चुनाव में प्रचार के लिए किया गया था. इस बात की पुष्टि गोवा में आम आदमी पार्टी के एक उम्मीदवारों में से एक ने की है जिसे चुनाव खर्च के लिए नकद राशि दी गई थी. ईडी का दावा है कि उन्होंने रिश्वत वाले पैसे का पता लगा लिया है और गोवा चुनाव अभियान में शामिल कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं. 2022 गोवा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल लोगों के बयानों से पता चला है कि सर्वे कर्ता, एरिया मैनेजर, असेंबली मैनेजर के रूप में काम करने वाले लोगों को नकद भुगतान किया गया था. इन लोगों को दिल्ली में आप विधायक विजय नायर और दुर्गेश पाठक मैनेज कर रहे थे.

एजेंसी ने आगे दावा किया कि आरोपों की पुष्टि न केवल गवाहों (हैदराबाद-बीआरडी व्यवसायी पी.सरथ चंद्र रेड्डी) के बयानों से होती है, बल्कि कॉल डेटा रिकॉर्ड्स भी इसकी पुष्टि करते हैं. आरोप लगाया कि केजरीवाल ने साउथ ग्रुप को फायदा पहुंचाने के बदले में उनसे रिश्वत की मांग थी. आप पार्टी के जितने भी नेता इस में शामिल है उनमें से किसी को अभी तक जमानत नहीं मिली है , मनीष सिसोदिया संजय सिंह तो कई महीने से जेल में ही है। और अभी बाहर आने की उम्मीद भी कम ही है। सरथ चंद्र रेड्डी जो की अब सरकारी गवाह बन चूका है उसने बीजेपी को एलेक्ट्रोल बांड के तहत काफी पैसा अपनी कंपनी के तहत डोनेशन में दिया है जिसका आरोप आम आदमी पार्टी लगा रही है।

ई डी ने अरविंद केजरीवाल को रिश्वत लेने और फिर इसे इस्तेमाल करने का मुख्य आरोपी बताया है. आम आदमी पार्टी एक कंपनी है, लेकिन इसका व्यक्तिगत अस्तित्व नहीं है. इसलिए कंपनी के कामकाज में शामिल व्यक्ति को जिम्मेदार बताया गया है. कथित घोटाले के समय केजरीवाल आम आदमी पार्टी के मुख्य चीफ थे. इसलिए केजरीवाल के खिलाफ पीएमएलए की धारा 4 और पीएमएलए की धारा 70 के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है.

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आम आदमी पार्टी का कार्यालय सील ?

2024 के लोकसभा चुनाव का ऐलान हो चूका है ऐसे में दिल्ली की मंत्री ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के दौरान एक राष्ट्रीय पार्टी के कार्यालय को कैसे बंद किया जा सकता है? यह भारतीय संविधान में दिए ‘समान अवसर’ के खिलाफ है. हम इसके खिलाफ शिकायत करने के लिए निर्वाचन आयोग से वक्त मांग रहे हैं.”
‘आप’ के एक अन्य वरिष्ठ नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पार्टी कार्यालय के सभी प्रवेश द्वार बंद कर दिए हैं.
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘हम निर्वाचन आयोग जाएंगे, केंद्र सरकार ने आदर्श आचार संहिता लागू रहते हुए भी आईटीओ पर ‘आप’ के मुख्य कार्यालय के सभी प्रवेश द्वार बंद कर दिए हैं .

31 मार्च को रामलीला मैदान में विपक्ष एकजुट

विपक्ष एक जुट होकर इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाह रहा है आम आदमी पार्टी के कार्यकर्त्ता लगातार धरना पर्दशन कर रहे है इंडिया गठबंधन एक जुट हो चला है कांग्रेस समाजवादी पार्टी आदि सभी इस गिरफ्तारी को बदले की भावना बता रहे है। 31 मार्च को आम आदमी पार्टी और विपक्षी दल मिलकर दिल्ली के रामलीला मैदान में इसका विरोध प्रदर्शन करने को एकजुट होंगे।

‘आप’ ने की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की गिरफ्तारी की मांग
दिल्ली शराब घोटाले के करीब 60 करोड़ रुपए का मनी ट्रेल भाजपा के खाते में मिलने के बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की गिरफ्तारी की मांग की है। आप नेता आतिशी ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक होते ही भाजपा और शराब कारोबारी शरत रेड्डी के बीच मनी ट्रेल का लिंक देश की जनता के सामने आ गया है। दिल्ली शराब मामले में गिरफ्तारी से पहले शरत रेड्डी ने भाजपा को 4.5 करोड़ दिए थे और गिरफ्तारी के बाद 55 करोड़ रुपए दिए।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

 

 

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