पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट में अब नाबालिक की माँ गिरफ्तार , बाप , दादा , ड्रॉक्टर समेत 11 लोग जेल में – डिजायर न्यूज़

पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट में अब नाबालिक की माँ गिरफ्तार , बाप , दादा , ड्रॉक्टर समेत 11 लोग जेल में – डिजायर न्यूज़

डिजायर न्यूज़ नई दिल्ली – एक मीडिया रिपोर्ट ने कैसे पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट की कलाई खोल कर रख दे वरना पुलिस से लेकर डॉक्टर और जज सभी ने इस केस को साधारण केस समझ कर ठंडे बस्ते में डालने का पूरा प्लान बना दिया था , श्याद कितने ही ऐसे केस सिर्फ फाइलों में पैसे के दम पर दफ़न हो जाते है। इन्साफ मिलना तो दूर की बात है। नाबालिक बेटे को करोडो की पोर्श कार चलाने को देना , यह जानते हुए की बेटा शराब का आदि है , उसके बाद उसके जुर्म को ढकने के लिए बिल्डर दादा , पिता , माँ , डॉक्टर और पुलिस कैसे बचाने में लग जाती है उसकी ये कहानी है।

पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 18-19 मई की रात एक नाबालिग लड़के ने पोर्श कार से आईटी सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मार दी थी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं घटना के समय आरोपी नशे में था और तेज स्पीड में कार चला रहा था. इस मामले में आरोपी की मां सहित अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. नाबालिग के पिता को 21 मई और दादा को 25 मई को गिरफ्तार किया गया था.
इसके अलावा ससून अस्पताल के दो डॉक्टर, एक स्टाफ और पब के मालिक-मैनेजर और स्टाफ सहित आठ लोग शामिल हैं. बता दें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को पांच जून तक के लिए बाल सुधार गृह भेजा है. पुलिस उससे पूछताछ कर सकती है, क्योंकि ​​​​​​जुवेनाइल बोर्ड ने शुक्रवार 31 मई को उससे पूछताछ करने के लिए पुलिस को अनुमति दे दी है.

पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट में अब नाबालिक की माँ गिरफ्तार-डिजायर न्यूज़

पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट में अब नाबालिक की माँ गिरफ्तार-डिजायर न्यूज़

पुणे में पोर्शे कार हादसे के मामले में हर दिन नई जानकारी सामने आ रही है। कुछ दिन पहले यह बात सामने आई थी कि जांच के लिए भेजे गए ब्लड के सैंपल नाबालिग आरोपी के नहीं थे। इसके बाद ससून अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की ओर से ब्लड के सैंपल के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई। अब इस बात पर अपडेट है कि ये बदले हुए ब्लड के सैंपल किसके हैं? आरोप है कि नाबालिग आरोपी की मां और बिल्डर विशाल अग्रवाल की पत्नी शिवानी अग्रवाल के ब्लड सैंपल में बदलाव कर उसे नाबालिग आरोपी के नाम से जांच के लिए भेज दिया गया। सूत्रों ने बताया है कि जांच कमेटी की रिपोर्ट में इस संबंध में जानकारी है। ऐसे में अब पुलिस सामने आ रही खामियों को गंभीरता से लेते हुए शिवानी के ब्लड सैंपल एकत्र करेगी। कानूनी मंजूरी मिलने के बाद मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।

ब्लड सैंपल किसी महिला के
जब किशोर आरोपी को मेडिकल जांच के लिए ससून अस्पताल लाया गया तो उसके कुछ रिश्तेदार भी उसके साथ थे। उन्होंने लड़के का सैंपल कूड़े में फेंक दिया। इसके बजाय किसी अन्य व्यक्ति के ब्लड के सैंपल टेस्ट के लिए दिए गए। गहन चिकित्सीय जांच से पता चला कि ये नमूने किसी पुरुष के नहीं बल्कि एक महिला के थे। इसलिए आशंका है कि यह सैंपल बच्चे की मां का है। बताया जाता है कि जांच कमेटी की जांच रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है। इस आधार पर ही पुणे पुलिस ने नाबालिक की माँ शिवानी को भी गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी बेटे के कबूलनामे के बाद से पिता विशाल अग्रवाल गिरफ्तार -डिजायर न्यूज़
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ससून अस्पताल के संस्थापक काले को छुट्टी पर भेजा
उधर, नाबालिग का ब्लड सैंपल बदलने के मामले में डॉ अजय तावड़े और अतुल घाटकांबले को निलंबित कर दिया गया है। चूंकि डॉ श्रीहरि हल्नोर एक ठेकेदार हैं, इसलिए उनकी सेवाएं तुरंत समाप्त कर दी गई हैं। इस पूरे मामले में संस्था के प्रमुख के रूप में समग्र मामलों को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए ससून अस्पताल के संस्थापक डॉ विनायक काले को सरकार ने अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया है। पुणे पोर्श कार हादसे में दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक डॉक्टर का नाम हैलनोर है। आरोपी डॉक्टर से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसने फॉरेंसिक विभागाध्यक्ष डॉ. अजय तवारे के निर्देश पर ब्लड का सैंपल बदल दिया था। ये काम करने के लिए आरोपी डॉक्टर को तीन लाख रुपये मिले थे। पुणे पुलिस ने नाबालिग आरोपी की ब्लड जांच के लिए सैंपल ससुन अस्पताल भेजा था। इन दोनों डॉक्टर्स ने मिली भगत से आरोपी के ब्लड सैंपल को किसी दूसरे ब्लड सैंपल के साथ बदल दिया था। डॉ ने गिरफ्तारी के बाद धमकी दी है कि वो इस पूरे मामले को उजागर करेंगे।

पुणे रोडरेज केस -राहुल गाँधी ने सीधा सरकार पर निशना साधा -डिजायर न्यूज़
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आरोप है कि नाबालिग के पिता ने खून के नमूने बदलने के लिए डा. तवारे को कॉल किया था। इस कॉल के बाद 19 मई को सुबह करीब 11 बजे ससून अस्पताल में लिया गया खून का नमूना अस्पताल के कूड़ेदान में फेंक दिया गया और दूसरे व्यक्ति का खून का नमूना लिया गया। इस सैंपल को फोरेंसिक लैब में भेजा गया। जांच के दौरान सीएमओ श्रीहरि हल्नोर ने इस ब्लड सैंपल को बदला। सूत्रों के हवाले से ससून के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के एचओडी अजय तावरे के निर्देश पर श्रीहरि हल्नोर ने इसे बदल दिया। नाबालिग के पिता के फ़ोन कॉल रिकॉर्ड से इस बात का खुलासा हुआ हैकि वो डॉ के टच में थे।

एक बात इस केस को देख कर साफ़ नज़र आती है कि अगर पुलिस प्रशाशन अगर ठीक से जांच करे तो मुलज़िम का बचना नामुमकिन है। इस केस में अब पुणे पुलिस काफी गहनता से जांच में जुटी है और हर बारीकी से जांच कर , हर रोज नए खुलासे कर रही है। अब लगता है जिन दो इंजीनियर एक लड़का और एक लड़की ने अपनी जान गवाई है उनके परिवार को श्याद इंसाफ मिल सके। उनके चिराग तो वापस नहीं आ सकते लेकिन सत्ता और पैसे के नशे में चूर ऐसे लोगो को अगर सजा मिलती है तो समाज में एक मैसेज जाता है कि कानून सब के लिए एक समान है।

संजीव शर्मा
एडिटर इन चीफ

 

 

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