सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने तमिल एक्टर विशाल के भ्रष्टाचार के आरोप पर रिएक्शन- डिजायर न्यूज़
सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने तमिल एक्टर विशाल के भ्रष्टाचार के आरोप पर रिएक्शन- डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली- भ्रष्टाचार के आरोप सरकारी विंभाग पर कोई नई बात नहीं है , इस में कही न कही सचाई भी छुप्पी होती है कुछ लोग हीमत करके इसे उजागर कर देते है तो कुछ में इतना हौसला ही नहीं होता की वो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा सके। भ्रष्टाचार को बढ़ावा हम खुद देते है , या तो हम कोई गलत काम करवाना चाहते है या फिर हमे जल्दी इतनी होती है कि हम विभाग के किसी दलाल को पकड़ कर काम करवाने के पैसे दे देते है।
साउथ के विशाल ने हाल ही में सभी को चौंका दिया, जब उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी नई मूवी ‘मार्क एनोटनी’ के हिंदी वर्जन को रिलीज करने के लिए उनसे 6.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। अब इस पर सेंसर बोर्ड ने करारा जवाब दिया है। CBFC की तरफ से कहा गया है कि छवि खराब करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अभी ये बात खुल कर सामने नहीं आई है कि रिश्वत दी गई या सिर्फ मांगी गई है। और अगर रिश्वत दी गई है तो देने वाला भी उतना ही दोषी है जितना लेने वाला।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने तमिल एक्टर विशाल के भ्रष्टाचार के आरोप पर रिएक्शन दिया है। विशाल ने आरोप लगाया था कि नई मूवी ‘मार्क एनोटनी’ के हिंदी वर्जन को रिलीज करने के लिए उनसे 6.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। अब सेंसर बोर्ड ने विशाल को करारा जवाब दिया है। CBFC ने कहा है कि वो ‘करप्शन के लिए जीरो टॉलरेंस’ रखता है। सीबीएफसी ने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर यह भी साफ कर दिया कि सेंसर बोर्ड की छवि खराब करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन को आम लोग सेंसर बोर्ड के नाम से जानते हैं. यह एक सेंसरशिप बॉडी है जो कि सूचना और प्रसारण मंत्रलाय के अंतर्गत कार्य करता है. केवल दूरदर्शन के लिए बनायीं फिल्मों के लिए CBFC के सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं पड़ती है क्योंकि दूरदर्शन को इस प्रकार के सर्टिफिकेट से छूट प्रदान की गयी है. इसके अलावा दूरदर्शन के पास ऐसी फिल्मों की जांच करने की अपनी प्रणाली है.
केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड या भारतीय सेंसर बोर्ड भारत में फिल्मों, टीवी धारावाहिकों, टीवी विज्ञापनों और विभिन्न दृश्य सामग्री की समीक्षा का अधिकार रखने वाला निकाय है. अर्थात यह उन सभी कार्यक्रमों को सर्टिफिकेट देता है जो जनता के बीच में दिखाये जाते हैं. सेंसर बोर्ड के द्वारा सर्टिफिकेट दिए जाने के बाद ही फिल्म को रिलीज किया जा सकता है. वैसे आज कल सब सिस्टम ऑनलाइन है।
CBFC या सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ,1 जून, 1983 से सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर के रूप में जाना जाता है की स्थापना मुंबई में 15 जनवरी 1952 में की गई थी. वर्तमान में मुंबई, चेन्नई, कलकत्ता, बैंगलोर, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, दिल्ली, कटक और गुवाहाटी में नौ क्षेत्रीय कार्यालय हैं. सेंसर बोर्ड पर साउथ के एक्टर के घूस लेने की बात पर अब वहां के एक्स चेयरमैन ने भी सीबीएफसी को बेनकाब कर दिया है। सेंसर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी ने कहा है कि ये सच है कि सेंसर बोर्ड में घूस का धंधा चल रहा है। उन्होंने एक्टर के आरोपों को सही बताते हुए काफी सारी बातें कही हैं।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने अपने बयान में कहा, ‘हमने रिपोर्ट किए जा रहे आरोपों को बहुत गंभीरता से लिया है और सीबीएफसी भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस रखता है। साथ ही इसमें शामिल पाए गए किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और हम मूल कारण तक पहुंचेंगे। इस बीच, सीबीएफसी की छवि खराब करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’
पहलाज निहलानी बोले- सीबीएफसी खुलेआम खा रही है
पहलाज निहलानी पूर्व सीईओ रहे है , उन्होंने विशाल के आरोपों का समर्थन किया है लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया की जब वो थे तब भ्रष्टाचार था या नहीं ? अब उन्होंने सीबीएफ को काफी अच्छी तरह से एक्सपोज़ कर दिया है। सुना था जब ये सरकार बनी थी तो कहा जा रहा था कि न खाऊंगा न खाने दूंगा, लेकिन सीबीएफसी खुलेआम खा रहा है। और ये लोग रिश्वत ले रहे हैं, बिना उसके ये लोग हैरेस करते हैं। क्योंकि चेयरमैन न तो ऑफिस आते हैं और न रोज का काम देखते हैं। उन्होंने तो सीईओ प्रसून जोशी के इस्तीफे की भी मांग की है।
मामले पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय सख्त
अभिनेता विशाल के बड़े खुलासे पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘अभिनेता विशाल द्वारा उठाया गया सीबीएफसी में भ्रष्टाचार का मुद्दा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है… सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को आज ही जांच करने के लिए मुंबई भेजा गया है। हम सभी से अनुरोध करते हैं सीबीएफसी द्वारा उत्पीड़न के किसी अन्य उदाहरण के बारे में jsfilms.inb@nic.in पर जानकारी प्रदान करके मंत्रालय के साथ सहयोग करें।
मंत्रालय की कार्रवाई से खुश विशाल
वहीं, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से तत्काल और बड़ा कदम उठाए जाने से अभिनेता विशाल खुश हैं। साथ ही वापस से पोस्ट करते हुए लिखा है, ‘मैं सीबीएफसी मुंबई में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तत्काल कदम उठाने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय को हृदय से धन्यवाद देता हूं। आवश्यक कार्रवाई के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और निश्चित रूप से उम्मीद है कि यह हर सरकारी अधिकारी के लिए एक उदाहरण होगा, जो भ्रष्टाचार का इरादा रखता है या उसका हिस्सा है। इसे देखने के बाद वह देश की सेवा करने के लिए ईमानदार मार्ग अपनाएगा न कि भ्रष्टाचार के कदम आगे बढ़ाएगा। भ्रष्टाचार समाज को दीमक की तरह खा रहा है , सरकार कोशिश तो बहुत करती है लेकिन सफल नहीं हो पाती क्यों की भ्रष्टाचार में नीचे से लेकर ऊपर तक , सहयोग सभी का है।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ