कभी अपना कोट भी नहीं , ईमानदारी की एक मिसाल कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न – डिजायर न्यूज़

कभी अपना कोट भी नहीं , ईमानदारी की एक मिसाल कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न – डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाएगा। कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। यह घोषणा केंद्र की मोदी सरकार की ओर मंगलवार देर शाम की गई। 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती है। जयंती से एक दिन पहले की सरकार की ओर से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने खुशी जाहिर की। उन्होंने बताया कि कर्पूरी ठाकुर की जन्मशताब्दी पर 24 जनवरी को केंद्र सरकार सिक्का और नए स्वरूप का डाक टिकट भी जारी करेगी। 1988 में कर्पूरी ठाकुर का निधन हो गया था।

जननायक के नाम से मशहूर बिहार के नेता ने व्यक्तित्व और कार्यों के जरिए भी कई उदाहरण पेश किए थे. किस कदर गरीबी से निकल कर वह जनप्रतिनिधि बने और तब भी ईमानदारी बरत रहे थे, इसकी एक बानगी उनके विदेश दौरे के किस्से से मिलती है. उन्हें ऑस्ट्रिया जाने के लिए अच्छे कपड़े नहीं होने की वजह से दोस्त से कोट उधार मांगना पड़ा था.

Karpoori-Thakur-Rahul-Gandhi-Nitiesh-Kumar-Lallu-Yadav-Dzire-
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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेताओं में शामिल रहे हेमवती नंदन बहुगुणा ने संस्मरण में कर्पूरी ठाकुर का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा था, “कर्पूरी ठाकुर की आर्थिक तंगी को देखते हुए देवीलाल (चौधरी देवीलाल भारत के उप-प्रधानमंत्री रहे) ने पटना में हरियाणवी मित्र से कहा था- कर्पूरी जी कभी आपसे पांच-दस हजार रुपये मांगें तो आप उन्हें दे देना, वह मेरे ऊपर आपका कर्ज रहेगा. बाद में देवीलाल ने मित्र से कई बार पूछा- भाई कर्पूरी ने कुछ मांगा. हर बार मित्र का जवाब होता- नहीं साहब, वे तो कुछ मांगते ही नहीं.”

1952 में विदेश जाने के लिए उधार मांगने पड़े थे कपड़े

कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ के हवाले से बीबीसी ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर 1952 में विधायक बने थे. एक प्रतिनिधिमंडल ऑस्ट्रिया जा रहा था जिसमें कर्पूरी ठाकुर भी थे. उनके पास कोट ही नहीं था. सारे लोग सूट-बूट में थे इसीलिए कर्पूरी ठाकुर को भी दोस्त से कोट उधार मांगना पड़ा. इतना ही नहीं, जब वह विदेश पहुंचे तब भी उनकी सादगी पर वहां के मार्शल टीटो फिदा हो गए. दरअसल, कर्पूरी ठाकुर ऑस्ट्रिया से यूगोस्लाविया भी गए तो मार्शल टीटो ने देखा कि उनका कोट फटा है और इसके बाद उन्हें एक कोट भेंट किया था.

बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे कर्पूरी ठाकुर

कर्पूरी ठाकुर की 24 जनवरी, 2024 को 100वीं जंयती थी. उनका जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर में हुआ था. 1967 में पहली बार उप मुख्यमंत्री बने और 1971 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. वे पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. राजनीति में कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक चालों को भी समझते थे और समाजवादी खेमे के नेताओं की महत्वाकांक्षाओं को भी. वे सरकार बनाने के लिए लचीला रुख अपना कर किसी भी दल से गठबंधन कर सरकार बना लेते थे लेकिन अगर मन मुताबिक काम नहीं हुआ तो गठबंधन तोड़कर निकल भी जाते थे.

Karpoori-Thakur-Getting-Bharat-Rattana-Award-Dzire-News
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लम्बे समय से कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ देने की मांग बिहार से उठती रही है। कर्पूरी ठाकुर की जब बिहार में सरकार थी, तब उन्होंने पिछड़े वर्ग के लिए 12 फीसद आरक्षण लागू किया था। उस वक्त जनसंघ के वरिष्ठ नेता कैलाशपति मिश्र उनकी सरकार में वित्त मंत्री थे। उन्होंने भी कर्पूरी ठाकुर की आरक्षण नीति को उनका समर्थन था।

यही वजह है कि उनके राजनीतिक दोस्त और दुश्मन दोनों को ही उनके राजनीतिक फैसलों के बारे में अनिश्चित रहते थे. इसी राजनीतिक पारंगत व्यक्तित्व की वजह से उन्होंने हमेशा जातिगत समीकरण साधते हुए उम्मीदवारों का चुनाव किया और ऐसी सरकार चलाई जो पिछड़े वर्ग को अग्रिम पंक्ति में लाकर खड़ा करने में सफल रही. कर्पूरी ठाकुर का निधन 64 साल की उम्र में 17 फरवरी, 1988 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था.

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कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’मिलने पर PM मोदी ने क्या कहा

कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ दिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर की। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है, वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान करता है, बल्कि हमें एक अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है।

नीतीश बोले- केंद्र का अच्छा निर्णय
कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- ‘पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है। केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है।

लालू यादव ने कहा

मेरे राजनीतिक और वैचारिक गुरु स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था। हमने सदन से लेकर सड़क तक ये आवाज़ उठायी लेकिन केंद्र सरकार तब जागी जब सामाजिक सरोकार की मौजूदा #बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना करवाई और आरक्षण का दायरा बहुजन हितार्थ बढ़ाया। डर ही सही राजनीति को दलित बहुजन सरोकार पर आना ही होगा।

चिराग पासवान ने क्या कहा

चिराग पासवान ने अपने एक्स पैर लिखा ” शोषितों और वंचितों के उत्थान के प्रति हमेशा सजग रहने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री “भारत रत्न” जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती पर शत-शत नमन। तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया वंचित, उपेक्षित, उत्पीड़ित और उपहासित वर्गों के पैरोकार, महान समाजवादी नेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की हमारी दशकों पुरानी मांग पूरी होने पर अपार खुशी हो रही है। इसके लिए केंद्र सरकार को साधुवाद।

 

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

 

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