सुपुर्द-ए-खाक हुए जूनियर महमूद, अंतिम विदाई में सबकी आंखें रहीं नम, ज़ाहिद अली बॉलीवुड एक्टर- डिजायर न्यूज़
सुपुर्द-ए-खाक हुए जूनियर महमूद, अंतिम विदाई में सबकी आंखें रहीं नम, ज़ाहिद अली बॉलीवुड एक्टर- डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता जूनियर महमूद का पार्थिव शरीर सुपुर्द-ए-खाक हो गया है। 67 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वे पेट के कैंसर से जूझ रहे थे। जूनियर महमूद के निधन की पुष्टि उनके करीबी दोस्त ज़ाहिद अली ने की। अभिनेता के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। जॉनी लीवर, रजा मुराद, कॉमेडियन सुनील पाल से लेकर फिल्म जगत की तमाम हस्तियां महमूद को अंतिम विदाई में मौजूद रही , सभी की आंखे नम थी। अपने अभिनय से खुशियाँ बखरने वाला कलाकार सब को अंतिम समय में रुला कर चला गया।
जूनियर महमूद पेट के कैंसर से पीड़ित हैं। उन्हें स्टेज-4 कैंसर था। यह कैंसर पेट से उनके लिवर, फेफड़ों और आंत तक फैल गया था। उनके करीबी दोस्त और एक्टर ज़ाहिद अली ने बताया कि डॉक्टर्स ने यहां तक कह दिया था कि अब जूनियर महमूद के पास बहुत कम वक्त है। मास्टर राजू और दिग्गज कॉमेडियन जॉनी लीवर हर दिन जूनियर महमूद का हाल लेने पहुंच रहे थे। जॉनी लीवर ने उनके इलाज के खर्च में भी मदद की थी। जूनियर महमूद ने अपनी आखिरी इच्छा जाहिर कि थी कि वह अपने दोस्त जितेंद्र से मिलना चाहते हैं। इसके बाद जितेंद्र उनसे मिलने भी पहुंचे थे। एक्टर सचिन पिलगांवकर ने भी अपने दोस्त का आखिरी वक्त में हाल लिया था।
जितेंद्र जब वह अपने दोस्त से मिलने पहुंचे तो उन्हें पहचान नहीं सके। यह दिल तोड़ने वाला था। परिवार ने बताया कि बीमारी के कारण जूनियर महमूद का 36 किलो वजन कम हो गया था। वह बहुत दर्द में जी रहे थे। वहां उनके साथ पत्नी और बच्चे भी थे। यह सब देखकर जितेंद्र का दिल पसीज गया और वह भावुक हो गए। जितेंद्र और जूनियर महमूद ने नासिर हुसैन की फिल्म ‘कारवां’ में साथ काम किया था। तब सेट पर आशा पारेख और जितेंद्र के साथ जूनियर ने खूब समय बितया था और यहीं से दोस्ती गहरी हुई थी।
जूनियर महमूद एक एक्टर होने के साथ ही सिंगर भी थे। उन्होंने हिंदी के साथ ही मराठी फिल्मों में भी काम किया था। साल 1967 में जूनियर महमूद ने ‘नौनिहाल’ फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फिल्म में उनके किरदार का नाम ‘बिल्लू’ था। साल 1971 में आई ‘हाथी मेरे साथी’ में जूनियर महमूद ने ‘छोटे’ का किरदार निभाया। राजेश खन्ना की इस सुपरहिट फिल्म से वह सबकी नजरों में छा गए। साल 2012 में वह टीवी सीरियरल ‘प्यार का दर्द है मीठा मीठा प्यारा प्यारा’ में भी नजर आए थे। 1968 में रिलीज ‘ब्रह्मचारी’, 1970 में रिलीज ‘मेरा नाम जोकर’, 1977 में आई ‘परवरिश’ और 1980 में रिलीज ‘दो और दो पांच’ ऐसी फिल्में थीं, जिनसे उन्हें पॉपुलैरिटी मिली। जूनियर महमूद महज 9 साल की उम्र से फिल्मों में काम कर रहे थे।
मशहूर अभिनेता जूनियर महमूद का पार्थिव शरीर सुपुर्द-ए-खाक हो गया है। परिवारवालों ने अभिनेता को नम आंखों से भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मनोरंजन जगत की तमाम नामचीन हस्तियां भी वहां मौजूद थीं, जिन्होंने अपने प्यारे-दुलारे दोस्त महमूद को अंतिम विदाई दी।
अभिनेता को आखिरी विदा देने पहुंचे सितारे
कॉमेडियन का अंतिम संस्कार आज जुहू कब्रिस्तान में किया जाएगा। उन्हें आखिरी विदा देने के लिए ज़ाहिद अली ,जॉनी लीवर, रजा मुराद, सुनील पाल, कॉमेडियन जावेद , अरुण गोविल , शिवपाल शर्मा समेत कई उनके आवास पर पहुची हैं। राकेश बेदी, आसिफ भामला और सुधेश भोसले भी जूनियर महमूद के आखिरी दर्शन करने पहुंचे।
जूनियर महमूद का नाम नईम सय्यद था और उन्हें ये पेन नेम दिग्गज कॉमेडियन महमूद ने दिया था। जूनियर महमूद ने ब्रह्मचारी, दो रास्ते, कटी पतंग, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘कारवां’ और ‘मेरा नाम जोकर’ सहित कई चर्चित फिल्मों में काम किया था। सबसे ज्यादा वे राजेश खन्ना और गोविंदा की फिल्मों में दिखे।
जूनियर महमूद अपने पीछे परिवार में पत्नी लता और दो बेटों, बहू और एक पोते को छोड़ गए हैं। बॉलीवुड में उनके चाहने वाले दोस्तों को जैसे ही पता चला फिर तो उनसे मिलने वाले दोस्त आये दिन उनके पास पहुंचने लगे पर तब तक देर हो चुकी थी , वो अपने अंतिम समय में कुछ ही दोस्तों को पहचान कर मुस्कुराये जिसमें उनके करीबी दोस्त ज़ाहिद अली भी थे। दशकों में ऐसे कलाकार पैदा होते है। डिजायर न्यूज़ उनके पूरे परिवार के साथ इस दुःख की घडी में साथ खड़ा है।
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ