केजरीवाल के सांसद संजय सिंह ई डी की गिरफ़्त में – डिजायर न्यूज़
AAP leader Sanjay Singh Arrested by ED
केजरीवाल के सांसद संजय सिंह ई डी की गिरफ़्त में – डिजायर न्यूज़
डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – आज सुबह ई डी ने आप सांसद संजय सिंह के सरकारी निवास नार्थ ब्लॉक में दबिश दी। सुबह सुबह जब ई डी संजय सिंह के घर पहुंची तो उनके पिता लॉन में बैठे थे , खबर आग की तरह फैली और मीडिया के साथ साथ आप पार्टी के कार्यकर्त्ता भी घर के बाहर पहुंचने शुरू हो गए। मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू में संजय सिंह के पिता ने बताया की ये सब राजनीती से परेरित है और उनके बेटे को गलत तंग किया जा रहा है जब की शराब नीति में अभी तक कुछ भी ठोस निकल कर नहीं आ रहा है इस बीच ई डी के अधिकारी उन्हे घर के अंदर लेकर चले गए। घंटो पूछताछ के बाद आखिर संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। अब उन्हे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
अगर दो या तीन महीने पहले के बात देखे तो तब ई डी ने शराब घोटाले में चार्ज शीट फाइल की थी तब संजय नाम आया था , तभी संजय सिंह ने फाइनेंस मिनिस्टर और ई डी को पत्र लिखा की शराब नीति में उनका कोई रोल नहीं है और उन्हे बदनाम करने के लिए उनका नाम घसीटा जा रहा है तब ई डी ने माफी मांगी थी। लेकिन अब दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह के दिल्ली आवास पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के बाद संजय सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने करीब दस घंटे की पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की है।
दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार सुबह आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह के दिल्ली आवास पर छापा मारा। यह तलाशी शराब घोटाला मामले में हुई। दोपहर के बाद ईडी ने संजय सिंह को गिरफ्तार लिया। करीब 10 घंटे पूछताछ के बाद ईडी ने यह कार्रवाई की है। इससे पहले इसी मामले में सांसद के कई अन्य करीबी लोगों के परिसरों की तलाशी ली गई थी। संजय सिंह की गिरफ्तारी की खबर सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी में हलचल मच गई है। आमतौर पर ई डी सर्च के समय काम ही गिरफ्तारी करती है ,अगर घर से कोई ठोस सबूत मिला होगा तभी 10 घंटे पूछताछ के बाद संजय सिंह की गिरफ्तारी की घोषणा की गई है।
ईडी के आरोप पत्र के अनुसार, दिल्ली के व्यवसायी दिनेश अरोड़ा, जिन्हें दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में आरोपी के रूप में नामित किया गया था। पहले संजय सिंह की उपस्थिति में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी। एक बयान में अरोड़ा ने ईडी को बताया कि उनकी मुलाकात एक कार्यक्रम के दौरान संजय सिंह से हुई थी। जिसके बाद वह दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के भी संपर्क में आए थे। और इस मीटिंग में ही पार्टी फण्ड के लिए पैसा लिया गया।
आगे बताया कि यह कार्यक्रम दिल्ली चुनाव से पहले धन जुटाने के लिए आयोजित किया गया था। इस साल मई में ईडी ने संजय सिंह के करीबी सहयोगियों के परिसरों की तलाशी ली थी और उन्होंने आरोप लगाया था कि ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में उनके दो सहयोगियों अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के घरों पर छापेमारी की। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आवास पर ईडी की छापेमारी चल रही है। अगर देखा जाए तो संजय सिंह आम आदमी की दिल्ली सरकार में किसी भी पद पर नहीं है वो सिर्फ एक सांसद है। अभी हाल में संसद की कारवाही में बाधा डालने के लिए उन्हे निलंबित कर दिया था और वो रात दिन संसद सत्र में धरने पर बैठे रहे। उनके साथ आप पार्टी के सांसद राघव चढ़ा को भी निलंबित कर दिया गया था।
संजय सिंह के आवास समेत अन्य जगहों पर जांच एजेंसी की छापेमारी के बाद उनकी गिरफ्तारी को लेकर आप नेता से लेकर कार्यकर्ता विरोध करते रहे। इसका असर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी देखने को मिला। आप कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में प्रदर्शन किया है। आप कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के हजरतगंज में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कार्यकर्ताओं की पुलिसकर्मियों के साथ झड़प भी हुई।
शराब नीति मामले में ईडी की कार्रवाई पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनके घर पर कुछ भी नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि साल 2024 के चुनाव आ रहे हैं। वे जानते हैं कि वे हार जाएंगे। ये उनके हताश प्रयास हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे। ईडी, सीबीआई जैसी सभी एजेंसियां एक्टिव हो जाती है। लेकिन अगर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार की बात करे तो अभी तक आम पार्टी के कितने ही विधायक और मंत्री जेल जा चुके है वो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। मनीष सिसोदिया , सतिंदर जैन दोनों मंत्री पहले ही जेल में है। संजय सिंह मीडिया स्तर से लेकर बड़े बड़े मुद्दों पर सरकार को घेरने में कोई कमी नहीं छोड़ते थे , उनके जेल जाने से आम आदमी पार्टी को एक गहरा झटका लग सकता है।
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई पॉलिसी लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई। जबकि बाद में इस शराब नीति को वापस भी ले लिया था। आम आदमी पार्टी का कहना है कि इस नीति से सरकार को कोई नुकसान नहीं हुआ उल्टा फ़ायदा ही हुआ है।
शराब ब्रिकी के लिए ठेकेदारों को लाइसेंस लेना पड़ता है। इसके लिए सरकार ने लाइसेंस शुल्क तय किया है। सरकार ने कई तरह की कैटेगिरी बनाई है। इसके तहत शराब, बीयर, विदेशी शराब आदि को बेचने के लिए लाइसेंस दिया जाता है। अब उदाहरण के लिए पहले जिस लाइसेंस के लिए ठेकेदार को 25 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसी के लिए पांच करोड़ रुपये देने पड़े। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस शुल्क बढ़ाया। इससे छोटे ठेकेदारों की दुकानें बंद हो गईं और बाजार में केवल बड़े शराब माफियाओं को लाइसेंस मिला। विपक्ष का आरोप ये भी है कि इसके एवज में आप के नेताओं और अफसरों को शराब माफियाओं ने मोटी रकम घूस के तौर पर दी।
पहली चार्जशीट में पहली बार मनीष सिसोदिया का नाम आरोपी के तौर पर सामने आया था। कई अन्य लोग भी शामिल थे। इसके बाद दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विशेष अदालत में दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है। इसमें तीन व्यक्तियों राघव मगुंटा, राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा के अलावा उनसे जुड़ी पांच कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। ईडी ने अभी तक इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एवं व्यवसायी अमनदीप सिंह ढाल के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं किया था। दूसरी चार्जशीट में ईडी ने 12 आरोपी बनाए थे। ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दिल्ली शराब आबकारी नीति मामले में दूसरी चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट में 12 अभियुक्तों के नाम शामिल थे। विजय नायर, शरथ रेड्डी, बिनॉय बाबू, अभिषेक बोइनपल्ली, अमित अरोड़ा और 7 कंपनियों के नाम थे। अभी भी जांच जारी है।
दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि उन्होंने इस शराब नीति के जरिए करोड़ों कमाए। आज जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। इस मामले में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और उनके कट्टर ईमानदार नेताओं के चेहरे बेकनाब होंगे। इन्होंने दिल्ली की जनता को लूटा है। चार्जशीट में पहले से संजय सिंह का नाम था।
ईडी ने इस मामले में पहले उनके स्टाफ सदस्यों और उनसे जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ की थी. संजय सिंह की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) प्रदर्शन कर रही है ईडी जब संजय सिंह को उनके आवास से गिरफ्तार कर निकली तो उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया.
आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि पिछले करीब 15 महीनों से बीजेपी एक तथाकथित शराब घोटाले की आड़ में हम पर आरोप लगा रही है. पिछले 15 महीनों में 1 हजार जगहों पर ईडी द्वारा छापेमारी कराई गई है. कई अफसर इसमें लगे हुए हैं. 15 महीने बीतने के बाद, लोगों को गिरफ्तार करने के बाद जांच में आज तक किसी एजेंसी को फूटी कौड़ी तक नहीं मिली. अगर कोई घोटाला होता तो न जाने कितनी संपत्ति बरामद होती. ये दिखाता है कि ये राजनीति से प्रेरित है. कांग्रेसभी आप पार्टी के लिए सामने आई है कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ईडी बीजेपी का इलेक्शन डिपार्टमेंट बन चुका है. संजय सिंह निर्भिक व्यक्ति हैं और मोदी सरकार को मुद्दों पर कठघरे में खड़े करते हैं. अब उनसे दुर्व्यवहार किया जा रहा है. यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ