दो साल नकली सब इंस्पेक्टर ने राजस्थान में ली ट्रेनिंग , कोई नहीं पहचान पाया मोना बुगालिया को- डिजायर न्यूज़
दो साल नकली सब इंस्पेक्टर ने राजस्थान में ली ट्रेनिंग , कोई नहीं पहचान पाया मोना बुगालिया को- डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – नकली आईडी कार्ड से रॉब जमाना बड़ा पुराना फॉर्मूला है लेकिन बिना सब इंस्पेक्टर का टेस्ट पास किये , 2 साल तक पुलिस की ट्रेनिंग लेना , वर्दी का रोब दिखाना बड़े बड़े अधिकारियो के साथ फोटो खिचवाना उनके परिवार की शादी अटेंड करना सोशल मीडिया पर लगातार स्टोरी डालना ट्रेनी सब इंस्पेक्टरों को धमकाना ये किसी नटवर लाल का काम नहीं , ये काम है राजस्थान की मोना बुगालिया का।
माता-पिता अनपढ़, पिता ट्रक चालक, गांव में सुविधाएं नहीं और न ही लड़कियों के लिए पढाई का माहौल फिर भी लोगों से रुपए उधार लेकर पढ़ाई की और अब सब इंस्पेक्टर बनीं। सोशल मीडिया पर इस युवती की संघर्ष की कहानी ने आपको प्रभावित जरूर किया होगा। ये कहानी मोना नाम की एक लड़की की है जो खुद को राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर बताती है। लेकिन अब इस मोना बुगालिया का राज फाश हो चुका है। पुलिस ने केस दर्ज़ करवा कर आगे की कारवाही शुरू कर दी है।
राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग के लिए इस से ज्यादा शर्म की कोई बात नहीं हो सकती की एक नकली सब इंस्पेक्टर बन कर दो साल तक उनकी नाक के नीचे रह कल मोना बुगालिया को नहीं पकड़ सका , मोना की दिलेरी के सामने राजस्थान पुलिस फीकी पड़ गई है। सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग देने के लिए बड़े बड़े ऑफिसर होते है और बीच बीच में उच्च अधिकारी भी आते है।
जब चाहे जिसे चाहे वर्दी की धौंस दिखा कर चुप करा देती. वो कभी एडीजी के साथ टेनिस खेलती, तो कभी पूर्व डीजीपी की बेटी की शादी में मेहमान बन जाती. कभी किसी कोचिंग सेंटर में जाकर पुलिस परीक्षा कैसे पास की जाए, इस पर नए-नए छात्रों को ज्ञान की घुट्टी पिलाती. इस जालसाल महिला का नाम मोना बुगालिया है. उम्र महज 23 साल है. मोना राजस्थान के नागौर जिले के निंबा के बास गांव की रहनेवाली है. वो बचपन से पुलिस अफसर बनना चाहती थी टेस्ट भी दिया पर जब पास नहीं हुई तो जालसाज़ी का ये तरीका खीज कर पुलिस के साथ रहकर उनपर धोस जमाकर 2 साल तक वर्दी का आनद उठाती रही।
दो साल से मोना बुगालिया नाम की इस लड़की की सब इंस्पेक्टर बनने के संघर्ष की कहानी सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं, लेकिन अब राजस्थान पुलिस अकादमी के एक अफसर रमेश सिंह मीणी की ओर से इस मामले में शास्त्री नगर थाने में केस दर्ज कराया गया है। एकेडमी की ओर से मोना के फर्जी सब इंस्पेक्टर होने के बारे में शिकायत की गई है। आरपीए अपने स्तर पर भी मामले की जांच कर रहा है। चर्चा यहां तक है कि फर्जी महिला एसआई ने आरपीए तक में एंट्री कर रखी थी और वह ट्रेनिंग में भी शामिल होती थी। दरअसल एसआई भर्ती का परिणाम करीब दो साल पहले आया था। इसमें मोना बुगालिया नाम की युवती ने खुद को बेहद संघर्ष के बाद सब इंस्पेक्टर बनने के बारे में खबरें वायरल की थीं।
जो केस दर्ज कराया गया है उसमें बताया गया है कि मोना बुगालिया नाम की युवती जो पुलिस नहीं होते हुए भी एसआई की वर्दी, कैप और बैज लगाती है जो हूबहू राजस्थान पुलिस की तरह ही है। इसने कई सोशल मीडिया पर खुद को एसआई बताया है। उसने अपने आप को सही साबित करने के लिए एक फर्जी नियुक्त पत्र तक सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। ट्रेनिंग के दौरान वर्दी बाहर से बनवा सकते है ये फ़ायदा मोना ने उठाया , और कभी भी मैन गेट से एन्टेरी नहीं की उसे पता था वहां आई कार्ड चेक होता है , मोना ने हमेशा जहाँ से अफसर और उनकी फॅमिली आती है वहाँ से एन्टेरी ली.ताकि कोई उसे पकड़ ना सके।
मोना ने सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ भी अर्नगल टिप्पणी तक कर डाली। इसकी सूचना धीरे-धीरे जब आरपीए तक पहुंची तो अधिकारियों ने मोना नाम की महिला के एसआई होने के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। पता चला कि इस नाम की कोई भी एसआई पास नहीं हुई है। अब उसके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। वह नागौर की रहने वाली बताई जा रही है। वह खुद को एसआई के अलावा स्कूल लेक्चरर भी बताती है। माना जा रहा है कि उसके दस्तावेज भी फर्जी हैं। ट्रेनिंग सब इंस्पेक्टर ने अपना एक व्हाटप ग्रुप भी बना रखा था , सूत्र बताते है कि मोना की बहस एक सब इंस्पेक्टर से हो गई और मोना ने उसे धमकी दे डाली। सब इंस्पेक्टर ने जब रिजल्ट में मोना बुगालिया का नाम चेक किया और स्पोर्ट्स कोटा में भी मोना बुगालिया का नाम कही नहीं मिला तो उस सब इंस्पेक्टर ने इसकी शिकायत की और फिर मोना के राज खुलते चले गए।
फ़र्ज़ीवाड़े का यह कोई पहला केस नहीं है , ऐसे अनेको फर्ज़ीवाड़े हर रोज सामने आते है कही फ़र्ज़ी डिग्री से कोई नौकरी कर रहा होता है तो कही कोई नकली आईडी कार्ड से अपना धंधा चला कर लोगो को लूट रहा होता है। अगर सरकारी महकमो का ये हॉल है तो आप अंदाजा लगा सकते है की आज भी हमारे सिस्टम में कितने खामियाँ है। मोना-बुगालिया तस्वीरो का श्रेय गूगल को जाता है .
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ