पहले घूस खाकर अवैध निर्माण करवाओ और फिर गिरा दो , ये है रूप दिल्ली नगर निगम का -डिजायर न्यूज़

पहले घूस खाकर अवैध निर्माण करवाओ और फिर गिरा दो , ये है रूप दिल्ली नगर निगम का -डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – क्या कोई भी निर्माण रातों रात बन सकता है बिना पुलिस और दिल्ली नगर निगम की मर्ज़ी के , हमे लगता है कि कच्चे निर्माण को छोड़ कर अगर तीन या चार मंज़िल बनायीं जाती है तो कम से कम 6 महीने लग जाते है। दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने पुलिस को निर्माण कार्य में दखल देने को मना किया है लेकिन सचाई हर इंसान को पता है कि एक मकान के लैंटर पर कितना पैसा एस एच ओ को जाता है , साउथ दिल्ली के इलाके के हिसाब से रेट है वेध और अवैध सब के रेट फिक्स है। दिल्ली में नए पानी के बोरिंग की परमिशन मिलना नामुमकिन है लेकिन अगर आप प्रशाशन को पैसा देते हो तो रातो रात खुद वो लोग खड़ा करके बोरिंग करा कर जाएंगे।

MCD-Demolition-Drive-Dzire-News
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दिल्ली नगर निगम ने अपने 12 जोन में लगातार अवैध निर्माण के ख़िलाफ़ अभियान चला रखा है। जगह जगह अवैध निर्माण को या तो सील किया जा रहा है ,या फिर बुलडोजर से उसे तोडा जा रहा है अभी तक लगभग 300 के करीब दिल्ली नगर निगम के तोड़फोड़ की है , कुछ अवैध निर्माण सरकारी जगह पर बने थे तो कुछ में एमसीडी के बिल्डिंग लॉ फॉलो नहीं किये गए थे। करीब 77 के आसपास साइटों को सील भी किया है। लोगो का कहना है कि जब हमने मकान बनाये तब भी एमसीडी को पैसा दिया और आज उस पर बिलडोज़र चला कर हमे बर्बाद कर दिया है।

दिल्ली पुलिस और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के सहयोग से इस निर्माण को गिराया जाएगा। निगम सूत्रों के अनुसार, जो अवैध निर्माण गिराए गए हैं उन्हें राजनीतिक संरक्षण के चलते बनाया जा रहा था। जिस पर निगम ने सख्त रूख अपनाकर गिरा दिया है। निगम ने कहा कि जमीनी स्तर पर सर्वे को तेज कर रखा है। इसके तहत बिल्डरों द्वारा किए गए निर्माण को चिह्नित कर रहे हैं। एमसीडी राजनीतिक लोगो पर संरक्षण देने का आरोप लगा रही है उधर राजनेताओ का कहना है कि एमसीडी अधिकारी पहले पैसा लेकर निर्माण करवाते है और फिर अपने ही आदमियों से शिकायत करके उस निर्माण को गिरवा देते है।

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दिल्ली नगर निगम के अनुसार, जिन अनधिकृत कॉलोनियों से लेकर कृषि भूमि पर यह कार्रवाई हुई है उसमें मोहन गार्डन, राजपुर खुर्द स्थित विकास नगर, जेवीटीएस गार्डन छतरपुर, पुष्प विहार, मदनगीर, वसंत कुंज, जामिया नगर, जैतपुर, जगतपुरी, त्रिलोकपुरी, ढिचाउं एनक्लेव, निर्मल विहार, सुल्तान गार्डन (ढीचाउं कलां), मौर्या एनक्लेव, संत नगर बुराड़ी, लक्ष्मी पार्क, नांगलोई, रोहिणी सेक्टर 15 इलाके में 21 संपत्तियों में अवैध निर्माण गिराया गया है। निगम अधिकारी ने आगे बताया कि जिन अवैध निर्माणों को गिराया गया है उसे इस प्रकार से गिराया गया है कि उस संपत्ति और निर्माण सामग्री का उपयोग फिर से न हो सके।

एमसीडी ने कई लोगो पर मुक़दमे भी दर्ज़ करवाए है और साथ साथ दिल्ली जल बोर्ड और बिजली की सप्लाई बंद करने के आदेश भी दिए है। लेकिन एमसीडी ने अपने अधिकारियो पर कोई कारवाही नहीं की है जिन अफसरों की देख रेख में ये अवैध मकान या बिल्डिंग बनाई गई थी। और शायद ये कारवाही कभी होगी भी नहीं क्यों की पैसा खाकर अब वो अफ़सर बड़े पदों पर पहुंच गए होंगे या उनका उस इलाके से तबादला कर दिया गया होगा। किसी की जिम्मेदारी तय ना हो इस लिए एमसीडी इन अफसरों के तबादले जल्दी जल्दी करती रहती है।

दिल्ली नगर निगम अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय लोगों ने तोड़फोड़ को रोकने के लिए विरोध और बिभिन्न बहाने किए लेकिन सभी बाधाओं को पार करते हुए निगम ने सुरक्षित तरीके से अवैध निर्माण को गिरा दिया। दिल्ली नगर निगम ने नागरिकों से अपील की है कि वह धोखेबाज बिल्डरों से दूर रहे। जो सस्ते फ्लैट का लालच देकर नागरिकों की गाड़ी कमाई को अवैध निर्माण में लगा देते हैं। उल्लेखनीय है कि एमसीडी एक्ट और मास्टर प्लान 2021 के तहत निगम ऐसे किसी भी निर्माण को गिरा व रोक सकता है जो निगम की बिना मंजूरी के साथ बिना नक्शे पास करके बनाए जा रहे हो।

अवैध कॉलोनी एक दिन मैं नहीं बनती इसके लिए राजनीतिक संरक्षण बहुत जरुरी है लोकल कौंसलर , विधायक और सांसद अपने वोट बैंक के लिए इन्हे बसवा देते है और फिर इन्हे बिजली पानी सड़के सब मुफ़्त में देकर अपने वोट पके करते है तब एमसीडी नहीं देखती की ये सब सुविधाएं अवैध जगह में क्यों दी जा रही है फिर जब कानून का दबाव आता है तो उन कॉलोनी को अवैध करार करके गिरा दिया जाता है। अवैध निर्माण के लिए जब तक एमसीडी , दिल्ली जल बोर्ड और राजनेता जेल नहीं जायेगे तब तक जब जी चाहे एमसीडी अपना बुलडोजर चलाती रहेंगी दिल्ली में। सेट लाइट मैप से अगर हर तीन महीने में इमेज को लेकर चैक किया जाए तो अवैध निर्माण का पता तुरंत चल सकता है और तुरंत कारवाही भी हो सकती है।

सजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

 

 

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