लाल कृष्ण आडवाणी भारत के रत्न को भारत रत्न सम्मान – डिजायर न्यूज़
लाल कृष्ण आडवाणी भारत के रत्न को भारत रत्न सम्मान – डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – भारत रत्न किसी व्यक्ति के लिए सर्वोच्च सम्मान होता है. भारत रत्न पाने वालों को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलता है, बल्कि उनको जीवन में कई विशेष सुविधाएं भी दी जाती हैं.राजनीति और सार्वजनिक जीवन से अलग जिंदगी जी रहे पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भारत रत्न दिए जाने की घोषणा के बाद एक बार फिर सुर्खियों में हैं। खुद पीएम मोदी ने इस सम्मान की घोषणा करते हुए उनके योगदान को याद किया। उन्होंने उनसे बात भी की और बधाई दी। पीएम ने कहा, आडवाणीजी हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं। भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने गृह मंत्री और सूचना, प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं। X पर एक अन्य पोस्ट में आडवाणी के योगदान को याद करते हुए मोदी ने कहा, ‘मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत अवसर मिले।’ पूर्व उपप्रधानमंत्री को मिले इस सम्मान पर बधाइयों का तांता लगा है। खासकर, बीजेपी के नेता बेहद उत्साहित नजर आ रहे हैं। हों भी क्यों नहीं, 1984 में महज 2 लोकसभा सीटें जीतने वाली पार्टी आज सत्ता में है तो उसके यहां तक के सफर में आडवाणी का भी योगदान बेहद अहम रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के बेटे जयंत आडवाणी ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होता है कि उनके जीवन के इस पड़ाव पर उनके प्रयासों को इस शानदार तरीके से मान्यता मिल रही है। मैं और मेरा परिवार इस निर्णय से बेहद खुश हैं। मैं अपने पिता को यह पुरस्कार देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं। जयंत ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में मेरे पिता का योगदान बहुत बड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होता है कि उनके जीवन के इस पड़ाव पर उनके प्रयासों को इस शानदार तरीके से मान्यता दी जा रही है। 96 वर्षीय आडवाणी ने फरवरी 1965 में कमला आडवाणी के साथ शादी की थी। आडवाणी के दो बच्चे जयंत आडवाणी और प्रतिभा आडवाणी हैं। जयंत की शादी गीतिका से हुई थी। 2016 में आडवाणी की पत्नी कमला आडवाणी का निधन हो गया।
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आडवाणी के बेटे जयंत आडवाणी पेशे से बिजनेसमैन हैं। इसके बावजूद वह कई मौकों पर अपने पिता के साथ दिखाई देते हैं। बहुत कम लोगों को पता होगा कि लाल कृष्ण आडवाणी जब बीजेपी की तरफ से आम चुनाव में पीएम पद के उम्मीदवार बने थे तब जयंत ने उनके लिए चुनाव प्रचार किया था। आडवाणी उस समय गुजरात के गांधी नगर से चुनाव मैदान में थे। जयंत ने गांधी नगर में घर-घर जाकर अपने पिता के लिए वोट मांगे थे। जयंत के साथ उनकी मां कमला आडवाणी, पत्नी गीतिका और छोटी बहन प्रतिभा आडवाणी भी थीं।
यू पी ए सरकार के दौरान आडवाणी विपक्ष का एक चेहरा जरूर रहे, लेकिन सुषमा स्वराज जैसे दूसरे युवा और अच्छे वक्ताओं ने संसद में विपक्ष के चेहरे की जगह लेनी शुरू कर दी। साल 2014 में पीएम मोदी को चुनाव का चेहरा बनाया गया। कांग्रेस के खिलाफ एंटी इनकंबेसी वेव के चलते बीजेपी जीती लेकिन आडवाणी धीरे-धीरे राष्ट्रीय राजनीति से ओझल होने लगे। उन्हें पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में जगह दी गई। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने लोकसभा टिकट नहीं दिया, जिससे साफ था कि तब तक उनके राजनीतिक करियर की सांझ हो चुकी थी।
वी एच् पी की ओर से काशी, मथुरा और अयोध्या के मंदिरों को लेकर जो अभियान चलाया गया, उसमें आडवाणी की सोमनाथ यात्रा अहम थी। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने समस्तीपुर जिले में 23 अक्टूबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। यात्रा बीजेपी के लिए बेहद कामयाब रही, लेकिन समाज में तीखी विभाजनकारी लाइनें भी सामने दिखीं। देश ने उस दौर में दंगे भी देखे। आडवाणी के खिलाफ मस्जिद गिराने की साजिश का आपराधिक मुकदमा भी चला था।
23 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान हुआ था. अब 11 दिन बाद मोदी सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने ऐलान करते हुए कहा कि लालकृष्ण आडवाणी हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं. भारत के विकास में उनका अनोखा योगदान रहा है. उन्होंने जमीनी स्तर पर काम करने की शुरुआत से लेकर उपप्रधानमंत्री रहते हुए तक देश की सेवा की. वह गृह मंत्री और सूचना प्रसारण मंत्री भी रहे. जनता की सेवा में उनकी पारदर्शिता हमेशा याद रहेगी.
राष्ट्र के सर्वोच्च सम्मान का सफरनामा
भारत रत्न, भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह पुरस्कार देश के प्रति अमूल्य योगदान के लिए किसी भी जाति, धर्म, लिंग, व्यवसाय या क्षेत्र के व्यक्ति को दिया जा सकता है. इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल शामिल हैं. भारत रत्न कोई आर्थिक पुरस्कार नहीं है. मतलब ये है कि इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती है. हालांकि कुछ राज्य सरकार सम्मानित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता देने के लिए अपनी मर्जी से पहल करती हैं.
भारत रत्न पाने वाला व्यक्ति देश के लिए वी आई पी
भारत रत्न प्राप्तकर्ता एक तरह से देश के लिए वीआईपी होता है. उसे सरकारी महकमे से कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं. जैसे- रेलवे की ओर से फ्री यात्रा, राज्य में राजकीय अतिथि का दर्जा, अहम सरकारी कार्यक्रमों का न्योता, वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह दी जाती है.
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साल 1954 में भारत रत्न केवल जीवित व्यक्ति को ही दिया जाता था, लेकिन 1955 में मरणोपरांत भी भारत रत्न दिए जाने का प्रावधान जोड़ा गया। एक साल में सिर्फ़ तीन भारत रत्न ही दिए जाते हैं। अब तक कुल 48 लोगों को भारत रत्न सम्मान दिया गया है। ऐसे कई लोग हैं जिन्हें उनकी मृत्यु के बाद सम्मानित किया गया। हमारे पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री को सबसे पहले मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। पंडित मदन मोहन मालवीय, लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई, और लोकनायक जयप्रकाश नारायण। अब तक केवल 5 महिलाओं को ही मिल सका है।
1971 में एक महत्वपूर्ण अवसर आया जब इंदिरा गांधी को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया, जिससे उन्हें भारत रत्न प्राप्त करने वाली पहली महिला के रूप में चिह्नित किया गया। इंदिरा गांधी के असाधारण जीवन और उनके महत्वपूर्ण प्रभाव ने भारत के ऐतिहासिक कथानक पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ