ग़दर 3 क्या दुनिया को रुला कर जायगी – हमास और इसराइल – डिजायर न्यूज़
ग़दर 3 क्या दुनिया को रुला कर जायगी – हमास और इसराइल – डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है फिलिस्तीनी और इजराइल के बीच युद्ध को लेकिन हल की बजाये अभी तभाही ही नज़र आ रही है , भारत की आज़ादी का वो पल जो ग़दर फिल्म में दर्शाया गया वो फिल्म देख कर आंखे नम कर देता है , जिन्होंने आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी और उस पल को जिया है वो ही जानते है। बटवारा हमेशा खून खराबा ही लेकर आता है , भारत और पाकिस्तान के वो ज़ख़्म श्याद कभी ना भर पाए। आज भी जब अरुणाचल प्रदेश में चीन एक इंच भी हमारी तरफ आता है तो हर भारतीय को आग से लग जाती है , अगर पाकिस्तान हमारी तरफ बढ़ता है तो हमारे सैनिक उसे दिन में तारे दिखा देते है। आज यहीं लड़ाई रूस और यूक्रिन की है और सालो से चलती आ रही इजराइल और फलिस्तीन की लड़ाई ने अब रौद्र रूप ले लिया है , इजराइल ने चेतावनी दी है की वो हमास को अब ख़त्म करके ही दम लेगा।
इजराइल की ताक़त की लड़ाई
एक समय में कारगिल युद्ध में इसराइल ने भारत का साथ दिया था , उस समय अमरीका भी हमारी मदद करने को तैयार नहीं था। लेकिन उस मदद के बाद भारत ने भी हमेशा इजराइल का साथ दिया , अभी भी देश के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने इजराइल की मदद की बात की है। भारत के प्रधानमंत्री ने हमेशा आतंकवाद को खत्म करने की बात कही है और उनकी एक ही अपील सभी देशो से रही है की अगर विश्व को आगे बढ़ना है तो सब को आंतकवाद से लड़ कर इसको ख़तम करना पड़ेगा। फ्रांस में फलिस्तीन के पक्ष में हो रहे प्रदशनों पर सरकार ने प्रतिबंद लगा दिया है। इस्लामिक मुल्क में भी कई जगह फलिस्तीनके पक्ष में आंदोलन हो रहे है। गाज़ा से विदेशी पर्यटकों को निकालने पर भी सहमति बनी है। भारत भी लगातार अपने नागरिको को सुरक्षित निकाल रहा है।
भारतीय मीडिया की इजराइल में भी नौटकी
अगर भारतीय मीडिया की बात करे तो युद्ध को कवर करना बड़ा जोखिम का काम है , जहाँ कभी भी गोली या कोई मिसाइल आप की जिंदगी लेकर जा सकती है वही हमारे मीडिया के कुछ साथी रिपोर्टिंग करते समय जोर जोर से बोलना अजीब अजीब तरह से बिना सवेंदना के रिपोर्ट करना अपने आप में बहुत दुखदायी है। अभी जो भी रिपोर्टिंग हो रही है वो एकतरफ़ा है हमास के एक कैमरामैन की मोत भी हो गई कई घायल भी है , लेकिन हमास में ने बिजली है ना पानी वहाँ के हालत की रिपोर्टिंग सिर्फ इजराइल सेना ही कर रही है। मीडिया सिस्टम हमास का लगभग ख़तम सा हो चूका है।
इजराइल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अपनी गलती मानी
इसराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तजाची हानेग्बी ने कहा कि मेरी वजह से खुफिया आकलन में गलती हुई है। इतने बड़े हमले की जानकारी न होना खुफिया आकलन करने वाले हर कर्मचारी की गलती है। हमारी गलती के कारण देश-दुनिया आश्चर्य चकित है। इस्राइल और हमास के बीच पिछले एक सप्ताह से युद्ध जारी है, जिसमें करीब 3000 लोगों की मौत हो गई। इस बीच एक वरिष्ठ इस्राइली अधिकारी ने खुफिया विभाग की गलती को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि खुफिया आकलन में गलतियां हुई हैं, जिससे देश-दुनिया आश्चर्य चकित है। इससे पहले, इस्रायली सैन्य खुफिया विभाग में फिलिस्तीनी विभाग के पूर्व प्रमुख माइकल मिलस्टीन ने कहा था कि इस्राइली बंधको को गाजा में कहां रखा गया है, जिसकी जानकारी निकालने में इस्राइली खुफिया एजेंसी फेल हो गईं। इससे आगे के लिए चुनौतियां खड़ीं हो गईं। हालांकि, गाजा पट्टी छोटा इलाका है, जो इस्राइली सुरक्षाबलों के सीमा में है। लेकिन जानकारी के अभाव में अभी पारदर्शिता नहीं है।
इस्राइल ने ईरान पर लगाए आरोप
एक बात तो साफ़ है कि इसराइल और हमास के युद्ध के बाद से दुनिया अपने अपने स्वार्थ के हिसाब से बट गई है , अमरीका खुल कर अपनी सैन्य शक्ति के साथ इसराइल के साथ खड़ा है। इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इस्राइली दूत ने ईरान पर हमास को फंडिंग के आरोप लगाए थे। इस्राइली दूत ने कहा था कि आतंकी संगठन समूह हमास के अभियानों को ईरान फंड कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल के प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि ईरान ही हमास के अभियानों का समर्थन कर रहा है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइली राजदूत के बयान से कुछ देर पहले ही ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा था कि ईरान फिलिस्तीनियों के आत्मरक्षा के अधिकारों का समर्थन करता है।
हमले के यह तीन कारण
हमास ने कहा कि ये यरूशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इस्राइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। हमास ने कहा कि इस्राइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंक इसे अपवित्र किया था। इस्राइली सेना लगातार हमास के ठिकानों पर हमले कर रही है और अतिक्रमण कर रही है। इस्राइली सेना हमारी महिलाओं पर हमले कर रही है। हमास के प्रवक्ता गाजी हमाद ने अरब देशों से अपील है कि इस्राइल के साथ अपने सभी रिश्तों को तोड़ दें। हमाद ने कहा कि इस्राइल एक अच्छा पड़ोसी और शांत देश कभी नहीं हो सकता है। अलग अलग देशो में कुछ हमास के साथ है तो कुछ फिलिस्तीनी के साथ है। वैसे तो फिलिस्तीनी के अधिकतम हिस्से पर इजराइल पहले ही कब्ज़ा कर चूका है , और अगर गाजापट्टी पर फिर से कब्ज़ा कर लेता है तो फिलिस्तीनीका अस्तित्व ही ख़त्म हो जायेगा।
गांधी जी ने अपने लेख में लिखा था
जिस तरह इंग्लैण्ड अंग्रेजों का है, फ्रांस फ्रेंच लोगों का है उसी तरह फलिस्तीन अरब के लोगों का है। गांधी जी ने यहूदियों के प्रति सहानुभूति जताते हुए लिखा था कि जिस तरह हिन्दुओं में हरिजनों के साथ अछूतों जैसा व्यवहार होता है उसी तरह यहूदी इसाई धर्म के अछूत ही हैं जिनके साथ धर्म के आधार पर भेदभाव और अत्याचार होते रहे हैं। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि उन्हें अरब लोगों पर थोप दिया जाए। शुरू शुरू में भारत के प्रधानमंत्री पडित जवाहर लाल नेहरू फलिस्तीन और इजराइल के बटवारे वाले हालत के पक्ष में नहीं थे उनका कहना था की भारत और पाकिस्तान के बटवारे का दुःख वो जानते है। 75 साल ले बाद भी आज भी भारत और पाकिस्तान के रिश्तो में वही ख़टास है।
हमास आतंकियों के साथ साथ लाखो लोग मारे जा सकते है। इजराइल ने गाज़ा पटी पर अपने लाखों सैनिक , मिसाइल और टैंक तैनात कर चूका है अब लड़ाई जमीनी सत्तर पर इजराइल लड़ेगा लेकिन अभी तक इजराइल को ये भी नहीं पता चल पाया है कि हमास ने जो उसके नागरिक अगवा किये है उन्हे कहाँ रखा है। हमास ने हज़ारो बंकर बना रखे है , इलाका छोटा है पर हमास भी पूरी तैयारी के साथ लड़ने को तैयार है। इजराइल के लिए जमीनी सत्तर की लड़ाई आसान नहीं है , अभी तक कई सो बिल्डिंग इजराइल तबाह कर चुका है , और करीब 11 लाख लोग को ख़ाली करके दक्षिण छोर पर जाने के लिए कह चुका है जो की इतना आसान नहीं है , गाजा पट्टी के इलाके में 23 लाख के करीब आबादी है जिसमें 35 से 40 परसेंट बच्चे और जवान है। कुछ लोग अपनी जगह छोड़ कर नहीं जाना चाहते तो लड़कर अपना हक़ लेना चाहते है।
निर्दोषो का मरना तय
फलिस्तीन और इजराइल दोनों ने ही अपने नागरिको को खोया है , और इसके लिए कोई जिम्मेदार है तो वो है आंतकवादी। आने वाले समय में इनदोनों देशों की लड़ाई में जो विनाश होगा , जितने निर्दोष लोग मारे जायगे , इस पर भी एक मार्मिक फिल्म बन सकती है , जैसे ग़दर फिल्म लोगो को रुला देती है वैसे ही फलिस्तीन और इजराइल का ये युद्ध वर्षो तक याद रखा जायेगा। जिस तरह से इजराइल फलिस्तीन पर हमले कर रहा है , उस से ये लगता है कि लड़ाई का अंजाम जो भी हो लेकिन मरने वालो की संख्या गिनना कितना मुशिकल होगा इसका अंदाजा लगाना भी मुशिकल है। इस लेख में कुछ विचार मेरी अपनी राय है किसी को हर्ट करना नहीं है।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ